क्या कन्नड़ सिनेमा के खलनायक हरीश राय का निधन एक बड़ा नुकसान है?

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क्या कन्नड़ सिनेमा के खलनायक हरीश राय का निधन एक बड़ा नुकसान है?

सारांश

कन्नड़ सिनेमा के प्रसिद्ध खलनायक हरीश राय का निधन 55 वर्ष की आयु में हुआ। उनकी दाढ़ी में छिपा संघर्ष और दर्द दर्शाता है कि वे कितने मजबूत थे। क्या उनके योगदान को भुलाया जा सकेगा? जानिए उनके जीवन की अनकही कहानियाँ।

Key Takeaways

  • हरीश राय का निधन कन्नड़ सिनेमा के लिए एक भारी क्षति है।
  • उनकी दाढ़ी उनके संघर्ष का प्रतीक थी।
  • उन्होंने कई महत्वपूर्ण फिल्मों में काम किया।
  • उनका जीवन हमें संघर्ष और दृढ़ता का पाठ पढ़ाता है।
  • फिल्म उद्योग में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।

मुंबई, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कन्नड़ फिल्म उद्योग ने एक अद्वितीय सितारे को खो दिया है। हरीश राय का 55 वर्ष की आयु में निधन हो गया। दर्शकों ने उन्हें विशेष रूप से फिल्म 'केजीएफ' में 'रॉकी' के चाचा के अद्भुत किरदार से पहचाना। उनकी यह भूमिका इतनी प्रचलित हुई कि फैंस आज भी उन्हें उसी नाम से याद करते हैं। उनकी दाढ़ी को लोगों ने बहुत पसंद किया, लेकिन इसके पीछे छिपा उनका संघर्ष और दर्द कई कहानियाँ बयाँ करता है।

वह स्टेज 4 थायरॉइड कैंसर से जूझ रहे थे और उनका उपचार बेंगलुरु के एक अस्पताल में चल रहा था। डॉक्टर्स की निरंतर कोशिशों और कीमोथेरेपी के बावजूद, यह बीमारी उनके पेट और अन्य अंगों तक फैल गई, जिससे उन्होंने हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

उनके निधन की खबर सुनकर फिल्म उद्योग और फैंस में गहरा शोक छाया है। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीर साझा करते हुए लिखा, ''कन्नड़ सिनेमा के प्रसिद्ध खलनायक हरीश राय का निधन अत्यंत दुखद है। उन्होंने 'ओम', 'केजीएफ', और 'केजीएफ 2' जैसी फिल्मों में अद्भुत अभिनय किया। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि उनकी आत्मा को शांति मिले और उनके परिवार को यह दुख सहने की शक्ति मिले।''

हरीश राय ने अपने करियर की शुरुआत छोटे-छोटे रोल से की थी, लेकिन उनका अभिनय इतना प्रभावी था कि दर्शक उन्हें कभी नहीं भूलते थे। उन्होंने कन्नड़ फिल्मों के साथ-साथ तमिल और तेलुगु फिल्मों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। फिल्म 'ओम' में उनके 'डॉन राय' के किरदार और केजीएफ के दोनों चैप्टर में उनके 'चाचा' के रोल ने दर्शकों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी। उनकी गहरी आवाज, शानदार स्क्रीन प्रेजेंस और नकारात्मक भूमिकाओं में गहराई ने उन्हें फिल्म उद्योग में खास स्थान दिलाया।

करीब तीन साल पहले, हरीश राय ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें कैंसर है। आर्थिक कठिनाइयों के कारण उनका इलाज समय पर नहीं हो पाया और इस बीमारी ने उन्हें तेजी से कमजोर कर दिया।

उन्होंने खुलासा किया था कि उन्होंने 'केजीएफ 2' में लंबी दाढ़ी इसलिए रखी थी ताकि गले की सूजन छिप सके। यह दाढ़ी उनके संघर्ष का प्रतीक बन गई। कैमरे पर मजबूत दिखने वाले हरीश राय असल जिंदगी में दर्द और कमजोरी झेल रहे थे, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपने काम को आगे बढ़ाते रहे।

उनके सहकर्मी और दोस्त उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।

Point of View

NationPress
06/11/2025

Frequently Asked Questions

हरीश राय का निधन कब हुआ?
हरीश राय का निधन 6 नवंबर को हुआ।
उनकी प्रसिद्ध फिल्में कौन सी हैं?
उनकी प्रसिद्ध फिल्मों में 'ओम', 'केजीएफ', और 'केजीएफ 2' शामिल हैं।
उन्होंने किस बीमारी से संघर्ष किया?
उन्होंने स्टेज 4 थायरॉइड कैंसर से संघर्ष किया।
उनकी दाढ़ी का क्या महत्व था?
उनकी दाढ़ी उनके संघर्ष और दर्द का प्रतीक थी।
उनका अभिनय कैसा था?
उनका अभिनय गहन और प्रभावी था, जिसने दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ी।