क्या भारतीय अमेरिकी शेयरों में जमकर पैसा लगा रहे हैं, एनवीडिया और गूगल में सबसे ज्यादा निवेश किया?

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क्या भारतीय अमेरिकी शेयरों में जमकर पैसा लगा रहे हैं, एनवीडिया और गूगल में सबसे ज्यादा निवेश किया?

सारांश

भारतीय निवेशक अब अमेरिकी शेयर बाजार में बड़ी मात्रा में निवेश कर रहे हैं। एनवीडिया और गूगल जैसी कंपनियों में निवेश की प्रवृत्ति बढ़ रही है। जानें इस रिपोर्ट में और क्या कुछ नया है।

Key Takeaways

  • भारतीय निवेशकों ने अमेरिकी शेयर बाजार में एनवीडिया में सबसे अधिक निवेश किया है।
  • गूगल की पेरेंट कंपनी में 113 प्रतिशत का नेट इनफ्लो देखा गया है।
  • डुओलिंगो, यूनाइटेडहेल्थ ग्रुप, और नोवो नॉर्डिस्क में भी निवेशक आधार में वृद्धि हुई है।
  • भारतीय निवेशक अब वैश्विक निवेश में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
  • ईटीएफ में भी तेजी देखी गई है।

नई दिल्ली, 16 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय निवेशक अब अमेरिकी शेयर बाजार में भी बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे हैं। हालिया रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू निवेशकों ने सबसे अधिक यूएस की चिप निर्माता कंपनी एनवीडिया में निवेश किया है, जिसने हाल ही में चार ट्रिलियन डॉलर की मार्केट कैप को पार किया है। यह जानकारी बुधवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में सामने आई।

वेस्टेड फाइनेंस की ‘ग्लोबल इन्वेस्टिंग बिहेवियर रिपोर्ट’ के अनुसार, अप्रैल से जून के बीच भारतीयों ने एनवीडिया को सबसे अधिक व्यापारित किया। कुल खरीद मात्रा में इसकी हिस्सेदारी 6.4 प्रतिशत थी, जबकि बिक्री मात्रा में यह 8.3 प्रतिशत रही।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि सबसे अधिक नेट इनफ्लो गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट में देखा गया, जहां यूनिक निवेशकों की संख्या में 113 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके अलावा, भारतीयों ने टेस्ला, एडवांस्ड माइक्रो डिवाइस (एएमडी) और एप्पल जैसी अन्य प्रमुख अमेरिकी कंपनियों में भी निवेश किया है।

इसके अतिरिक्त, डुओलिंगो में निवेशकों की संख्या में 2,255 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि यूनाइटेडहेल्थ ग्रुप और नोवो नॉर्डिस्क जैसी स्वास्थ्य सेवा कंपनियों में भी निवेशक आधार में 500 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में खुदरा निवेशकों ने अमेरिकी टैरिफ के झटके और एसएंडपी 500 में उतार-चढ़ाव के बीच दूसरी तिमाही में वैश्विक निवेश को दोगुना कर दिया।

वेस्टेड प्लेटफॉर्म पर खरीदारी की मात्रा में तिमाही-दर-तिमाही 20.47 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों (एयूएम) में तिमाही-दर-तिमाही 35.4 प्रतिशत और साल-दर-साल 140 प्रतिशत की वृद्धि हुई। दूसरी तिमाही में ईटीएफ में भी अच्छी तेजी देखी गई।

रिपोर्ट में कहा गया, "निवेशकों ने इन्वेस्को नैस्डैक 100 ईटीएफ (क्यूक्यूक्यूएम), आईशेयर्स सेमीकंडक्टर ईटीएफ (एसओएक्सएक्स), और वैनगार्ड एसएंडपी 500 ईटीएफ (वीओओ) जैसे फंडों के माध्यम से विविधीकरण की ओर रुख किया, जिससे निवेशकों की संख्या में क्रमशः 131 प्रतिशत, 101 प्रतिशत और 47 प्रतिशत की वृद्धि हुई।"

जैसे-जैसे अमेरिकी डॉलर कमजोर हुआ और केंद्रीय बैंक की नीतियाँ अलग-अलग हुईं, भारतीय निवेशकों ने ईटीएफ के माध्यम से यूरोप, चीन और ब्राजील में निवेश के अवसर खोजे हैं।

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि भारतीय निवेशक केवल समाचारों की सुर्खियों पर प्रतिक्रिया देने के बजाय विश्वास के साथ प्रेरित पोर्टफोलियो बना रहे हैं, क्योंकि स्वास्थ्य सेवा, सेमीकंडक्टर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसे क्षेत्र मुख्यधारा में आ रहे हैं और वैश्विक एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) गति पकड़ रहे हैं।

Point of View

बल्कि वे वैश्विक बाजार में भी सक्रिय रूप से निवेश कर रहे हैं। यह बदलाव न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय निवेशकों की बढ़ती हुई समझदारी और वैश्विक अवसरों की खोज को भी दर्शाता है।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

भारतीय निवेशक अमेरिकी शेयरों में क्यों निवेश कर रहे हैं?
भारतीय निवेशक अमेरिकी शेयरों में निवेश कर रहे हैं क्योंकि इन कंपनियों का बाजार मूल्य बढ़ रहा है और इनमें निवेश के व्यापक अवसर उपलब्ध हैं।
एनवीडिया में निवेश का क्या महत्व है?
एनवीडिया एक प्रमुख चिप निर्माता है, जिसकी मार्केट कैप चार ट्रिलियन डॉलर के पार जा चुकी है, जो इसे निवेश के लिए आकर्षक बनाता है।
गूगल में बढ़ते निवेश के पीछे क्या कारण हैं?
गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट में निवेश में वृद्धि का कारण कंपनी की लगातार बढ़ती प्रौद्योगिकी और बाजार में उसकी मजबूती है।