क्या जीएसटी रेट कट एक सकारात्मक कदम है, जो व्यावसायिक प्रक्रिया को सरल बनाएगा? : संजीव पुरी

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी सुधार से व्यावसायिक प्रक्रियाएं सरल होंगी।
- उपभोग बढ़ने से रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
- सरकारी वित्त पर कोई बड़ा दबाव नहीं पड़ेगा।
- कम कर दरों से क्रय शक्ति में सुधार होगा।
- छोटे उद्यमों को लाभ होगा।
कोलकाता, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। आईटीसी लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक संजीव पुरी ने शुक्रवार को नए जीएसटी सुधार का स्वागत करते हुए इसे एक सकारात्मक कदम बताया।
मर्चेंट्स चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एमसीसीआई) की 124वीं वार्षिक आम बैठक के साइडलाइन में न्यूज एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए पुरी ने कहा, "नया जीएसटी रेट कट एक बहुत अच्छा कदम है। यह पूरी व्यावसायिक प्रक्रिया को सरल बनाएगा, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को आसान बनाएगा और छोटे उद्यमों को भी लाभान्वित करेगा।"
उन्होंने आगे कहा, "कम दरों से उपभोग बढ़ेगा और इससे रोजगार के अधिक अवसर पैदा होंगे।"
इस बैठक में बंगाल की मुख्यमंत्री के प्रधान मुख्य सलाहकार डॉ. अमित मित्रा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी शामिल हुए।
एमसीसीआई कार्यक्रम में पुरी ने भारतीय व्यवसायों के लिए इनवोवेशन, सस्टेनेबिलिटी और मजबूती पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हुए अपने मॉडलों की पुनर्कल्पना करने की आवश्यकता पर भी बात की।
उन्होंने डिजिटलीकरण और सप्लाई चेन की मजबूती जैसे रुझानों पर प्रकाश डालते हुए कहा, "उद्यमों की एक सामाजिक भूमिका होती है। हमें ऐसे व्यावसायिक मॉडल की आवश्यकता है जो लोगों और प्लैनेट को केंद्र में रखें।"
22 सितंबर से लागू होने वाले जीएसटी सुधार कई वस्तुओं पर कर दरों को कम करने और समग्र संरचना को सरल बनाने के लिए डिजाइन किए गए हैं।
क्रिसिल की एक रिपोर्ट के अनुसार, इन सुधारों से सरकारी वित्त पर कोई बड़ा दबाव पड़ने की संभावना नहीं है।
हालांकि सरकार को सालाना लगभग 48,000 करोड़ रुपए के अल्पकालिक राजस्व नुकसान की उम्मीद है, विश्लेषकों का कहना है कि पिछले साल के 10.6 लाख करोड़ रुपए के कुल जीएसटी संग्रह को देखते हुए इसका महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि कर दरों में कमी, सेवाओं और जीएसटी के तहत लाई गई नई वस्तुओं की मांग में लगातार वृद्धि के साथ, राजस्व स्थिरता बनाए रखने में मदद करेगी।
साथ ही, आम उपभोग की वस्तुओं पर कम कर दरों से क्रय शक्ति में सुधार होने की उम्मीद है, जिससे अर्थव्यवस्था को व्यापक बढ़ावा मिलेगा।