क्या चांदी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं?
सारांश
Key Takeaways
- चांदी की कीमत पहली बार 2 लाख रुपए प्रति किलो को पार कर गई है।
- औद्योगिक मांग में वृद्धि प्रमुख कारण है।
- वैश्विक आपूर्ति में कमी का प्रभाव भी महत्वपूर्ण है।
मुंबई, 13 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कमोडिटी बाजार में चांदी ने एक नया इतिहास रच डाला है। भारत के मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर चांदी की कीमत पहली बार 2 लाख रुपए प्रति किलो को पार कर गई है, जो चांदी के लिए एक नया रिकॉर्ड है।
एमसीएक्स पर शुक्रवार के कारोबारी सत्र में चांदी में जोरदार खरीदारी हुई, और इसकी कीमत 2,01,615 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई। हालांकि, अंत में मुनाफावसूली के चलते यह 1,92,615 रुपए प्रति किलो पर बंद हुई।
एक्सिस डारेक्ट के अनुसार, 2024 में 20 प्रतिशत से अधिक रिटर्न देने के बाद, चांदी की तेजी 2025 में भी जारी रहने की संभावना है। कीमतों में सालाना बढ़त 1979 के बाद की सबसे बड़ी है। लंबे समय तक स्थिर रहने के बाद, चांदी अब एक मजबूत तेजी के दौर में प्रवेश कर चुकी है।
चांदी की कीमतों में वृद्धि के पांच प्रमुख कारण हैं:
1. औद्योगिक मांग में वृद्धि: एक्सिस म्यूचुअल फंड के अनुसार, 2025 में सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) और 5जी तकनीक में चांदी की मांग तेजी से बढ़ी है। मांग बढ़ने और आपूर्ति घटने के कारण कीमतें चढ़ गईं।
2. निवेशकों की रुचि: निवेशक अब अधिक मात्रा में कमोडिटी बाजार की ओर आकर्षित हो रहे हैं। सोने और अन्य धातुओं में मजबूती का प्रभाव चांदी पर भी पड़ा है।
3. वैश्विक बाजार में आपूर्ति की कमी: अमेरिका के कॉमेक्स एक्सचेंज पर चांदी की कीमत 65.085 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई, जो कई वर्षों का उच्चतम स्तर है। वैश्विक आपूर्ति में कमी से भारतीय बाजार भी प्रभावित हुआ है।
4. डॉलर-रुपए में उतार-चढ़ाव: डॉलर के मुकाबले रुपए की कमजोरी के चलते भारत में चांदी और अन्य कीमती धातुएं महंगी हो गई हैं।
5. अमेरिकी व्यापार नीति का डर: बाजार में यह आशंका है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चांदी पर आयात शुल्क लगा सकते हैं। अमेरिका अपनी जरूरत की लगभग दो-तिहाई चांदी आयात करता है। इस आशंका के चलते अमेरिकी कंपनियों ने चांदी जमा करना शुरू कर दिया, जिससे वैश्विक बाजार में कमी आई और कीमतें तेजी से बढ़ गईं।
-- राष्ट्र प्रेस
दुर्गेश बहादुर/एबीएस