क्या गाजियाबाद में नई रासायनिक प्रयोगशाला निर्माण सामग्री, पानी और अन्य चीजों के परीक्षण में अहम भूमिका निभाएगी?

सारांश
Key Takeaways
- गाजियाबाद में नई रासायनिक प्रयोगशाला का उद्घाटन होने जा रहा है।
- यह प्रयोगशाला परीक्षण की गुणवत्ता में सुधार करेगी।
- इसमें विभिन्न सामग्रियों का परीक्षण किया जाएगा।
- अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित है।
- यह वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देगी।
नई दिल्ली, 7 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने रविवार को जानकारी दी कि गाजियाबाद में स्थित राष्ट्रीय परीक्षण शाला (एनटीएच) में स्थापित की गई नवीनतम रासायनिक प्रयोगशाला जल्द ही देश के समर्पित की जाएगी।
मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी 10 सितंबर, 2025 को नई दिल्ली में एक समारोह में राष्ट्रीय परीक्षण शाला (एनटीएच), गाजियाबाद में इस अत्याधुनिक रासायनिक प्रयोगशाला का उद्घाटन करेंगे।
इस प्रयोगशाला में पैक्ड पेयजल और प्राकृतिक खनिज जल, डिब्बाबंद खाद्य सामग्री, एल्युमीनियम और तांबे के बने एनामेल्ड और इंसुलेटेड तार, कोयला, पेट्रोलियम कोक, बिटुमेन, एनामेल पेंट, एंटी-स्किड उत्पाद, रेत और बजरी का परीक्षण किया जाएगा।
बयान में कहा गया है कि यह रासायनिक प्रयोगशाला भवन निर्माण सामग्री, सीमेंट, जल, धातु, मिश्रधातु, कागज, प्लास्टिक, जैविक उत्पाद और उर्वरक सहित विभिन्न सामग्रियों के परीक्षण में केंद्रीय भूमिका निभाएगी।
प्रयोगशाला को आईएसओ/आईईसी 17025:2017 के अंतर्गत एनएबीएल द्वारा मान्यता प्राप्त है और इसे भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई), और उर्वरक (नियंत्रण) आदेश, 1985 के अंतर्गत अनुमोदन प्राप्त है।
मंत्रालय के अनुसार, प्रयोगशाला अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित है, जिनमें परमाणु अवशोषण स्पेक्ट्रोमीटर (एएएस), इंडक्टिवली कपल्ड प्लाज्मा-परमाणु उत्सर्जन स्पेक्ट्रोस्कोपी (आईसीपी-एईएस), ऑप्टिकल एमिशन स्पेक्ट्रोमीटर (ओईएस), गैस क्रोमैटोग्राफी-मास स्पेक्ट्रोमेट्री (जीसी-एमएस), उच्च-प्रदर्शन द्रव क्रोमैटोग्राफी (एचपीएलसी), और आयन क्रोमैटोग्राफ शामिल हैं।
ये उन्नत सुविधाएं प्रयोगशाला को विभिन्न क्षेत्रों में परिष्कृत और उच्च सटीकता वाले विश्लेषण करने में सक्षम बनाती हैं। यह प्रयोगशाला विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग कॉलेजों और उद्योगों को प्रशिक्षण, अनुसंधान और परीक्षण सहायता भी प्रदान करती है, जिससे वैज्ञानिक और औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र मजबूत होता है।
इसके अलावा, प्रयोगशाला के पास अपने परीक्षण के दायरे को विस्तारित करने की योजना है, जिसमें फोर्टिफाइड खाद्य उत्पादों, जैसे फोर्टिफाइड गेहूं का आटा, मैदा, मेवे, खाद्य तेल और विटामिन ए व D से भरपूर नमक के परीक्षण की सुविधाएं शामिल हैं, ताकि उद्योग के साथ-साथ आम जनता को भी सेवा मिल सके। प्रयोगशाला विभिन्न मसालों का परीक्षण शुरू करने और खाद्य उत्पादों में सूक्ष्म पोषक तत्वों का विश्लेषण करने की भी योजना बना रही है, जिससे जन स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता आश्वासन में इसका योगदान और व्यापक होगा।