क्या टीवीके ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर परामर्श बैठकों में शामिल होने की मांग की?

Click to start listening
क्या टीवीके ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर परामर्श बैठकों में शामिल होने की मांग की?

सारांश

तमिलागा वेट्री कज़गम (टीवीके) ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर आगामी चुनावों में अपनी भागीदारी की मांग की है। विजय ने इस पत्र में समावेशिता की आवश्यकता पर जोर दिया है। जानें, इस पत्र में और क्या कहा गया है।

Key Takeaways

  • टीवीके ने आगामी चुनावों में भागीदारी की मांग की है।
  • पत्र में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की समावेशिता की कमी का जिक्र किया गया है।
  • टीवीके के पास लाखों समर्थक हैं।
  • विजय ने संविधान के अनुच्छेद 324 का हवाला दिया है।
  • पत्र में पारदर्शिता और समावेशिता के मानकों को बनाए रखने की बात की गई है।

चेन्नई, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलागा वेट्री कज़गम (टीवीके) ने शनिवार को भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) को एक औपचारिक पत्र भेजा है। इस पत्र में आगामी 2026 तमिलनाडु विधानसभा चुनावों की तैयारियों में अपनी सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता व्यक्त की गई है।

टीवीके के अध्यक्ष विजय ने सीईसी को पत्र लिखकर राज्य चुनाव आयोग द्वारा आयोजित राजनीतिक दलों की परामर्शी बैठकों में अपनी पार्टी को शामिल न करने पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में समावेशिता की कमी का प्रतीक बताते हुए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।

पत्र में विजय ने स्पष्ट किया कि टीवीके ने तमिलनाडु में अपनी मजबूत जमीनी उपस्थिति स्थापित कर ली है और पूरे राज्य में चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है। पार्टी के पास लाखों समर्थक हैं, जो मुख्य रूप से विजय के फैन क्लब्स से बने हैं। पत्र में लिखा गया है, "हम लोकतांत्रिक प्रक्रिया को इस तरह मजबूत बनाना चाहते हैं कि हर नागरिक की आवाज सुनी जाए। सभी राजनीतिक दलों को समान अवसर देना संविधान का मूल ढांचा है।"

विजय ने कहा कि टीवीके को इन बैठकों से बाहर रखना मतदाताओं के एक बड़े वर्ग को सहभागी निगरानी से वंचित कर रहा है, जो चुनावी निष्पक्षता पर जनता का विश्वास कमजोर करता है। यह पत्र मुख्य चुनाव आयुक्त, सहयोग चुनाव आयुक्तों, तमिलनाडु राज्य चुनाव आयुक्त और मुख्य निर्वाचन अधिकारी को संबोधित है।

विजय ने अनुरोध किया कि टीवीके को सभी भावी परामर्शों, बैठकों और समन्वय अभियानों में उचित सूचना देकर आमंत्रित किया जाए। उन्होंने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत चुनाव आयोग की पर्यवेक्षी शक्तियों का हवाला देते हुए राज्य चुनाव आयोग को निर्देश जारी करने की मांग की।

पत्र में उल्लेख है कि "यह कदम पारदर्शिता और समावेशिता के उच्च मानकों को बनाए रखेगा और चुनावी प्रक्रिया को मजबूत करेगा। इससे किसी को नुकसान नहीं होगा।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि सभी राजनीतिक दलों को समान अवसर प्रदान करना लोकतंत्र की मूल भावना है। टीवीके का यह पत्र चुनाव प्रक्रिया में समावेशिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
NationPress
15/11/2025

Frequently Asked Questions

टीवीके ने पत्र में क्या मांग की है?
टीवीके ने मुख्य चुनाव आयुक्त से आगामी चुनावों में अपनी पार्टी को परामर्श बैठकों में शामिल करने की मांग की है।
पत्र में क्या तर्क दिए गए हैं?
पत्र में विजय ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया में समावेशिता की कमी को उजागर किया है और मतदाताओं की आवाज को सुनने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
Nation Press