क्या गुजरात में पिछले 5 वर्षों में 37 लाख से ज्यादा नए एमएसएमई का रजिस्ट्रेशन हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- गुजरात में 37,56,390 नए एमएसएमई का रजिस्ट्रेशन हुआ।
- 8,779 एमएसएमई बंद हुए हैं।
- सरकार ने उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएँ शुरू की हैं।
- भारत में 6 करोड़ एमएसएमई की संख्या है।
- ऋण का प्रवाह बढ़कर 30 लाख करोड़ रुपए हो गया है।
नई दिल्ली, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय एमएसएमई राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने संसद में जानकारी दी कि गुजरात में पिछले पांच वर्षों में 37,56,390 नए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) का रजिस्ट्रेशन हुआ है।
राज्यसभा में दिए गए एक लिखित उत्तर में, करंदलाजे ने बताया कि इसी अवधि के दौरान राज्य में 8,779 एमएसएमई बंद हो गए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार, 1 जुलाई 2020 से 15 जुलाई 2025 तक गुजरात में कुल 8,779 एमएसएमई और आंध्र प्रदेश में 2,892 एमएसएमई बंद हुए, जबकि इसी अवधि में गुजरात और आंध्र प्रदेश में नए रजिस्ट्रेशन की संख्या क्रमशः 37,56,390 और 33,78,109 है।"
उन्होंने देश में एमएसएमई क्षेत्र को समर्थन देने के लिए सरकार द्वारा की गई कई पहलों पर भी प्रकाश डाला।
इस बीच केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने राज्यसभा में बताया कि 2014 से उद्यम और उद्यम सहायता पोर्टल के माध्यम से एमएसएमई में 34 करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है।
उच्च सदन में एक प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय एमएसएमई मंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में धन या श्रमिकों की कोई कमी नहीं है।
उन्होंने मोचियों जैसे पारंपरिक कामगारों का उदाहरण दिया, जिन्हें प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना जैसी योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता मिली है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में एमएसएमई की संख्या 6 करोड़ को पार कर गई है। उन्होंने यह भी बताया कि इस क्षेत्र को दिया जाने वाला ऋण एक दशक पहले के 12 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर लगभग 30 लाख करोड़ रुपए हो गया है।
अपने बजट भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि एमएसएमई ऋणों के लिए गारंटी कवर दोगुना कर 20 करोड़ रुपए कर दिया जाएगा। सरकार कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करने के लिए 5 लाख रुपए की सीमा वाले कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड भी शुरू करने की योजना बना रही है।