क्या 'ईडीएफ' इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी सेक्टर में इनोवेशन और उद्यमिता को बढ़ावा दे रहा है?
सारांश
Key Takeaways
- ईडीएफ ने २५७.७७ करोड़ रुपए का निवेश किया है।
- २३,६०० से अधिक रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं।
- स्टार्टअप्स ने ३६८ बौद्धिक संपदा अर्जित की हैं।
- ईडीएफ फ्लेक्सिबल और प्रोफेशनली मैनेज्ड है।
- यह नॉन-एक्सक्लूसिव आधार पर काम करता है।
नई दिल्ली, १५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार द्वारा शनिवार को दी गई जानकारी के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट फंड (ईडीएफ) भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी सेक्टर में इनोवेशन और उद्यमिता को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, ३० सितंबर २०२५ तक, ईडीएफ ने आठ डॉटर फंड्स में २५७.७७ करोड़ रुपए का निवेश किया है। इसके अलावा, इन डॉटर फंड्स ने १२८ स्टार्टअप्स और वेंचर में १,३३५.७७ करोड़ का अतिरिक्त निवेश किया है।
केंद्र सरकार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, सपोर्टेड स्टार्टअप्स ने हाई-टेक्नोलॉजी सेक्टर में २३,६०० से अधिक रोजगार के अवसर पैदा किए हैं और इन स्टार्टअप्स द्वारा कुल ३६८ बौद्धिक संपदा (आईपी) अर्जित की गई हैं। ईडीएफ से निकासी और आंशिक निकासी से १७३.८८ करोड़ रुपए का कुल रिटर्न मिला है।
ईडीएफ एक फ्लेक्सिबल और प्रोफेशनली मैनेज्ड स्ट्रक्चर से ऑपरेट होता है, जिसे इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी सेक्टर में एफिशिएंट इन्वेस्टमेंट और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किया गया है। इसका फ्रेमवर्क ट्रांसपेरेंसी, बाजार की जवाबदेही और फंड का रणनीतिक आवंटन सुनिश्चित करता है।
ईडीएफ की उपलब्धियों और प्रभावों की बात करें तो इसने अपने योगदानकर्ताओं से कुल २१६.३३ करोड़ प्राप्त किए हैं, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से मिले २१०.३३ करोड़ रुपए भी शामिल हैं।
वहीं, सपोर्टेड स्टार्टअप फ्रंटियर एरिया जैसे इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), रोबोटिक्स, ड्रोन, ऑटोनॉमस व्हीकल, हेल्थटेक, साइबर सिक्योरिटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं मशीन लर्निंग में काम कर रहे हैं, जिससे एडवांस्ड टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन हब के रूप में देश की स्थिति मजबूत हो रही है।
ईडीएफ की मुख्य विशेषताओं पर नजर डालें तो यह नॉन-एक्सक्लूसिव आधार पर डॉटर फंड्स में भाग लेता है, जिससे पूरे उद्योग में बड़े स्तर पर सहयोग और भागीदारी संभव होती है। इसके अलावा, डॉटर फंड के कुल कोष में ईडीएफ का हिस्सा बाजार की आवश्यकताओं और ईडीएफ की पॉलिसी गाइडलाइन्स के अनुसार फंड का प्रबंधन करने की निवेश प्रबंधक की क्षमता द्वारा निर्धारित होता है। ईडीएफ हर एक डॉटर फंड में अल्पमत भागीदारी बनाए रखता है, जिससे अधिक निजी निवेश और प्रोफेशनल फंड मैनेजमेंट को बढ़ावा मिलता है।