क्या कांग्रेस ने देश की रक्षा को प्राथमिकता नहीं दी? निर्मला सीतारमण का आरोप
सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस ने रक्षा के लिए आवंटन को नजरअंदाज किया।
- पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने वित्त की कमी का हवाला दिया।
- मोदी सरकार ने रक्षा पर खर्च बढ़ाया है।
- भारत अब रक्षा उपकरणों का निर्यात कर रहा है।
- सुरक्षा मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है।
नई दिल्ली, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को राज्यसभा में कांग्रेस पर कड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी ने अपने शासनकाल में देश की सुरक्षा को प्राथमिकता देने में कमी की।
वित्त मंत्री ने उच्च सदन में बोलते हुए कहा कि पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने संसद में कहा था, "मैं ये रक्षा उपकरण नहीं खरीद सकता, क्योंकि मेरे पास पैसे नहीं हैं।" यह कांग्रेस का रवैया दर्शाता है। रक्षा बजट उनकी प्राथमिकता में नहीं था।
सीतारमण ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि हमारे सैनिकों के पास ऊँचाई वाले क्षेत्रों में पहनने के लिए स्नो बूट्स नहीं थे।
उन्होंने यह भी कहा कि सेना के पास 17 दिनों से अधिक के लिए भीषण युद्ध लड़ने के लिए पर्याप्त गोला-बारूद नहीं था।
उन्होंने वर्ष 2013 की कैग रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि कुछ प्रकार के गोला-बारूद के मामले में सेना के पास केवल 10 दिनों का स्टॉक था।
वित्त मंत्री ने कहा कि इसके विपरीत, नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद, रक्षा पर खर्च को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई।
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अधिक गोला-बारूद का ऑर्डर दिया और सेना के पुराने गोला-बारूद को भी बदला। सैनिकों के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट भी मंगवाई गईं।
सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने रक्षा बलों को मजबूत करने के लिए आयातित उपकरणों की जगह घरेलू सैन्य हार्डवेयर के उत्पादन को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया है।
उन्होंने कहा कि पहले भारत आयात पर निर्भर था, लेकिन अब देश लगभग 25,000 करोड़ रुपए मूल्य के रक्षा उपकरणों का निर्यात कर रहा है।