क्या एमसीएक्स पर सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट का कारण मुनाफावसूली है?

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क्या एमसीएक्स पर सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट का कारण मुनाफावसूली है?

सारांश

आज के लेख में जानें कि कैसे एमसीएक्स पर सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट आई है, क्या इसके पीछे मुनाफावसूली है? क्या आने वाले दिनों में कीमतों में फिर से तेजी देखने को मिलेगी? जानिए विशेषज्ञों की राय।

Key Takeaways

  • सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट
  • निवेशकों की मुनाफावसूली
  • 2025 तक सोने की कीमतों का अनुमान
  • कमजोर अमेरिकी डॉलर का प्रभाव
  • वैश्विक राजनीतिक अनिश्चितताएँ

मुंबई, 9 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर आज सुबह के शुरुआती कारोबार में सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट देखी गई, क्योंकि निवेशकों ने पिछले सत्र में दोनों धातुओं के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँचने के बाद मुनाफावसूली का सहारा लिया।

सुबह लगभग 9:15 बजे, एमसीएक्स सोना दिसंबर वायदा 0.34 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,22,789 रुपए प्रति 10 ग्राम पर था, वहीं एमसीएक्स चांदी दिसंबर वायदा 0.75 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,48,738 रुपए प्रति किलोग्राम पर आ गई।

बुधवार के सत्र में, दिसंबर डिलीवरी वाला सोना वायदा 1,23,450 रुपए प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक उच्च स्तर तक पहुँच गया था और चांदी 1,50,282 रुपए प्रति किलोग्राम के नए पीक पर पहुँची थी।

इस वर्ष सोने की कीमतों में तेज उछाल आया है, घरेलू हाजिर कीमतों में अब तक 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।

वैश्विक राजनीति और आर्थिक अनिश्चितताओं, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं, कमजोर अमेरिकी डॉलर, केंद्रीय बैंक की मजबूत खरीदारी और गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स में मजबूत निवेश के कारण सोने की कीमतों में उछाल देखा गया है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि कुछ अल्पकालिक उतार-चढ़ाव और मुनाफावसूली के बावजूद, आने वाले महीनों में सोने की कीमतों में तेजी बनी रहेगी।

उन्हें उम्मीद है कि ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं और अमेरिकी व्यापार शुल्कों से जुड़ी चिंताओं के चलते 2025 के अंत तक सोना 1,25,000 रुपए प्रति 10 ग्राम को पार कर जाएगा।

बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, "वर्ष के अंत तक, एमसीएक्स पर सोना 1,25,000 से 1,28,000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुँच सकता है, जबकि चांदी 1,55,000 से 1,60,000 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुँच सकती है, बशर्ते अमेरिकी फेडरल रिजर्व एक या दो बार ब्याज दरों में कटौती करे और डॉलर दबाव में रहे।"

विश्लेषकों का कहना है, "सरकारी कामकाज ठप होने और नीतिगत अनिश्चितता के बीच निवेशकों द्वारा सुरक्षित निवेश की तलाश के कारण सोना 4,000 डॉलर प्रति औंस से ऊपर चला गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 53 प्रतिशत अधिक है।"

फ्रांस और जापान में राजनीतिक अस्थिरता के कारण डॉलर सूचकांक 98.90 पर पहुँच गया, जिससे कमोडिटी पर दबाव पड़ा।

विशेषज्ञों के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप द्वारा युद्धविराम पर प्रगति की घोषणा और भंडार के उम्मीद से अधिक होने के कारण, तेल 0.67 प्रतिशत गिरकर 62.13 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।

Point of View

यह कहना उचित है कि मौजूदा आर्थिक परिदृश्य में सोने और चांदी के भावों में उतार-चढ़ाव स्वाभाविक हैं। निवेशकों को सही समय पर निर्णय लेने की आवश्यकता है। देश की आर्थिक स्थिति को देखते हुए, हमें संतुलित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
NationPress
09/10/2025

Frequently Asked Questions

सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट का क्या कारण है?
गिरावट का मुख्य कारण निवेशकों द्वारा मुनाफावसूली है, जो पिछले रिकॉर्ड स्तर पर पहुँचने के बाद हुई।
क्या आने वाले महीनों में सोने की कीमतें बढ़ेंगी?
विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की कीमतों में तेजी जारी रहने की संभावना है।
एमसीएक्स पर सोने की कीमतें कब तक बढ़ सकती हैं?
विशेषज्ञों के अनुसार, वर्ष के अंत तक सोना 1,25,000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुँच सकता है।