क्या भारत के इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में वैश्विक निवेशक भारी निवेश कर रहे हैं?
सारांश
Key Takeaways
- भारत में इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास तेजी से हो रहा है।
- वैश्विक निवेशक भारत में बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे हैं।
- निफ्टी इन्फ्रास्ट्रक्चर इंडेक्स ने शानदार रिटर्न प्रदान किया है।
- सरकार द्वारा 350-400 हवाई अड्डे बनाने की योजना।
- एक्सप्रेसवे और लॉजिस्टिक्स हब का विकास।
नई दिल्ली, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत, जो विश्व की सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था है, अपनी दूसरी इन्फ्रास्ट्रक्चर लहर में कदम रख चुका है, जिसके कारण वैश्विक निवेशक यहाँ बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे हैं।
भारत में निवेश का माहौल अत्यधिक सकारात्मक है, क्योंकि देश की दीर्घकालिक वृद्धि स्थिर है, नीतियाँ स्पष्ट हैं, और सरकार ने कई क्षेत्रों में निवेश के अद्भुत अवसर प्रदान किए हैं। इनमें परिवहन, ऊर्जा, डिजिटल क्षेत्र, और नई पीढ़ी के उद्योग शामिल हैं। यह जानकारी ग्रीक सिटी टाइम्स न्यूज पोर्टल द्वारा प्रकाशित एक लेख में दी गई है।
वित्त वर्ष 2025-26 के बाद, भारत का इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र वैश्विक निवेश का ध्यान आकर्षित करेगा, जिससे भारत एक उत्कृष्ट निवेश स्थल के साथ-साथ विश्व की आर्थिक ताकत बन सकता है।
भारत का इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र पिछले तीन वर्षों से बाजार की अपेक्षाओं से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। निफ्टी इन्फ्रास्ट्रक्चर इंडेक्स ने पिछले तीन वर्षों में 82.8 प्रतिशत और पांच वर्षों में 181.2 प्रतिशत का अद्भुत रिटर्न दिया है, जो निफ्टी 50 से कहीं अधिक है। यह लगातार बढ़ती ताकत केवल सामान्य वृद्धि नहीं है, बल्कि यह बुनियादी बदलाव का संकेत है, जिसे निवेशक वित्त वर्ष 2026 से 2030 तक लंबे समय तक चलने वाले विकास की शुरुआत मानते हैं।
भारत में एक्सप्रेसवे, पावर कॉरिडोर, लॉजिस्टिक्स हब, और एयरपोर्ट विस्तार जैसे बड़े विकास कार्यक्रम चल रहे हैं। इन योजनाओं से ईपीसी (इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट एंड कॉन्ट्रैक्ट) कंपनियों, डेवलपर्स, लेंडर्स और दीर्घकालिक निवेशकों के लिए बेहतर अवसर मिल रहे हैं।
भारत में सड़क, विमानन और समुद्री क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है। 1,46,000 किलोमीटर लंबा राष्ट्रीय राजमार्गों का नेटवर्क बढ़ रहा है और हर साल 10,000 से 11,000 किलोमीटर के नए मार्ग बनाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त, भारतमाला जैसे कार्यक्रम और एक्सप्रेसवे नेटवर्क का विस्तार हो रहा है।
भारत अब विश्व के सबसे तेजी से बढ़ते विमानन बाजार में शामिल हो गया है। अब तक सक्रिय हवाई अड्डों की संख्या 163 हो चुकी है और यात्रियों की संख्या रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच रही है। सरकार ने 350-400 हवाई अड्डे बनाने की योजना बनाई है, जिससे विमानन क्षेत्र का विस्तार तेजी से हो रहा है।