क्या अधीर रंजन चौधरी ने मतुआ समुदाय की नागरिकता बचाने के लिए गृह मंत्री को पत्र लिखा?

Click to start listening
क्या अधीर रंजन चौधरी ने मतुआ समुदाय की नागरिकता बचाने के लिए गृह मंत्री को पत्र लिखा?

सारांश

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने मतुआ समुदाय की नागरिकता के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने समुदाय के लोगों के अनशन का समर्थन किया और उनकी नागरिकता की सुरक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया। जानें इस पत्र के पीछे की कहानी और क्या हो सकता है आगे।

Key Takeaways

  • मतुआ समुदाय की नागरिकता का मुद्दा संवेदनशील है।
  • अधीर रंजन चौधरी ने समर्थन का आश्वासन दिया है।
  • कड़े दस्तावेजों की आवश्यकता से छूट की मांग की गई है।
  • अनशन करने वाले लोग अपने अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं।
  • सीएए का संबंध इस मुद्दे से है।

कोलकाता, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के प्रमुख नेता और कार्यसमिति सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल के मतुआ समुदाय की नागरिकता की रक्षा की अपील की है।

उन्होंने अनुरोध किया है कि समुदाय को कड़े दस्तावेजों की आवश्यकता से मुक्त किया जाए और उनकी नागरिकता को तुरंत मान्यता प्रदान की जाए। ठाकुरनगर पहुंचकर, चौधरी ने अनशन पर बैठे मतुआ समुदाय के सदस्यों से संवाद किया। यह समुदाय पिछले कई दिनों से अनशन पर है। चौधरी ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी इस लड़ाई में कांग्रेस पूरी ताकत से उनके साथ है।

पत्र में उन्होंने उल्लेख किया कि मतुआ समुदाय दशकों पूर्व पूर्वी पाकिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत आया था। ये लोग अब देश का हिस्सा हैं और कई वर्षों से मतदान करते आ रहे हैं, लेकिन अब नागरिकता सिद्ध करने के लिए 25 वर्ष पुराने दस्तावेज मांगे जा रहे हैं, जो उनके लिए अत्यंत कठिन है।

सीएए कानून का उल्लेख करते हुए, अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सरकार ने धार्मिक उत्पीड़न के शिकार लोगों के लिए अंतिम तिथि 2014 से बढ़ाकर 2024 कर दी है। मतुआ समुदाय के लिए भी इसी प्रकार का मानवीय दृष्टिकोण अपनाया जाए। उन्होंने संसद के शीतकालीन सत्र से पहले अध्यादेश लाने की मांग की, ताकि समुदाय की नागरिकता सुरक्षित रहे और विधानसभा तथा लोकसभा चुनावों में उनका मतदान का अधिकार भी बना रहे।

उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो हजारों लोग अपने मतदान अधिकार से वंचित हो जाएंगे। यह समुदाय वर्षों से राज्य और केंद्र में अपने प्रतिनिधि चुनता आया है। अब उनका यह अधिकार छीनना अन्याय होगा।

कांग्रेस नेता ने स्पष्ट किया कि मतुआ समुदाय की सम्मान, सुरक्षा और पूर्ण नागरिकता की इस लड़ाई में वे अंत तक उनके साथ रहेंगे।

Point of View

यह स्पष्ट है कि नागरिकता का मुद्दा एक संवेदनशील विषय है। यह आवश्यक है कि सभी समुदायों के अधिकारों की रक्षा की जाए, खासकर उन लोगों के जो वर्षों से इस देश का हिस्सा रहे हैं। हमें एक समरस समाज की आवश्यकता है जहां सभी को समान अधिकार मिले।
NationPress
15/11/2025

Frequently Asked Questions

मतुआ समुदाय कौन है?
मतुआ समुदाय वे लोग हैं जो पूर्वी पाकिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत आए थे और अब यह समुदाय भारतीय समाज का हिस्सा है।
अधीर रंजन चौधरी ने गृह मंत्री को क्यों पत्र लिखा?
उन्होंने मतुआ समुदाय की नागरिकता की सुरक्षा की अपील की है और उन्हें कड़े दस्तावेजों की आवश्यकता से छूट देने की मांग की है।
क्या मतुआ समुदाय के लोग अनशन पर हैं?
हाँ, मतुआ समुदाय के लोग अपनी नागरिकता के अधिकारों की रक्षा के लिए अनशन पर बैठे हैं।
सीएए कानून का क्या संबंध है?
सीएए कानून के तहत, धार्मिक उत्पीड़न के शिकार लोगों के लिए नागरिकता की अंतिम तिथि को बढ़ाया गया है, और यह समुदाय भी इसी राहत की मांग कर रहा है।
अधीर रंजन चौधरी का क्या कहना है?
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेगी।
Nation Press