क्या ईडी ने अनिल अंबानी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में समन भेजा?
सारांश
Key Takeaways
- अनिल अंबानी का समन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जारी किया गया।
- 14 नवंबर को पूछताछ होगी।
- ईडी ने बड़ी संपत्तियां जब्त की हैं।
- जांच सीबीआई की एफआईआर के आधार पर चल रही है।
- वित्तीय अपराधों से निपटने के लिए ईडी सक्रिय है।
नई दिल्ली, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रिलायंस एडीएजी ग्रुप के अध्यक्ष अनिल अंबानी को उनके समूह के खिलाफ चल रहे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक बार फिर समन जारी किया है।
सूत्रों के अनुसार, सरकारी जांच एजेंसी अनिल अंबानी से 14 नवंबर को पूछताछ करेगी।
यह जानकारी ऐसे समय में आई है, जब ईडी ने इस सप्ताह की शुरुआत में धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत नवी मुंबई के धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी में 4,462.81 करोड़ रुपए मूल्य की 132 एकड़ से अधिक भूमि को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है।
इससे पहले, ईडी ने रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (आरकॉम), रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड और रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड से जुड़े बैंक धोखाधड़ी मामले में 3,083 करोड़ रुपए की 42 संपत्तियां जब्त की थीं।
ईडी के एक बयान में कहा गया, "अब तक 7,545 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति को जब्त किया जा चुका है। प्रवर्तन निदेशालय वित्तीय अपराध करने वालों की सक्रियता से तलाश कर रहा है और अपराध से प्राप्त राशि को उनके वास्तविक दावेदारों को वापस दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।"
सरकारी एजेंसी की जांच सीबीआई की एफआईआर के बाद शुरू की गई थी।
सीबीआई द्वारा अनिल अंबानी, आरकॉम और अन्य के खिलाफ एफआईआर आईपीसी की धारा-120-बी, 406 एवं 420, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1989 की धारा 13(2) के तहत दर्ज की गई है।
बयान में आगे कहा गया, आरकॉम और उनकी ग्रुप कंपनियों ने 2010-2012 के बीच घरेलू और विदेशी बैंकों से भारी मात्रा में लोन लिया था, जिसमें से 40,185 करोड़ रुपए बकाया रह गए थे। पांच बैंकों ने ग्रुप के बैंक खातों को धोखाधड़ी घोषित कर दिया था।
ईडी की जांच के मुताबिक, समूह की एक इकाई द्वारा लिए गए बैंक लोन का उपयोग, समूह की किसी अन्य कंपनी द्वारा अन्य बैंक से लिए गए लोन के पुनर्भुगतान, अन्य कंपनियों को ट्रांसफर और म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए किया गया था। यह लोन के नियम व शर्तों के खिलाफ था।