क्या भारत और न्यूजीलैंड के बीच एफटीए पर लगी मुहर, 20 मिलियन डॉलर का होगा निवेश?

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क्या भारत और न्यूजीलैंड के बीच एफटीए पर लगी मुहर, 20 मिलियन डॉलर का होगा निवेश?

सारांश

भारत और न्यूजीलैंड के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर सहमति बन गई है, जिससे दोनों देशों के बीच 20 मिलियन डॉलर का निवेश होगा। इस समझौते से व्यापार और नवाचार में वृद्धि की उम्मीद है। जानें, इस समझौते की विशेषताएँ और इसके संभावित लाभ।

Key Takeaways

  • भारत और न्यूजीलैंड के बीच मुक्त व्यापार समझौता
  • 20 मिलियन डॉलर का निवेश
  • 95% निर्यात पर टैरिफ में कटौती
  • 57% उत्पादों को ड्यूटी-फ्री पहुंच
  • द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि की उम्मीद

नई दिल्ली, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और न्यूजीलैंड के बीच एक महत्वपूर्ण मुक्त व्यापार समझौते पर सहमति बन गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लस्कन ने इस विषय पर टेलीफोन पर संवाद किया, जिसमें दोनों नेताओं ने एक विशेष भारत-न्यूजीलैंड एफटीए की घोषणा की। इस समझौते के तहत दो देशों के बीच 20 मिलियन डॉलर का निवेश होगा।

जानकारी के अनुसार, यह भारत का पिछले कुछ वर्षों में सातवां एफटीए है, जो ओमान, ब्रिटेन, ईएफटीए देशों, यूएई, ऑस्ट्रेलिया और मॉरीशस के बाद आया है। दोनों देशों के नेता इस बात पर सहमत हुए कि यह एफटीए व्यापार, निवेश, नवाचार और सहयोग के अवसरों को बढ़ावा देगा। इसके अतिरिक्त, रक्षा, खेल, शिक्षा और लोगों के बीच संबंधों में भी विकास को बढ़ावा देने पर चर्चा हुई।

इस बातचीत के दौरान, दोनों प्रधानमंत्रियों ने अगले पांच वर्षों में आपसी व्यापार को दोगुना करने और अगले 15 सालों में न्यूजीलैंड से भारत में 20 बिलियन डॉलर का निवेश करने का आश्वासन दिया।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अनुसार, यह बातचीत इस साल मार्च में शुरू हुई थी और 9 महीने की रिकॉर्ड अवधि में एफटीए को पूरा किया गया। यह दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने की साझा इच्छा का प्रतीक है।

पीएमओ के बयान में कहा गया, “यह एफटीए आर्थिक जुड़ाव को और गहरा करेगा, बाजार तक पहुंच बढ़ाएगा, निवेश का प्रवाह बढ़ाएगा और दोनों देशों के नवाचार, उद्यमियों, किसानों, एमएसएमईएस, छात्रों और युवाओं के लिए नए अवसरों का सृजन करेगा।”

प्रधानमंत्रियों ने शिक्षा, खेल और आपसी सहयोग के अन्य क्षेत्रों में प्राप्त प्रगति का स्वागत किया और इस साझेदारी को मजबूत करने का आश्वासन दिया।

यह ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौता न्यूजीलैंड के 95 प्रतिशत निर्यात पर टैरिफ को या तो समाप्त करता है या इसे काफी कम करता है। यह भारतीय एफटीए में अब तक की सबसे बड़ी टैरिफ रियायत मानी जा रही है।

इस समझौते के तहत लगभग 57 प्रतिशत उत्पादों को पहले दिन ड्यूटी-फ्री पहुंच प्राप्त होगी, जो समझौते के पूरी तरह लागू होने पर बढ़कर 82 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी। शेष 13 प्रतिशत उत्पादों पर भी टैरिफ में भारी कटौती की जाएगी।

न्यूजीलैंड के आधिकारिक बयान के अनुसार, यह समझौता उनके निर्यातकों को कई क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धियों के बराबर या बेहतर स्थिति में लाता है और भारत के तेजी से बढ़ते मध्य वर्ग के लिए अवसरों के द्वार खोलता है।

इसमें आगे कहा गया, “भारतीय अर्थव्यवस्था 2030 तक 12 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ने की संभावना है। भारत-न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौता हमारे निर्यातकों के लिए बहुत बड़ी संभावनाएं उत्पन्न करता है और 10 वर्षों में निर्यात की वैल्यू को दोगुना करने के लक्ष्य की दिशा में तेजी लाएगा।”

Point of View

जो मध्य वर्ग के लिए नए अवसरों का सृजन करेगा। इसे देखते हुए, यह आवश्यक है कि दोनों देश इस दिशा में निरंतर प्रयास करें।
NationPress
22/12/2025

Frequently Asked Questions

भारत और न्यूजीलैंड के बीच एफटीए का क्या महत्व है?
यह एफटीए दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ावा देगा, जिससे आर्थिक संबंध मजबूत होंगे।
इस एफटीए के तहत कौन-कौन से उत्पादों पर टैरिफ में कटौती होगी?
इस एफटीए के तहत लगभग 95 प्रतिशत निर्यात पर टैरिफ को समाप्त किया जाएगा या काफी कम किया जाएगा।
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