क्या रुपए में स्थिरता का असर है? ग्लोबल फंड्स ने भारतीय बॉंड्स की खरीद को 46 गुना बढ़ाया

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क्या रुपए में स्थिरता का असर है? ग्लोबल फंड्स ने भारतीय बॉंड्स की खरीद को <b>46 गुना</b> बढ़ाया

सारांश

विदेशी निवेशकों ने भारतीय बॉंड्स की खरीद को 46 गुना बढ़ा दिया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उनका भारतीय बाजार में विश्वास मजबूत हो रहा है। जानिए, इसके पीछे के कारण और भारतीय रिजर्व बैंक की भूमिका।

Key Takeaways

  • विदेशी निवेशकों ने भारतीय बॉंड्स की खरीद को 46 गुना बढ़ाया।
  • भारतीय रिजर्व बैंक की नीतियाँ रुपया को मजबूत कर रही हैं।
  • भारतीय बॉंड्स का रिटर्न अन्य उभरते बाजारों से बेहतर है।

नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। विदेशी निवेशकों ने भारत सरकार के बॉन्ड की खरीद को इस हफ्ते 46 गुना बढ़ा दिया है। यह संकेत करता है कि विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार में विश्वास बढ़ रहा है।

क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, ग्लोबल फंड्स ने पिछले हफ्ते विदेशी निवेशकों के लिए उपलब्ध 55.51 अरब रुपए (631 मिलियन डॉलर) के डेट फंड खरीदे हैं। इससे पहले यह आंकड़ा 1.21 अरब रुपए था।

यह खरीदारी ऐसे समय में हो रही है जब भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) रुपए को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है, जिसके कारण बुधवार को डॉलर की तुलना में रुपए में लगभग एक प्रतिशत की वृद्धि देखी गई थी।

आरबीआई की कार्रवाई के बाद, रुपया अपने रिकॉर्ड न्यूनतम स्तर से लगातार मजबूत हो रहा है, जिससे भारतीय बॉंड्स पर रिटर्न भी बढ़ रहा है। यह लगातार दूसरा महीना होगा जब भारतीय बॉंड्स अन्य उभरते बाजारों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। 10 साल की यील्ड लगभग 6.5 प्रतिशत के आसपास है, जो क्षेत्र में सबसे अधिक है।

पिछले शुक्रवार तक के पांच दिनों में रुपए में चार महीनों में सबसे बड़ी वृद्धि देखी गई, क्योंकि केंद्रीय बैंक ने ऑफशोर और ऑनशोर दोनों बाजारों में रुपए को मजबूत करने के लिए कदम उठाए हैं। इससे डॉलर की तुलना में रुपए की गिरावट को साल की शुरुआत से अब तक 2.6 प्रतिशत तक सीमित करने में मदद मिली है। हालांकि, यह अभी भी इंडोनेशियाई रुपिया के बाद सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली एशियाई मुद्रा है।

एसीई म्यूचुअल फंड के 20 अक्टूबर तक के आंकड़ों के अनुसार, टॉप 10 अंतरराष्ट्रीय फंड्स का एक वर्ष का रिटर्न 33 प्रतिशत से 72 प्रतिशत के बीच रहा है।

इसकी तुलना में, इसी अवधि के दौरान बेंचमार्क निफ्टी केवल 5.7 प्रतिशत का रिटर्न दिया।

मिराए एसेट एनवाईएसई फैंग प्लस ईटीएफ एफओएफ ने एक साल में 71.78 प्रतिशत के शानदार रिटर्न के साथ लिस्ट में शीर्ष स्थान प्राप्त किया।

इसके बाद इन्वेस्को ग्लोबल कंज्यूमर ट्रेंड्स एफओएफ रहा, जिसने वैश्विक उपभोक्ता ब्रांड और डिजिटल व्यापार कंपनियों के मजबूत प्रदर्शन का लाभ उठाते हुए 52.65 प्रतिशत का रिटर्न दिया।

Point of View

यह कहना उचित है कि विदेशी निवेशकों की बढ़ती रुचि भारतीय बाजार के लिए एक सकारात्मक संकेत है। यह न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिरता को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि आरबीआई की नीतियाँ प्रभावी हो रही हैं।
NationPress
23/10/2025

Frequently Asked Questions

विदेशी निवेशकों ने भारतीय बॉंड्स की खरीद में इतनी वृद्धि क्यों की?
विदेशी निवेशकों का विश्वास भारतीय बाजार में बढ़ रहा है, जो आरबीआई की नीतियों के सकारात्मक प्रभाव को दर्शाता है।
क्या भारतीय रिजर्व बैंक की नीतियाँ प्रभावी हैं?
जी हाँ, आरबीआई की नीतियाँ रुपया को मजबूत करने में सहायक साबित हो रही हैं।
भारतीय बॉंड्स का प्रदर्शन अन्य उभरते बाजारों के मुकाबले कैसा है?
भारतीय बॉंड्स ने लगातार दूसरे महीने अन्य उभरते बाजारों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है।