क्या भारत अगले पांच वर्षों में एक वैश्विक समुद्री शिपिंग हब बनेगा? : हरदीप सिंह पुरी

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क्या भारत अगले पांच वर्षों में एक वैश्विक समुद्री शिपिंग हब बनेगा? : हरदीप सिंह पुरी

सारांश

क्या भारत अगले पांच वर्षों में समुद्री शिपिंग में वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाएगा? केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के अनुसार, भारत की शिपबिल्डिंग पहलें इसे एक प्रमुख समुद्री हब बनाने की दिशा में तेजी से बढ़ रही हैं। जानिए इस यात्रा के प्रमुख पहलुओं के बारे में।

Key Takeaways

  • भारत अगले पांच वर्षों में एक वैश्विक समुद्री शिपिंग हब बनने की दिशा में अग्रसर है।
  • शिपबिल्डिंग गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सकारात्मक नीतियां लागू की जा रही हैं।
  • भारत और दक्षिण कोरिया के बीच सहयोग बढ़ेगा।
  • भारत में कुशल मानव संसाधन और बड़ी मांग है।
  • शिपबिल्डिंग में निवेश के अवसर बढ़ेंगे।

नई दिल्ली, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि उन्होंने दक्षिण कोरिया के जियोजे में हनवा ओशन की विशाल शिपबिल्डिंग फैसिलिटी का दौरा किया।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "भारत, जो कि दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, सभी सेक्टर्स में मजबूत विकास और ऊर्जा क्षेत्र के साथ मिलकर पीएम मोदी के नेतृत्व में 'विकसित भारत' की दिशा में आगे बढ़ रहा है।"

केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा कि कोरियाई शिपिंग कंपनियों के पास ज्ञान और क्षमता है, जबकि भारत के पास मांग, कुशल मानव संसाधन और उपयुक्त नीतियां हैं, जो मेक इन इंडिया पहल से जुड़ी हैं।

उन्होंने आगे कहा, "यह सही समय है। शिप निर्माण में हमारा सहयोग वैश्विक मांग को पूरा करने का एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत करेगा। अगले पांच वर्षों में हम न केवल अपने वेसल की लागत वसूल कर लेंगे, बल्कि भारत को एक वैश्विक समुद्री शिपिंग हब के रूप में स्थापित करेंगे।"

केंद्रीय मंत्री पुरी ने बताया कि भारत ने शिपबिल्डिंग गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए मजबूत समर्थन उपाय शुरू किए हैं। इन उपायों में 15-25 प्रतिशत पूंजी सहायता, 5 प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन, इक्विटी वित्तपोषण के लिए मरीन डेवलपमेंट फंड, 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान और ग्रीनफील्ड शिपयार्ड के लिए बुनियादी ढांचे का समर्थन शामिल है।

उन्होंने लिखा, "हमारी एनर्जी पीएसयू हर साल लगभग 5-8 अरब अमेरिकी डॉलर खर्च करती हैं और उन्हें शुरू से ही 59 वेसल की आवश्यकता है। हनवा ओशन जैसी बड़ी वैश्विक कंपनियों के लिए भारत में वेसल बनाने का एक बड़ा अवसर है।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत की शिपबिल्डिंग पहल न केवल आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह देश को एक वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सहयोग भारत और कोरिया के बीच मजबूत संबंध बनाने में भी सहायक होगा।
NationPress
15/11/2025

Frequently Asked Questions

भारत कैसे एक वैश्विक समुद्री शिपिंग हब बनेगा?
भारत की शिपबिल्डिंग गतिविधियों में तेजी लाने के लिए कई उपाय और नीतियां लागू की जा रही हैं, जो इसे एक हब बनाने में मदद करेंगी।
हनवा ओशन का भारत में क्या योगदान होगा?
हनवा ओशन जैसी कंपनियों के सहयोग से भारत में शिप निर्माण में वृद्धि होगी, जो वैश्विक मांग को पूरा करेगी।
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