क्या डीपीडीपी नियम, 2025 भारत के डिजिटल इकोसिस्टम को मजबूत बनाएंगे?

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क्या डीपीडीपी नियम, 2025 भारत के डिजिटल इकोसिस्टम को मजबूत बनाएंगे?

सारांश

भारत में डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (डीपीडीपी) नियम 2025 के अधिसूचना पर उद्योग विशेषज्ञों द्वारा सकारात्मक प्रतिक्रियाएं आई हैं। ये नए नियम संगठनों को व्यक्तिगत डेटा के उपयोग में पारदर्शिता और जिम्मेदारी के लिए बाध्य करेंगे। जानें इस महत्वपूर्ण कदम के प्रभाव और आवश्यकताओं के बारे में।

Key Takeaways

  • डीपीडीपी नियम, 2025 का उद्देश्य व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा है।
  • संगठनों को पारदर्शिता और जिम्मेदारी के लिए बाध्य किया जाएगा।
  • कंपनियों को अनुपालन के लिए 18 महीने का समय दिया गया है।
  • ये नियम भारत के डिजिटल इकोसिस्टम को मजबूत बनाएंगे।
  • यह ट्रस्ट का कल्चर विकसित करेगा।

नई दिल्ली, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। इंडस्ट्री विशेषज्ञों ने शनिवार को केंद्र द्वारा डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (डीपीडीपी) नियम, 2025 को अधिसूचित करने के निर्णय का स्वागत किया।

इलेक्ट्रानिक्स और आईटी मंत्रालय ने डीपीडीपी नियम, 2025 को अधिसूचित करते हुए स्पष्ट किया है कि संगठनों को व्यक्तिगत डेटा का उपयोग करने के लिए एक सहमति नोटिस के साथ यह बताना होगा कि वे व्यक्तिगत डेटा क्यों एकत्र कर रहे हैं और इसका उपयोग किस उद्देश्य के लिए किया जाएगा। संगठनों को व्यक्तिगत डेटा के लिए विशिष्ट उद्देश्यों की जानकारी प्रदान करना अनिवार्य होगा।

विप्रो की चीफ प्राइवेसी और एआई गवर्नेंस ऑफिसर इवाना बार्टोलेटी ने कहा, "भारत अब प्राइवेसी के एक नए युग में प्रवेश कर चुका है। एआई के इस युग में विश्वास अत्यंत महत्वपूर्ण है। डेटा के बड़े मात्रा पर निर्भरता को देखते हुए, मजबूत प्राइवेसी सुरक्षा सबसे पहले आनी चाहिए। सरकार का यह कदम भारत के डिजिटल इकोसिस्टम को मजबूत करने में महत्वपूर्ण है।"

उन्होंने आगे बताया कि नए नियम मजबूत डेटा गवर्नेंस के साथ आते हैं, जो जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करते हैं। इन नियमों के माध्यम से संगठनों को सस्टेनेबल और अकाउंटेबल बनने में मदद मिलेगी।

ट्राइलीगल में टीएमटी-पार्टनर निखिल नरेंद्रन ने कहा, "सरकार ने नियमों और अधिनियम से जुड़ी अनिश्चितताओं को समाप्त कर दिया है।"

उन्होंने कहा, "भारतीय कंपनियों को अब पूर्ण अनुपालन के लिए 18 महीनों का समय दिया गया है। यह आवश्यक होगा कि वे डेटा मैपिंग, सहमति और नोटिस फ्लो को फिर से डिज़ाइन करें और ट्रेनिंग प्रोग्राम की शुरुआत करें। इसके लिए उन्हें वकीलों, तकनीकी विशेषज्ञों और प्राइवेसी प्रोफेशनल्स की सहायता लेनी होगी।"

ग्रांट थॉर्नटन भारत के पार्टनर और चीफ रेवेन्यू ऑफिसर जसप्रीत सिंह ने कहा कि डीपीडीपीए नियम 2025, भारत की नीति की मंशा से ऑपरेशनल अकाउंटिबिलिटी और प्राइवेसी में बदलाव को दर्शाते हैं।

सिंह ने कहा, "डीपीडीपीए के तहत अनुपालन चेकलिस्ट नहीं है, बल्कि यह एक ट्रस्ट का कल्चर है, जिसे हर कंपनी को अपनाना होगा।"

Point of View

डेटा प्राइवेसी का मुद्दा आज की डिजिटल दुनिया में अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारत में डीपीडीपी नियम, 2025 की अधिसूचना से यह स्पष्ट होता है कि सरकार डेटा उपयोग के प्रति गंभीर है। यह नियम न केवल संगठनों के लिए बल्कि उपभोक्ताओं के लिए भी सुरक्षा का एक नया मानक स्थापित करने वाला है।
NationPress
15/11/2025

Frequently Asked Questions

डीपीडीपी नियम, 2025 क्या हैं?
डीपीडीपी नियम, 2025 भारत सरकार द्वारा अधिसूचित एक कानून है जो व्यक्तिगत डेटा के उपयोग और सुरक्षा को सुनिश्चित करता है।
इन नियमों का उद्देश्य क्या है?
इन नियमों का उद्देश्य संगठनों को व्यक्तिगत डेटा के उपयोग में पारदर्शिता और जिम्मेदारी के लिए बाध्य करना है।
क्या कंपनियों को अनुपालन के लिए समय दिया गया है?
हाँ, कंपनियों को पूर्ण अनुपालन के लिए 18 महीनों का समय दिया गया है।
ये नियम किस प्रकार संगठनों को प्रभावित करेंगे?
ये नियम संगठनों को डेटा प्रबंधन में सस्टेनेबल और अकाउंटेबल बनने में मदद करेंगे।
सरकार का इस कदम पर क्या दृष्टिकोण है?
सरकार का मानना है कि ये नियम भारत के डिजिटल इकोसिस्टम को मजबूत बनाएंगे और प्राइवेसी सुरक्षा को बढ़ावा देंगे।
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