क्या डीजीसीए का टैरिफ निगरानी दस्ता 78 हवाई मार्गों के किरायों की निगरानी कर रहा है?

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क्या डीजीसीए का टैरिफ निगरानी दस्ता 78 हवाई मार्गों के किरायों की निगरानी कर रहा है?

सारांश

डीजीसीए ने टैरिफ निगरानी दस्ते की स्थापना की है जिससे 78 हवाई मार्गों के किरायों की सटीक निगरानी की जा सके। हवाई किराए पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है, लेकिन टीएमयू एयरलाइंस के द्वारा निर्धारित सीमा को सुनिश्चित करता है। जानें इस महत्वपूर्ण पहल के बारे में।

Key Takeaways

  • डीजीसीए ने टैरिफ निगरानी दस्ता स्थापित किया है।
  • टीएमयू 78 हवाई मार्गों की किरायों की निगरानी कर रहा है।
  • सरकार का हवाई किराए पर नियंत्रण नहीं है।
  • हवाई किराए का निर्धारण आपूर्ति और मांग पर निर्भर करता है।
  • इंडिगो संकट की जांच जारी है।

नई दिल्ली, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने टैरिफ निगरानी दस्ते (टीएमयू) की स्थापना की है, जो देश के 78 हवाई मार्गों के किरायों की निगरानी कर रहा है। यह जानकारी सरकार ने सोमवार को साझा की।

केंद्रीय नागर विमानन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने राज्यसभा में बताया कि टीएमयू एयरलाइनों की वेबसाइटों के माध्यम से मासिक आधार पर 78 चयनित मार्गों पर हवाई किराए की निगरानी करता है, यह सुनिश्चित करने के लिए कि एयरलाइंस अपने द्वारा निर्धारित सीमा से अधिक हवाई किराया नहीं वसूलें।

यह घरेलू यातायात का लगभग 27 प्रतिशत कवर करता है। इस प्रकार, टीएमयू हवाई किराए के स्तर को एयरलाइंस के लिए निर्धारित शुल्कों की सीमा के भीतर बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

उन्होंने कहा कि हवाई किराए पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है और एयरलाइंस को अपनी परिचालन आवश्यकताओं के अनुसार हवाई किराए का निर्धारण करने की स्वतंत्रता है। हालांकि, उन्हें विमान नियम, 1937 के नियम 135 का पालन करना आवश्यक है।

हवाई किराए का मूल्य निर्धारण आपूर्ति और मांग की मूलभूत आर्थिक शक्तियों से प्रभावित होता है। वर्तमान सीट अधिभोग, ईंधन लागत, विमान क्षमता, मौसमी उतार-चढ़ाव और अन्य प्रासंगिक कारक एयरलाइन टिकट के मूल्य निर्धारण को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करते हैं।

इससे पहले, इंडिगो संकट पर नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने राज्यसभा में कहा कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है। फिलहाल इसकी जांच चल रही है, और निष्कर्ष आने पर हम सख्त कार्रवाई करेंगे, जो अन्य एयरलाइंस के लिए मिसाल बनेगी।

राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए नायडू ने कहा कि यह स्थिति इंडिगो के आंतरिक संचालन में समस्याओं के कारण उत्पन्न हुई है, जिसमें क्रू का रोस्टरिंग सिस्टम और आंतरिक योजना शामिल हैं।

उन्होंने आगे कहा कि जैसे ही तीन दिसंबर को यह समस्या सामने आई, मंत्रालय ने स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए।

Point of View

मगर डीजीसीए का यह कदम एयरलाइंस द्वारा निर्धारित किरायों की पारदर्शिता को सुनिश्चित करने में मददगार साबित होगा। यह पहल निश्चित रूप से यात्रियों के हितों की रक्षा करने का प्रयास है।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

डीजीसीए का टैरिफ निगरानी दस्ता क्या है?
डीजीसीए का टैरिफ निगरानी दस्ता (टीएमयू) हवाई किरायों की निगरानी करने के लिए स्थापित किया गया है, जिससे एयरलाइंस अपने द्वारा निर्धारित सीमा से अधिक किराया नहीं वसूल सके।
टीएमयू कितने हवाई मार्गों की निगरानी कर रहा है?
टीएमयू वर्तमान में 78 हवाई मार्गों की किरायों की निगरानी कर रहा है।
क्या सरकार हवाई किरायों पर नियंत्रण रखती है?
नहीं, सरकार हवाई किरायों पर कोई नियंत्रण नहीं रखती है। एयरलाइंस अपनी परिचालन आवश्यकताओं के अनुसार किराए निर्धारित कर सकती हैं।
क्या हवाई किराए का मूल्य निर्धारण प्रभावित होता है?
हाँ, हवाई किराए का मूल्य निर्धारण आपूर्ति और मांग की मूलभूत आर्थिक शक्तियों से प्रभावित होता है।
इंडिगो संकट के बारे में क्या जानकारी है?
इंडिगो संकट के कारण आंतरिक संचालन में समस्याएँ उत्पन्न हुई थीं, और सरकार ने इस मुद्दे की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है।
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