क्या एफआईआई की बिकवाली के कारण भारतीय शेयर बाजार में गिरावट जारी रहेगी?

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क्या एफआईआई की बिकवाली के कारण भारतीय शेयर बाजार में गिरावट जारी रहेगी?

सारांश

भारतीय शेयर बाजार में एफआईआई की बिकवाली से लगातार गिरावट का दौर जारी है। क्या यह स्थिति आगे भी बनी रहेगी? जानें, सेंसेक्स और निफ्टी के हालिया प्रदर्शन के बारे में और इसके पीछे की वजहें।

Key Takeaways

  • सेंसेक्स और निफ्टी में लगातार गिरावट जारी है।
  • एफआईआई की बिकवाली से बाजार प्रभावित हो रहा है।
  • मिश्रित वैश्विक संकेतों का असर निवेशकों के सेंटिमेंट पर है।
  • अगले सप्ताह मार्केट की दिशा कई कारकों पर निर्भर करेगी।
  • भारत की आर्थिक वृद्धि पर नजर रहेगी।

मुंबई, 8 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय बेंचमार्क सूचकांक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा निरंतर बिकवाली के कारण लगातार दूसरे सप्ताह भी गिरावट में रहे। सेंसेक्स और निफ्टी का आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को लाल निशान में समाप्त हुआ। सेंसेक्स 94.73 अंक या 0.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 83,216.28 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 17.40 अंक या 0.07 प्रतिशत की गिरावट के बाद 25,492.30 पर समाप्त हुआ।

सेंसेक्स इस सप्ताह 1,394.55 अंक या 1.65 प्रतिशत की कमी में रहा। वहीं, निफ्टी 183.25 अंक या 0.71 प्रतिशत के नुकसान में रहा।

मिश्रित वैश्विक संकेतों के बीच, फेड के अगले रेट कट को लेकर कम होती उम्मीदों ने निवेशकों के सेंटिमेंट को प्रभावित किया। साथ ही, आईटी और मेटल सेक्टर में नुकसान ने भी इस गिरावट को बढ़ाया।

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा, "दूसरी तिमाही के नतीजों ने कुछ सेक्टर्स को बढ़ावा दिया। मजबूत फाइनेंशियल परफॉर्मेंस, बेहतर होती एसेट क्वालिटी और संभावित एफडीआई कैप बढ़त और सेक्टर कंसोलिडेशन की वजह से पीएसयू बैंक फोकस में रहा।"

एनालिस्ट ने कहा कि बाय-ऑन-डिप्स रणनीति बेहतर साबित हुई क्योंकि अधिकतर निफ्टी 50 कंपनियों का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक रहा। निरंतर पॉलिसी सपोर्ट से मौजूदा प्रीमियम वैल्यूएशन को बढ़ावा मिलने और आय में सुधार की संभावना है।

एनालिस्ट ने कहा कि अर्निंग ग्रोथ में वित्त वर्ष 25 में 5 प्रतिशत की तेज गिरावट ने वैल्यूएशन को बढ़ा दिया, जिससे भारतीय बाजार दुनिया के सबसे महंगे बाजारों में से एक बन गया।

उन्होंने आगे कहा कि इमर्जिंग और कुछ डेवलप्ड मार्केट लो वैल्यूएशन के साथ आकर्षित बन रहे हैं। एफआईआई भारत में बिकवाली के साथ अपने निवेश को सस्ते मार्केट में बढ़ा रहे हैं।

निफ्टी वर्तमान में वित्त वर्ष 27 की अनुमानित अर्निंग के 20 गुना से ऊपर ट्रेड कर रहा है। यह पिछले 10 वर्ष के औसत पीई रेशो से कुछ अधिक है।

एनालिस्ट ने कहा कि भारत के सुपर लॉन्ग-टर्म ग्रोथ क्षमता के साथ वर्तमान वैल्यूएशन को उचित ठहराया जा सकता है।

इस बीच, भारत में मजबूत आर्थिक विकास और अर्निंग रिकवरी के संकेत मिलते हैं। जब लीडिंग इंडीकेटर इस ट्रेंड पर फोकस करेंगे, तो एफआईआई अपनी बिकवाली को घटाने पर विचार करेंगे और अंत में खरीदार बनकर उभरेंगे।

अगले सप्ताह मार्केट की दिशा आगामी घरेलू मुद्रास्फीति डेटा, एफआईआई निवेश, अमेरिकी शटडाउन को लेकर डेवलपमेंट जैसे कारक तय करेंगे। इसके अलावा, अमेरिका, चीन और भारत के व्यापार वार्ताओं पर भी नजर रहेगी।

Point of View

और यह भारत की आर्थिक स्थिति के साथ-साथ वैश्विक बाजारों पर भी निर्भर करती है। हमें एफआईआई के निवेश को समझने की आवश्यकता है और यह देखना होगा कि आने वाले समय में क्या बदलाव आते हैं।
NationPress
08/11/2025

Frequently Asked Questions

एफआईआई क्या होती है?
एफआईआई का मतलब विदेशी संस्थागत निवेशक होता है, जो अन्य देशों के निवेशकों द्वारा भारतीय बाजार में निवेश करते हैं।
क्या भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का असर निवेशकों पर पड़ेगा?
हाँ, गिरावट का असर निवेशकों की संपत्ति और वित्तीय निर्णयों पर पड़ सकता है।