क्या गौतम अदाणी ने पुरी रथ यात्रा को दिव्य अनुभव बताया और ओडिशा सरकार की सराहना की?

सारांश
Key Takeaways
- गौतम अदाणी ने रथ यात्रा को दिव्य अनुभव बताया।
- ओडिशा सरकार और स्थानीय लोगों के प्रयासों की सराहना की।
- 5,000 से अधिक लोगों की सेवा में भागीदारी।
- धार्मिक आस्था और समाज पर इसका प्रभाव।
- सामाजिक गतिविधियों में बड़े उद्योगपतियों की भागीदारी।
पुरी, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने शनिवार को भगवान श्री जगन्नाथ जी की रथ यात्रा का अनुभव एक दिव्य आध्यात्मिक यात्रा बताया।
उन्होंने ओडिशा सरकार, प्रशासन और स्थानीय निवासियों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह यात्रा भव्य और सुव्यवस्थित थी।
गौतम अदाणी ने मीडिया से बातचीत में कहा, "यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मुझे यहां आने का अवसर मिला। पिछले कुछ वर्षों में, मैंने महाप्रभु जगन्नाथ की दिव्य उपस्थिति को अपने जीवन में गहराई से अनुभव किया है। जब मेरे पास कुछ नहीं था, तब मैं भगवान के पास गया और आज उनके आशीर्वाद से मेरे पास सब कुछ है।"
इस अरबपति उद्योगपति ने कहा, "मैंने भारत के उज्ज्वल भविष्य और ओडिशा के विकास के लिए प्रार्थना की है। मैं प्रार्थना करता हूँ कि भगवान श्री जगन्नाथ जी देश को निरंतर प्रगति की दिशा में ले जाएं और सभी लोग इस प्रगति का लाभ उठाएं।"
अदाणी समूह ने 26 जून से 8 जुलाई तक चलने वाले नौ दिवसीय उत्सव के दौरान तीर्थयात्रियों और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को समर्थन प्रदान करने के लिए बड़े पैमाने पर स्वयंसेवी पहल शुरू की है।
गौतम अदाणी ने कहा, "इस दिव्य समागम के दौरान पहली बार, हमने भक्ति के रूप में 'सेवा' पर ध्यान केंद्रित किया है। इस सेवा में 5,000 से अधिक लोग शामिल हुए हैं और हमने देखा कि यह सेवा कैसे जीवन को बदलने का कार्य करती है। सेवा केवल धार्मिक क्रिया नहीं है, बल्कि इसका समाज पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है।"
उन्होंने प्रशासन और सुरक्षा कर्मियों के समर्पण की भी सराहना की।
इसके अलावा, गौतम अदाणी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "भक्तों के बीच साक्षात भगवान को देखना, विनम्रता, सरलता और करुणा का अद्वितीय अनुभव है। यह रथ यात्रा आस्था, सेवा और एकता का विशाल स्वरूप है, जो मन, बुद्धि और आत्मा को आनंदित कर देती है।"