क्या एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजम खान को सेना पर टिप्पणी मामले में दोषमुक्त किया?

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क्या एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजम खान को सेना पर टिप्पणी मामले में दोषमुक्त किया?

सारांश

लखनऊ में रामपुर एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने आजम खान को सेना पर विवादित टिप्पणी मामले में 8 साल बाद बरी किया। जानिए इससे क्या नतीजे निकलते हैं।

Key Takeaways

  • आजम खान को 8 साल बाद बरी किया गया।
  • सेना पर टिप्पणी मामले में साक्ष्यों की कमी रही।
  • कोर्ट परिसर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई थी।
  • आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम जेल में हैं।
  • इस फैसले का राजनीतिक प्रभाव हो सकता है।

लखनऊ, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सेना पर विवादास्पद टिप्पणी के मामले में रामपुर एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने गुरुवार को समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को दोषमुक्त कर दिया। यह निर्णय लगभग 8 साल बाद आया है।

जानकारी के अनुसार, यह मामला भाजपा विधायक आकाश सक्सेना द्वारा 30 जून 2017 को दर्ज कराया गया था, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि आजम खान ने सेना के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।

भाजपा विधायक ने कहा था कि 2017 में आजम खान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सेना का मनोबल गिराने वाले और समुदाय आधारित बयानों का उल्लेख किया था, जिसके बाद रामपुर के थाना सिविल लाइंस में मामला दर्ज किया गया। इसी प्रकरण में एमपी-एमएलए कोर्ट ने गवाहों की गवाही और साक्ष्यों के विश्लेषण के आधार पर आजम खान को दोषमुक्त करार दिया है।

आजम खान के अधिवक्ता मुरसलीन ने बताया कि इस मामले में कोर्ट में ट्रायल चला, लेकिन वादी पक्ष अपने आरोपों को साबित नहीं कर सका। साक्ष्यों के अभाव के चलते आजम खान को दोषी नहीं पाया गया और उन्हें दोषमुक्त कर दिया गया।

रामपुर स्पेशल कोर्ट से आए इस फैसले के बाद आजम खान को बड़ी राहत मिली है। वहीं, आजम खान पर फैसले की प्रतीक्षा के कारण कोर्ट परिसर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई थी। पुलिस बल तैनात किया गया था और सभी संबंधित पक्षों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी। पुलिस ने पूरी स्थिति पर ध्यान बनाए रखा।

वहीं, आजम खान इस समय दो पैन कार्ड मामले में दोषी ठहराए जाने के कारण रामपुर जेल में बंद हैं। उनके बेटे अब्दुल्ला आजम भी इसी मामले में सजा काट रहे हैं।

2019 में नगर विधायक रहे आकाश कुमार सक्सेना ने मुकदमा दर्ज कराया था और अब्दुल्ला आजम पर दो पैन कार्ड रखने का आरोप लगाया था। इसके बाद अब्दुल्ला आजम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का भी रुख किया, लेकिन वहां से राहत नहीं मिली। उन्होंने हाईकोर्ट में इस मामले में ट्रायल की कार्यवाही को रद्द करने की मांग की थी। पक्षों को सुनने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा। बाद में जुलाई में याचिका को खारिज कर दिया गया था।

Point of View

क्योंकि यह समाजवादी पार्टी के एक प्रमुख नेता से संबंधित है। यह निर्णय न केवल आजम खान की व्यक्तिगत मुक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह दिखाता है कि न्याय प्रणाली में कितनी चुनौतियाँ होती हैं। हमें हमेशा न्याय और निष्पक्षता के प्रति प्रतिबद्ध रहना चाहिए।
NationPress
11/12/2025

Frequently Asked Questions

आजम खान को क्यों बरी किया गया?
आजम खान को साक्ष्यों के अभाव में बरी किया गया, वादी पक्ष अपने आरोप साबित नहीं कर सका।
यह मामला कब दर्ज हुआ था?
यह मामला 30 जून 2017 को भाजपा विधायक आकाश सक्सेना द्वारा दर्ज कराया गया था।
आजम खान इस समय कहाँ हैं?
आजम खान इस समय दो पैन कार्ड मामले में दोषी ठहराए जाने के कारण रामपुर जेल में बंद हैं।
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