क्या पीएम नरेंद्र मोदी के 2070 तक नेट जीरो के लक्ष्य के तहत गुजरात का पहला ग्रीन बॉंड जारी किया गया?

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क्या पीएम नरेंद्र मोदी के 2070 तक नेट जीरो के लक्ष्य के तहत गुजरात का पहला ग्रीन बॉंड जारी किया गया?

सारांश

गुजरात ने पीएम मोदी के नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण पहल की है। सूरत नगर निगम ने 200 करोड़ का ग्रीन बॉंड जारी किया है, जो पर्यावरण संबंधी प्रोजेक्ट्स में निवेश करेगा। आइए जानें इस ग्रीन बॉंड के पीछे की कहानी और इसके प्रभावों के बारे में।

Key Takeaways

  • गुजरात का पहला ग्रीन बॉंड 200 करोड़ का है।
  • यह बॉंड नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध किया गया है।
  • इसका निवेश पर्यावरणीय प्रोजेक्ट्स में किया जाएगा।
  • अंतरराष्ट्रीय प्रमाणन के साथ यह ग्रीन प्रोजेक्ट्स की श्रेणी में आता है।
  • यह पीएम मोदी के जनभागीदारी के संकल्प का हिस्सा है।

नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात राज्य का पहला ग्रीन बॉंड नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर सूचीबद्ध होने के अवसर पर सूरत नगर निगम की नगर आयुक्त शालिनी अग्रवाल ने इसे पीएम मोदी के विकसित भारत 2047 और नेट जीरो 2070 के संकल्प के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

उन्होंने न्यूज एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा, "पीएम मोदी के साथ गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य के लिए विकसित गुजरात 2047 और नेट जीरो 2070 के संकल्प के अंतर्गत सूरत महानगर पालिका द्वारा 200 करोड़ का ग्रीन बॉंड एनएसई में सूचीबद्ध किया है। यह निवेश पर्यावरण से जुड़े प्रोजेक्ट्स जैसे सोलर, विंड एनर्जी, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, जल आपूर्ति, और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पब्लिक चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर में किया जाएगा।"

अग्रवाल ने बताया कि इस बॉंड के साथ अंतरराष्ट्रीय प्रमाणन भी लिया गया है, जिससे सभी प्रोजेक्ट्स ग्रीन प्रोजेक्ट्स की श्रेणी में आते हैं।

उन्होंने कहा, "अंतरराष्ट्रीय प्रमाणन लेने के बाद इस बॉंड को जनता के लिए खोला गया था, जिसमें रिटेल निवेशकों को भी सब्सक्रिप्शन की सुविधा दी गई थी। पीएम मोदी के जनभागीदारी के संकल्प के अंतर्गत इनोवेटिंग फाइनेंसिंग मैकेनिज्म में लोगों का डायरेक्ट निवेश पर्यावरण से जुड़े प्रोजेक्ट्स में हो सके और उन्हें अच्छे रिटर्न मिलें, इसके लिए यह ग्रीन बॉंड पब्लिक इशू किया गया था।"

सूरत के मेयर दक्षेश मावानी ने इस अवसर पर कहा कि सूरत महानगर पर्यावरण से जुड़े प्रोजेक्ट्स को प्रोत्साहन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

उन्होंने कहा, "जब भारत में ई-व्हीकल आया, तब सूरत नगर पालिका ने डेडिकेटेड ई-व्हीकल पॉलिसी पेश कर टैक्स में राहत दी। पिछले पांच वर्षों में गुजरात के जितने भी ई-व्हीकल हैं, उनमें से 35 प्रतिशत अकेले सूरत के पास हैं। इसका मतलब है कि पेट्रोल-डीजल का एक बहुत बड़ा हिस्सा कम इस्तेमाल हो रहा है। इस प्रकार हम पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत लक्ष्य को भी समर्थन दे रहे हैं।"

मावानी ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है और हम आज चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी एक महत्वपूर्ण पहचान बना रहे हैं।

Point of View

बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कदम पीएम मोदी के विकास और पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह अनिवार्य है कि हम ऐसे प्रयासों का समर्थन करें, ताकि हम अपने पर्यावरण को संरक्षित कर सकें और भविष्य के लिए एक स्थायी विकास मॉडल विकसित कर सकें।
NationPress
16/10/2025

Frequently Asked Questions

ग्रीन बॉंड क्या है?
ग्रीन बॉंड एक प्रकार का वित्तीय उपकरण है जिसका उपयोग पर्यावरणीय परियोजनाओं के लिए धन जुटाने के लिए किया जाता है।
सूरत नगर निगम ने ग्रीन बॉंड जारी करने का क्या कारण बताया?
सूरत नगर निगम ने इसे पीएम मोदी के विकसित भारत 2047 और नेट जीरो 2070 के संकल्प के तहत एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
इस ग्रीन बॉंड से कौन-कौन से प्रोजेक्ट्स को वित्त पोषण मिलेगा?
इस ग्रीन बॉंड का निवेश सोलर, विंड एनर्जी, और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे पर्यावरणीय प्रोजेक्ट्स में किया जाएगा।