क्या कैपिटल मार्केट्स 'विकसित भारत' विजन के लिए आवश्यक हैं, म्यूचुअल फंड कंपनियों के पास क्या मौकें हैं?: तुहिन कांत पांडे

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क्या कैपिटल मार्केट्स 'विकसित भारत' विजन के लिए आवश्यक हैं, म्यूचुअल फंड कंपनियों के पास क्या मौकें हैं?: तुहिन कांत पांडे

सारांश

सेबी के चेयरपर्सन तुहिन कांत पांडे ने कैपिटल मार्केट की भूमिका पर जोर दिया है, जो भारत के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने म्यूचुअल फंड कंपनियों के लिए अवसरों पर भी प्रकाश डाला। जानें कैसे ये पहल देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकती हैं।

Key Takeaways

  • कैपिटल मार्केट भारत की आर्थिक मजबूती के लिए आवश्यक है।
  • सेबी पूंजी जुटाने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
  • म्यूचुअल फंड कंपनियों के लिए निवेश के कई अवसर हैं।
  • भारत का प्रतिभूति उधारी बाजार सुधार की आवश्यकता को दर्शाता है।
  • निवेशकों का विश्वास कैपिटल मार्केट में बढ़ रहा है।

मुंबई, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सेबी के अध्यक्ष तुहिन कांत पांडे ने शुक्रवार को कहा कि भारत की आर्थिक मजबूती में कैपिटल मार्केट की एक महत्वपूर्ण भूमिका होगी और यह 'विकसित भारत' के लक्ष्य की दिशा में देश की प्रगति और पूंजी निर्माण के लिए आवश्यक है।

देश की आर्थिक राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए, सेबी प्रमुख ने कहा कि देश की बढ़ती आकांक्षाओं को पूरा करने में कैपिटल मार्केट एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में कार्य कर रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि इस वर्ष कंपनियों ने प्राथमिक बाजारों से लगभग दो लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं, जो कि निवेशकों के मजबूत विश्वास को दर्शाता है।

पांडे ने कहा कि घरेलू कैपिटल बाजार में भारी मात्रा में पूंजी आने को तैयार है और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) पूंजी जुटाने की प्रक्रिया को आसान और तेज करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि व्यवसायों को आसानी से और किफायती तरीके से फंड मिल सके।

उन्होंने आगे कहा, "हम केवल पूंजी निर्माण की सुविधा उपलब्ध कराते हैं और हमारा उद्देश्य व्यवसायों को पूंजी जुटाने में सहायता करना और भारत के विकास की गति को तेज करना है।"

सेबी प्रमुख के अनुसार, भारत में एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (एएमसी) के पास बड़े अवसर मौजूद हैं, क्योंकि देश का म्यूचुअल फंड एसेट अंडर मैनेजमेंट जीडीपी के 25 प्रतिशत से कम है।

पांडे ने कहा कि हमारे पास म्यूचुअल फंड की पहुंच बढ़ाने का एक बड़ा अवसर है। ऐसे निवेशक जो म्यूचुअल फंड के बारे में जानते हैं, उनमें से 22 प्रतिशत अगले वर्ष इसमें निवेश करने की योजना बना रहे हैं।

उन्होंने आगे बताया कि नियामक शॉर्ट-सेलिंग और प्रतिभूति उधारी के नियमों की व्यापक समीक्षा करेगा, जिससे उन्हें वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाया जा सके।

हालांकि, पांडे ने स्वीकार किया कि भारत का प्रतिभूति उधारी बाजार अन्य बाजारों की तुलना में अविकसित है और सेबी पारदर्शिता, तरलता और निवेशक-अनुकूलता को बढ़ाने के लिए सुधारों के प्रति प्रतिबद्ध है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत के आर्थिक विकास में कैपिटल मार्केट्स की भूमिका न केवल आवश्यक है बल्कि अनिवार्य भी है। सेबी की पहलें और म्यूचुअल फंड कंपनियों के अवसर हमें एक नई दिशा की ओर अग्रसर कर सकते हैं।
NationPress
07/11/2025

Frequently Asked Questions

कैपिटल मार्केट्स का अर्थ क्या है?
कैपिटल मार्केट्स वे वित्तीय बाजार हैं जहां दीर्घकालिक पूंजी जुटाई जाती है, जैसे कि शेयर और बांड।
म्यूचुअल फंड में निवेश के लाभ क्या हैं?
म्यूचुअल फंड में निवेश करने से आप विविधता प्राप्त कर सकते हैं, पेशेवर प्रबंधन का लाभ उठा सकते हैं और छोटे निवेश से भी लाभ कमा सकते हैं।
भारत में कैपिटल मार्केट्स कैसे काम करते हैं?
भारत में कैपिटल मार्केट्स में प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा नियमन होता है, जो निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
क्या म्यूचुअल फंड में निवेश करना सुरक्षित है?
हाँ, म्यूचुअल फंड में निवेश सुरक्षा के साथ-साथ संभावित उच्च रिटर्न भी प्रदान कर सकता है, लेकिन यह निश्चित रूप से जोखिम के साथ आता है।
कैपिटल मार्केट्स में किस प्रकार के निवेश होते हैं?
कैपिटल मार्केट्स में मुख्य रूप से शेयर, बांड, म्यूचुअल फंड और अन्य दीर्घकालिक निवेश शामिल होते हैं।