क्या गाजा में भारी बारिश से बाढ़ प्रभावित परिवारों की मदद कर रही है संयुक्त राष्ट्र की राहत टीम?
सारांश
Key Takeaways
- गाजा में बाढ़ से हजारों बेघर हुए।
- संयुक्त राष्ट्र राहत टीमें सक्रिय हैं।
- सुरक्षा और सामग्री की कमी एक गंभीर समस्या है।
संयुक्त राष्ट्र, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता से जुड़ी संस्थाएं गाज़ा में बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद करने में जुटी हैं, जो हाल की भारी बारिश के कारण हुई है। मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (ओसीएचए) ने जानकारी दी है कि राहत टीमें तुरंत मौके पर भेजी गई हैं, ताकि लोगों को अस्थायी ठिकाने और आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जा सके।
ओसीएचए ने कहा कि बारिश ने गाज़ा क्षेत्र में लोगों की स्थिति को और बिगाड़ दिया है। उनके सामान भीग गए हैं और हजारों बेघर परिवार खुले आसमान के नीचे ठंड और खराब मौसम का सामना कर रहे हैं, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। बुजुर्गों, दिव्यांगों और कमजोर लोगों के लिए स्थितियां और भी कठिन हो गई हैं।
सहायता संगठनों ने बताया कि बाढ़ रोकने के लिए आवश्यक औजार और मशीनें गाज़ा में उपलब्ध नहीं हैं। तम्बुओं से पानी निकालने या कचरा हटाने जैसी सामान्य आवश्यकताएं भी पूरी नहीं की जा रही हैं। लाखों आवश्यक राहत सामग्री अभी भी जॉर्डन, मिस्र और इजरायल में अटकी हुई है और गाज़ा में प्रवेश की अनुमति की प्रतीक्षा कर रही है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, ओसीएचए ने कहा कि दस अक्टूबर के संघर्ष-विराम के बाद इजरायली अधिकारियों ने नौ संगठनों द्वारा भेजे गए लगभग चार हजार राहत सामग्री के पैकेट को गाज़ा में प्रवेश की अनुमति नहीं दी। इनमें तम्बू, बिस्तर, रसोई के सामान और गर्म कपड़े शामिल हैं।
गुरुवार को लगभग एक हज़ार तम्बू दैर अल–बला और खान यूनिस में बांटे गए। रविवार से बुधवार के बीच लगभग सात हज़ार कंबल, पंद्रह हज़ार तिरपाल और सर्दियों के कपड़े हजारों परिवारों तक पहुँचाए गए।
ओसीएचए ने बताया कि खराब हालात के कारण बच्चे सहित कई लोग विस्फोटक वस्तुओं के संपर्क में आने के खतरे में हैं। कुछ लोग जलाने के लिए लकड़ी इकट्ठा करते समय घायल हुए हैं और कई परिवार मजबूरी में ऐसे इलाकों में तम्बू लगाने को मजबूर हैं जहां पुराने विस्फोटक मौजूद हो सकते हैं।
संघर्ष–विराम के बाद से अब तक दस से अधिक लोग विस्फोटक अवशेषों के कारण घायल हो चुके हैं। गाज़ा क्षेत्र की छोटी भौगोलिक स्थिति के कारण खतरनाक जगहों से बचना भी कठिन है।