क्या भारतीय निवेशकों ने हाइब्रिड म्यूचुअल फंड योजनाओं को प्राथमिकता दी?

सारांश
Key Takeaways
- जून में हाइब्रिड म्यूचुअल फंड में 23,223 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश हुआ।
- भारतीय म्यूचुअल फंड का एयूएम 74.41 लाख करोड़ रुपए तक पहुँचा।
- एसआईपी का मासिक योगदान 27,269 करोड़ रुपए के नए उच्च स्तर पर पहुँचा।
- इक्विटी-उन्मुख योजनाओं में 23,587 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश हुआ।
- आर्बिट्रेज और मल्टी-एसेट में 15,585 करोड़ रुपए का निवेश हुआ।
नई दिल्ली, 23 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। जून के महीने में इक्विटी, हाइब्रिड और एसआईपी सेगमेंट में रिकॉर्ड स्तर पर निवेश और सक्रिय निवेशकों की भागीदारी के चलते भारतीय म्यूचुअल फंड क्षेत्र ने एक उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की। यह जानकारी एक रिपोर्ट में सामने आई है।
आईसीआरए एनालिटिक्स के अनुसार, एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया गया है कि म्यूचुअल फंड उद्योग का एयूएम बढ़कर 74.41 लाख करोड़ रुपए तक पहुँच गया है, जो तिमाही आधार पर 13.2 प्रतिशत और सालाना आधार पर 22 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। इसे शेयर बाजारों में तेजी और खुदरा निवेशकों की निरंतर रुचि का समर्थन प्राप्त हुआ।
मई 2025 में कुल एयूएम 72.20 लाख करोड़ रुपए था, जबकि जून 2024 में यह 61.16 लाख करोड़ रुपए था।
इस महीने बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच, निवेशकों ने अपनी बैलेंस्ड रिस्क-रिवार्ड प्रोफाइल के लिए हाइब्रिड योजनाओं को प्राथमिकता दी। इसमें आर्बिट्रेज, मल्टी-एसेट एलोकेशन और बैलेंस्ड एडवांटेज फंड का महत्वपूर्ण योगदान रहा, जिससे 23,223 करोड़ रुपए का रिकॉर्ड शुद्ध निवेश हुआ।
रिपोर्ट में बताया गया है कि आर्बिट्रेज, मल्टी-एसेट एलोकेशन और बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में क्रमशः 15,585 करोड़ रुपए, 3,210 करोड़ रुपए और 1,886 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश दर्ज किया गया।
इसी बीच, इक्विटी-उन्मुख योजनाओं में कुल शुद्ध निवेश 23,587 करोड़ रुपए रहा, जो मई 2025 की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक है।
रिपोर्ट के अनुसार, इक्विटी क्षेत्र में, फ्लेक्सी-कैप, स्मॉल-कैप और मिड-कैप फंड में क्रमशः 5,733 करोड़ रुपए, 4,024 करोड़ रुपए और 3,754 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश हुआ।
इस दौरान, ईएलएसएस फंड से 556 करोड़ रुपए का शुद्ध बहिर्वाह दर्ज किया गया, जो कर-सीजन की मांग में कमी का संकेत दर्शाता है।
रिपोर्ट के अनुसार, सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) खुदरा निवेश का एक प्रमुख आधार बना रहा, जिनका मासिक योगदान 27,269 करोड़ रुपए के नए सर्वकालिक उच्च स्तर को छू गया, जो एक वर्ष पहले इसी महीने के 21,262 करोड़ रुपए से 28 प्रतिशत अधिक है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि एसआईपी लंबी अवधि में, विशेष रूप से युवा और पहली बार निवेश करने वाले निवेशकों के बीच, वेल्थ-क्रिएशन का पसंदीदा तरीका बन चुका है। रिपोर्ट के अनुसार, 30 जून 2025 तक 9.19 करोड़ सक्रिय एसआईपी खाते थे।
निफ्टी 50 और सेंसेक्स जैसे बेंचमार्क सूचकांकों के मजबूत प्रदर्शन ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाया।
इस महीने के दौरान, शॉर्ट-ड्यूरेशन, मनी मार्केट और कॉर्पोरेट बॉन्ड फंड में क्रमशः 10,277 करोड़ रुपए, 9,484 करोड़ रुपए और 7,124 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश हुआ।
इस बीच, तिमाही के अंत में निकासी के कारण लिक्विड फंडों से 25,196 करोड़ रुपए का शुद्ध बहिर्वाह हुआ।