क्या देश में ऑनलाइन लेनदेन तेजी से बढ़ रहा है? डिजिटल पेमेंट इंडेक्स 493 पर पहुंचा

सारांश
Key Takeaways
- डिजिटल पेमेंट इंडेक्स में 10.7 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि।
- मार्च 2025 तक इंडेक्स 493.22 पर पहुंचा।
- सरकार ने डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए हैं।
नई दिल्ली, 29 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत में आम लोग तेजी से ऑनलाइन लेनदेन को अपनाते जा रहे हैं। इसी वजह से डिजिटल पेमेंट इंडेक्स सालाना आधार पर 10.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ मार्च 2025 तक 493.22 पर पहुँच गया है, जबकि मार्च 2024 में यह 445.5 पर था। यह जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा प्रदान की गई है।
आरबीआई ने 1 जनवरी, 2021 से हर छह महीने में कम्पोजिट रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया - डिजिटल पेमेंट्स इंडेक्स (आरबीआई-डीपीआई) का प्रकाशन किया है। इसका प्रमुख उद्देश्य देश में डिजिटल लेनदेन के अपनाने की दर को मापना है।
आरबीआई ने कहा कि आरबीआई-डीपीआई में वृद्धि के पीछे कई महत्वपूर्ण कारक हैं, जिनमें पेमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर-सप्लाई साइड फैक्टर्स और पेमेंट परफॉर्मेंस शामिल हैं।
इस इंडेक्स में पांच प्रमुख पैरामीटर हैं, जिनके माध्यम से विभिन्न समयावधियों में देश में डिजिटल भुगतान की गहनता और पैठ को मापा जाता है।
इनमें पेमेंट इनेबलर्स का भार 25 प्रतिशत, पेमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर - डिमांड साइड फैक्टर्स का भार 10 प्रतिशत, पेमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर-सप्लाई साइड फैक्टर्स का भार 15 प्रतिशत, पेमेंट परफॉर्मेंस का भार 45 प्रतिशत और उपभोक्ता केंद्रितता का भार 5 प्रतिशत है।
सरकार ने हाल ही में संसद में बताया कि पिछले छह वित्त वर्षों (वित्त वर्ष 20 से वित्त वर्ष 25) में 65,000 करोड़ से अधिक डिजिटल लेनदेन हुए हैं, जिनकी कुल वैल्यू 12,000 लाख करोड़ रुपए से अधिक रही है।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि सरकार देश में टियर-2 और टियर-3 सहित डिजिटल भुगतान को अपनाने की दर बढ़ाने के लिए आरबीआई, एनपीसीआई, फिनटेक कंपनियों, बैंकों और राज्य सरकारों के साथ मिलकर कार्य कर रही है।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि आरबीआई ने 2021 में टियर-3 से टियर-6 शहरों, पूर्वोत्तर राज्यों और जम्मू-कश्मीर में डिजिटल भुगतान स्वीकार करने वाले इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए एक पेमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (पीआईडीएफ) की स्थापना की है। 31 मई, 2025 तक, पीआईडीएफ के माध्यम से लगभग 4.77 करोड़ डिजिटल टचपॉइंट स्थापित किए गए हैं।