क्या जीएसटी रेट्स के रेशनलाइजेशन से फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को अधिकतम लाभ होगा?

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क्या जीएसटी रेट्स के रेशनलाइजेशन से फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को अधिकतम लाभ होगा?

सारांश

केंद्रीय सरकार ने जीएसटी दरों के रेशनलाइजेशन से फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को होने वाले लाभ की पुष्टि की है। यह बदलाव उपभोक्ताओं को सस्ते खाद्य पदार्थों का लाभ दिलाएगा, साथ ही उद्योग में निवेश में वृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेगा। इस लेख में जानें कैसे यह बदलाव आर्थिक विकास को प्रभावित करेगा।

Key Takeaways

  • फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को जीएसटी दरों में कमी से लाभ होगा।
  • उपभोक्ता मांग में वृद्धि की संभावना है।
  • सरलीकरण से अनुपालन लागत कम होगी।
  • निवेश के अवसरों में वृद्धि होगी।
  • रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

नई दिल्ली, 8 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय सरकार ने सोमवार को घोषणा की कि जीएसटी दरों का रेशनलाइजेशन फूड प्रोसेसिंग सेक्टर के लिए अधिकतम लाभ लाएगा। इस क्षेत्र के अधिकांश उत्पादों पर जीएसटी की दर घटकर 5 प्रतिशत रह गई है, जिससे आर्थिक विकास का एक वर्चुअस चक्र उत्पन्न होगा।

सरलीकृत टैक्स संरचना और कर स्लैब की संख्या में कमी फूड आइटम्स में एकरूपता लाने में सहायक होगी। एक स्थिर कर वातावरण व्यवसायों को लॉन्ग-टर्म निवेश की योजना बनाने, अनुपालन को प्रोत्साहित करने और आर्थिक विकास को गति देने में मदद करेगा।

उपभोक्ताओं को खाद्य पदार्थों की कीमतों में कुल मिलाकर कमी देखने को मिलेगी, जिससे मुख्य खाद्य पदार्थ पहले से अधिक सस्ते हो जाएंगे। इससे उपभोक्ता मांग बढ़ेगी। इसके साथ ही, एफएमसीजी और पैकेज्ड फूड व्यवसायों की बिक्री में वृद्धि की संभावना है।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने बताया कि यह सरलीकरण अनुपालन लागत और मुकदमेबाजी के जोखिम को कम कर व्यवसायों की मदद करेगा।

नयी संरचना इंवर्टेड ड्यूटी के मामलों को सुधारने में मदद करती है। इससे फूड सेक्टर में वैल्यू चेन को मजबूती, विशेषकर एमएसएमई के लिए लिक्विडिटी में सुधार, कार्यशील पूंजी की रुकावट को कम करने और डोमेस्टिक वैल्यू एडिशन को बढ़ावा देने में तात्कालिक राहत मिलेगी।

नया ढांचा समान उत्पादों के लिए भिन्न-भिन्न कर दरों से उत्पन्न होने वाले वर्गीकरण विवादों को समाप्त करता है।

उदाहरण के लिए, पैकेज्ड बनाम खुले पनीर या पराठे पर पहले अलग-अलग दरें होती थीं, लेकिन अब एक स्पष्ट संरचना का पालन किया जाता है और वर्गीकरण विवादों को काफी कम कर दिया गया है।

दरों में कटौती के अलावा, काउंसिल ने सुव्यवस्थित रजिस्ट्रेशन और रिटर्न फाइलिंग, विशेष रूप से इंवर्टेड ड्यूटी क्लेम के लिए प्रोविशनल रिफंड मेकैनिज्म और अपील समाधान में तेजी लाने के लिए प्रक्रियात्मक सुधारों को मंजूरी दी।

मंत्रालय ने कहा, "कुल मिलाकर, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक बूस्ट मिलने वाला है। उपभोक्ता वस्तुओं पर कम जीएसटी दरें और परिणामस्वरूप कम कीमतें संभावित रूप से उद्योग के लिए बढ़ी हुई मांग और विकास का एक वर्चुअस चक्र शुरू कर सकती हैं।"

जीएसटी की दरों में कमी से रिटेल कीमतें कम होंगी, जिससे प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट सहित मैन्युफैक्चर्ड उत्पादों की मांग बढ़ेगी।

बढ़ती मांग, पॉजिटिव बिजनेस सेंटीमेंट और अनुपालन बोझ में कमी के साथ, निवेश में वृद्धि की उम्मीद है।

बढ़ती मांग, निवेश में अपेक्षित वृद्धि और उद्योग के औपचारिकीकरण के साथ, इस सेक्टर और समग्र अर्थव्यवस्था में अधिक रोजगार के अवसर उत्पन्न होने की संभावना है।

मंत्रालय ने कहा कि अर्थव्यवस्था में खपत और निवेश में वृद्धि, फूड-प्रोसेसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में वृद्धि, प्रोसेसिंग और वैल्यू एडिशन के स्तर में वृद्धि और कटाई के बाद होने वाले नुकसान में कमी से किसानों और फूड प्रोसेसर्स की आय और पारिश्रमिक में वृद्धि होने की उम्मीद है।

Point of View

हमें यह समझना चाहिए कि जीएसटी दरों का यह रेशनलाइजेशन एक महत्वपूर्ण कदम है जो न केवल फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को लाभान्वित करेगा, बल्कि इसके माध्यम से व्यापक आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा। यह एक ऐसा निर्णय है जो हमें दीर्घकालिक विकास की दिशा में ले जाएगा।
NationPress
08/09/2025

Frequently Asked Questions

जीएसटी रेट्स में कमी का फूड प्रोसेसिंग सेक्टर पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
जीएसटी रेट्स में कमी से फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में उत्पादन लागत कम होगी, जिससे उपभोक्ताओं को सस्ते खाद्य पदार्थ मिलेंगे और उद्योग में निवेश बढ़ेगा।
क्या जीएसटी रेट्स का रेशनलाइजेशन उपभोक्ता मांग को प्रभावित करेगा?
हाँ, जीएसटी रेट्स में कमी से खाद्य पदार्थों की कीमतें कम होंगी, जिससे उपभोक्ता मांग में वृद्धि की संभावना है।
क्या यह बदलाव रोजगार के अवसर बढ़ाएगा?
जी हाँ, बढ़ती मांग और निवेश में वृद्धि के साथ, यह क्षेत्र में नए रोजगार के अवसर पैदा करेगा।
सरकार ने इस बदलाव के लिए क्या कदम उठाए हैं?
सरकार ने जीएसटी दरों में कमी के साथ-साथ प्रक्रियात्मक सुधारों की भी योजना बनाई है, जिससे व्यवसायों को मदद मिलेगी।
क्या नया जीएसटी ढांचा एमएसएमई के लिए फायदेमंद होगा?
नया जीएसटी ढांचा विशेष रूप से एमएसएमई के लिए लाभकारी होगा, क्योंकि यह लिक्विडिटी में सुधार और कार्यशील पूंजी की रुकावट को कम करेगा।