क्या भारतीय शेयर बाजार मिश्रित वैश्विक संकेतों के बीच सपाट खुला?

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क्या भारतीय शेयर बाजार मिश्रित वैश्विक संकेतों के बीच सपाट खुला?

सारांश

भारतीय शेयर बाजार ने मंगलवार को मिश्रित वैश्विक संकेतों के बीच सपाट शुरुआत की। अमेरिका-चीन व्यापार युद्धविराम की खबरों ने निवेशकों का मनोबल बढ़ाया। जानिए बाजार के हालात, प्रमुख लाभकारी और हानिकर्ता कंपनियों की जानकारी।

Key Takeaways

  • भारतीय शेयर बाजार में सपाट शुरुआत हुई।
  • सेंसेक्स और निफ्टी में वृद्धि देखी गई।
  • अमेरिका-चीन व्यापार युद्धविराम ने निवेशकों का मनोबल बढ़ाया।
  • अधिकांश सेक्टर्स में मिश्रित रुख रहा।
  • विदेशी और घरेलू निवेशकों की गतिविधियों पर ध्यान देना आवश्यक है।

मुंबई, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। चीन को अमेरिका द्वारा रातोंरात 90 दिन की टैरिफ छूट मिलने के बाद, मिश्रित वैश्विक संकेतों के चलते मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार में सपाट खुलने का मामला देखने को मिला।

प्रारंभिक कारोबार में सेंसेक्स में 0.10 प्रतिशत या 80 अंक की वृद्धि हुई और यह 80,684 के स्तर पर पहुँच गया, जबकि निफ्टी 0.11 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,612 पर पहुँच गया।

व्यापक बाजार में भी खरीदारी का रुख देखने को मिला, जिसमें बीएसई स्मॉलकैप में 0.39 प्रतिशत और बीएसई मिडकैप में 0.06 प्रतिशत का उछाल आया।

सेक्टोरल फ्रंट पर, निफ्टी आईटी में 0.79 प्रतिशत और निफ्टी मेटल में 0.60 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। अन्य सूचकांकों में मिश्रित रुख देखने को मिला, जिसमें 0.10 से 0.40 प्रतिशत के बीच हल्की बढ़त और गिरावट थी।

निफ्टी में हीरो मोटोकॉर्प शीर्ष लाभकर्ता रहा, इसके बाद टाटा स्टील और टीसीएस का नाम आया। वहीं, डॉ. रेड्डीज़ लैबोरेटरीज 0.91 प्रतिशत की गिरावट के साथ शीर्ष हानिकर्ता रहा, इसके बाद आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, ग्रासिम और बजाज फाइनेंस का स्थान रहा।

चॉइस ब्रोकिंग की अमृता शिंदे ने कहा, "तकनीकी रूप से, 24,650 से ऊपर की एक निर्णायक चाल 24,850 की ओर बढ़ने का मार्ग प्रशस्त कर सकती है, जिसमें तत्काल समर्थन 24,500 और 24,330 पर है, जो दोनों ही नए लॉन्ग पोजीशन के लिए आकर्षक क्षेत्र माने जाते हैं।"

एशिया-प्रशांत बाजार हरे निशान में रहे, क्योंकि अमेरिका-चीन व्यापार के रातोंरात युद्धविराम विस्तार ने निवेशकों के सेंटिमेंट को बढ़ावा दिया। अमेरिका और चीन ने सोमवार को अपने व्यापार युद्धविराम को 10 नवंबर तक बढ़ा दिया। अमेरिका ने पहले चीनी वस्तुओं पर 145 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी थी और बीजिंग ने इसका जवाब 125 प्रतिशत शुल्क लगाकर दिया था। अब दोनों ही शुल्क 10 नवंबर तक स्थगित कर दिए गए हैं।

निवेशक अमेरिका-भारत व्यापार समझौते, तिमाही आय परिणामों, टैरिफ संबंधी बयानबाजी और आगामी मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर करीबी नजर रख रहे हैं।

अमेरिकी बाजारों में, डॉव जोन्स 0.45 प्रतिशत, एसएंडपी 500 इंडेक्स 0.25 प्रतिशत और नैस्डैक कंपोजिट 0.30 प्रतिशत गिर गया।

एशियाई बाजार में अधिकतर वृद्धि देखने को मिली। जापान का निक्केई 2.46 प्रतिशत की बढ़त के साथ रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया। चीन के शंघाई कंपोजिट में 0.41 प्रतिशत और शेन्जेन कंपोजिट में 0.19 प्रतिशत का उछाल आया। हांगकांग का हैंग सेंग सूचकांक स्थिर रहा और दक्षिण कोरिया का कोस्पी में 0.40 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

सोमवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 1,202.65 करोड़ रुपए के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) 5,972.36 करोड़ रुपए के शुद्ध खरीदार रहे।

Point of View

भारतीय शेयर बाजार में मिश्रित वैश्विक संकेतों के बीच स्थिरता देखने को मिल रही है। अमेरिकी-चीन व्यापार समझौते की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए। बाजार की मौजूदा स्थिति को समझना महत्वपूर्ण है ताकि हम भविष्य की संभावनाओं का सही आकलन कर सकें।
NationPress
20/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का कोई संकेत है?
वर्तमान में बाजार मिश्रित संकेतों के बीच स्थिर है, लेकिन निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए।
क्या अमेरिका-चीन व्यापार युद्धविराम का प्रभाव मिलेगा?
जी हां, यह व्यापार समझौता भारतीय बाजार के लिए सकारात्मक संकेत हो सकता है।
निवेशकों को क्या ध्यान रखना चाहिए?
निवेशकों को तिमाही आय परिणामों और टैरिफ संबंधी समाचारों पर करीबी नजर रखनी चाहिए।