क्या कपूरथला की सरबजीत पाकिस्तान में प्रकाश पर्व मनाने के दौरान लापता हुईं?
सारांश
Key Takeaways
- सरबजीत कौर का लापता होना सिख समुदाय के लिए चिंता का विषय है।
- धर्म परिवर्तन की यह घटना चर्चा का विषय बन गई है।
- भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक नया मोड़ आ सकता है।
- सरबजीत का नया नाम नूर हुसैन है।
- इस घटना ने सुरक्षा चिंताओं को भी उजागर किया है।
चंडीगढ़, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सिख धर्म के प्रवर्तक गुरुनानक देव के प्रकाश पर्व का आयोजन करने हेतु भारत से श्रद्धालु 4 नवंबर को पाकिस्तान के ननकाना साहिब गए थे, लेकिन पंजाब के कपूरथला जिले की रहने वाली एक महिला, सरबजीत कौर, के लापता हो जाने से हड़कंप मच गया। सिख समूह ने इस मामले की जांच की मांग की थी, तभी लापता महिला के बारे में एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई।
लापता सरबजीत कौर ने धर्म परिवर्तन कर लाहौर में एक पाकिस्तानी व्यक्ति से विवाह कर लिया है। सरबजीत ने अपना नया नाम नूर हुसैन रखा है। उसका विवाहनामा और पासपोर्ट की प्रति भी सामने आई है। सरबजीत ने नई आबादी शेखूपुरा निवासी नासिर हुसैन से विवाह किया है।
भारतीय रिकॉर्ड के अनुसार, महिला 4 नवंबर को 1,922 तीर्थयात्रियों के समूह के साथ अमृतसर में अटारी सीमा के रास्ते पाकिस्तान गई थी।
इस जत्थे का नेतृत्व अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गर्ग कर रहे थे। पाकिस्तान के विभिन्न गुरुद्वारों में 10 दिन बिताने के बाद यह समूह गुरुवार शाम को भारत लौट आया।
आव्रजन रिकॉर्ड के अनुसार, सरबजीत कौर समूह से लापता हो गई थी। भारत में प्रवेश करते समय सरबजीत का नाम आव्रजन रिकॉर्ड में नहीं था। उसके लापता होने के बाद भारत में खुफिया एजेंसियां उसके ठिकाने का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं।
सरबजीत अपने पति से अलग हो गई थीं। सरबजीत के पूर्व पति करनैल सिंह लगभग 30 वर्षों से इंग्लैंड में रह रहे हैं। पहले पति से उनके दो बेटे भी हैं।
भारत सरकार के सूत्रों ने राष्ट्र प्रेस को बताया कि पाकिस्तान स्थित भारतीय मिशन पाकिस्तानी अधिकारियों के संपर्क में है। 4 नवंबर को सिख तीर्थयात्री गुरु नानक देव जी के 'प्रकाश पर्व' मनाने के लिए पाकिस्तान के ननकाना साहिब गए थे।
केंद्र सरकार ने सिख तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान के ननकाना साहिब गुरुद्वारे की 10 दिवसीय यात्रा करने और गुरु नानक देव जी की जयंती मनाने की पिछले महीने अनुमति दी थी।
हालांकि, इससे लगभग दो हफ्ते पहले सरकार ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए इस यात्रा की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
हर वर्ष शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) श्रद्धालुओं का एक प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान भेजती है। इसका उद्देश्य प्रकाश पर्व पर सिख धर्म से जुड़े विभिन्न ऐतिहासिक गुरुद्वारों में, विशेषकर गुरु नानक देव जी के 'प्रकाश पर्व' के अवसर पर मत्था टेकना है।