सीओपी30 में मूल निवासियों का गुस्सा क्यों भड़क उठा? अमेजन के दिल से उठी आवाज

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सीओपी30 में मूल निवासियों का गुस्सा क्यों भड़क उठा? अमेजन के दिल से उठी आवाज

सारांश

सीओपी30 के दौरान ब्राजील के बेलेम में मूल निवासियों का गुस्सा फूटा। इस विरोध ने जलवायु परिवर्तन के प्रति उनकी पीड़ा को उजागर किया। क्या यह सिर्फ एक प्रदर्शन है या एक अनदेखा सत्य?

Key Takeaways

  • सीओपी30 में मूल निवासियों का विरोध जलवायु अन्याय का प्रतीक है।
  • अमेजन को बचाने के लिए स्वदेशी समुदायों की पारंपरिक प्रथाओं का सम्मान आवश्यक है।
  • जलवायु परिवर्तन की लागत सबसे ज्यादा स्वदेशी समुदायों पर पड़ती है।
  • क्लाइमेट वेल्थ टैक्स की मांग को समझना जरूरी है।
  • ग्रीनवॉशिंग की आलोचना से जलवायु न्याय का मतलब स्पष्ट होता है।

बेलेम/नई दिल्ली, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। ब्राजील के बेलेम से शुक्रवार को ऐसे वीडियो और तस्वीरें सामने आई हैं, जिन्होंने वहां के मूल निवासियों के दर्द को उजागर किया। शुक्रवार की सुबह प्रदर्शनकारियों ने सीओपी30 जलवायु सम्मेलन के मुख्य द्वार को कई घंटों तक अवरुद्ध रखा और ब्राजील के राष्ट्रपति से देश के मूल निवासियों की दुर्दशा पर चर्चा करने की मांग की।

अमेजन बेसिन में मुंदुरुकु जनजाति के लगभग 50 व्यक्तियों ने अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण समूहों के सहयोग से प्रवेश द्वार को अवरुद्ध किया।

ब्राजील के बेलेम शहर में चल रहे सीओपी30 जलवायु सम्मेलन ने दुनिया का ध्यान जितना जलवायु कार्रवाई पर आकर्षित किया है, उतना ही जोरदार फोकस इस बात पर भी पड़ा है कि अमेजन के स्वदेशी समुदाय या मूल निवासी क्यों इतने आक्रोशित हैं। सम्मेलन के पहले हफ्ते में ही सैकड़ों स्वदेशी प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा घेरा तोड़कर अंदर प्रवेश किया। यह सिर्फ एक विरोध नहीं था, बल्कि दशकों से उनके साथ हो रहे अन्याय का प्रतीकात्मक विस्फोट था।

यह विरोध इसलिए और महत्वपूर्ण है क्योंकि अमेजन दुनिया के सबसे बड़े कार्बन सिंक में से एक है और यही स्वदेशी समुदाय हैं जिन्होंने अपनी पारंपरिक प्रथाओं से इस जंगल को सदियों से बचाए रखा है। लेकिन आज वही लोग महसूस कर रहे हैं कि वैश्विक जलवायु वार्ता में उनकी आवाज सिर्फ ‘प्रतीकात्मक’ रूप में इस्तेमाल होती है। असली निर्णयों से उन्हें दूर रखा जाता है।

स्वदेशी समुदायों के गुस्से का मुख्य कारण अमेजन में खनन, तेल के लिए ड्रिलिंग, अवैध लकड़ी की कटाई और कृषि विस्तार जैसी गतिविधियां हैं, जिनसे जंगल का भारी नुकसान हुआ है। जबकि ब्राजील सरकार और सीओपी नेतृत्व बार-बार संरक्षण का वादा कर रहे हैं, मगर जमीनी वास्तविकता अलग है।

सीओपी30 में मूल निवासियों की एक और बड़ी मांग यह रही है कि जलवायु परिवर्तन की लागत सबसे ज्यादा उन पर पड़ी है, इसलिए धनवान देशों और वैश्विक अमीर तबके पर एक 'क्लाइमेट वेल्थ टैक्स' लगाया जाए। उनका तर्क है कि जिन देशों और उद्योगों ने सबसे अधिक प्रदूषण किया है, उन्हें ही पर्यावरण पुनर्स्थापन के लिए अधिक वित्त देना चाहिए। यह मांग पिछले वर्षों की “लॉस एंड डैमेज” बहस का विस्तार है। यह सवाल उठाता है कि आखिर गरीब और जंगल पर निर्भर समुदाय जलवायु आपदाओं का भार अकेले क्यों उठाएं।

विरोध का एक पहलू यह भी है कि स्वदेशी नेता सीओपी को 'ग्रीनवॉशिंग' का मंच कहकर आलोचना कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब एक ओर सम्मेलन में जलवायु न्याय की बात हो रही है, उसी समय बेलेम और आसपास के क्षेत्रों में सम्मेलन के लिए नई सड़कें और बुनियादी ढांचे के नाम पर वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचाया गया है।

Point of View

जो पारंपरिक तरीके से पर्यावरण की रक्षा करते आए हैं। यह आवश्यक है कि उनकी आवाज को सुना जाए और उन्हें निर्णयों में शामिल किया जाए।
NationPress
15/11/2025

Frequently Asked Questions

सीओपी30 में मूल निवासियों का गुस्सा क्यों है?
मूल निवासियों का गुस्सा अमेजन में खनन, अवैध कटाई और जलवायु परिवर्तन से संबंधित अन्याय के कारण है।
क्या स्वदेशी समुदायों की आवाज जलवायु वार्ता में शामिल है?
स्वदेशी समुदायों की आवाज अक्सर जलवायु वार्ता में प्रतीकात्मक रूप से ही शामिल की जाती है, असली निर्णयों से उन्हें दूर रखा जाता है।
क्या अमेजन दुनिया का सबसे बड़ा कार्बन सिंक है?
हाँ, अमेजन को दुनिया के सबसे बड़े कार्बन सिंक में से एक माना जाता है।
क्लाइमेट वेल्थ टैक्स क्या है?
यह एक प्रस्तावित टैक्स है जो उन देशों और उद्योगों पर लगाया जाएगा, जिन्होंने सबसे अधिक प्रदूषण किया है।
ग्रीनवॉशिंग का क्या मतलब है?
ग्रीनवॉशिंग का मतलब है जब कंपनियाँ या संगठन पर्यावरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करते हैं, जबकि वे वास्तव में ऐसा नहीं करते।
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