क्या केंद्र सरकार ने 'टेक्स-रैम्प्स' योजना को मंजूरी दी है, जो वस्त्र क्षेत्र में रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देगी?
सारांश
Key Takeaways
- रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देने वाली योजना है।
- 305 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है।
- केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित।
- वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने का उद्देश्य।
- पांच प्रमुख घटक शामिल हैं।
नई दिल्ली, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत सरकार ने गुरुवार को वस्त्र क्षेत्र में रिसर्च, इनोवेशन और प्रतिस्पर्धा को मजबूत करने हेतु वस्त्र केंद्रित रिसर्च, मूल्यांकन, निगरानी, योजना और स्टार्ट-अप (टेक्स-रैम्प्स) योजना को मंजूरी दी है।
वस्त्र मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि यह योजना वित्त वर्ष 2025-26 से वित्त वर्ष 2030-31 की अवधि के लिए 305 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय के साथ लागू होगी, और इसे केंद्रीय क्षेत्र की योजना के रूप में पूरी तरह से वस्त्र मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा।
इस योजना के पांच प्रमुख घटक हैं: रिसर्च और इनोवेशन, डेटा, विश्लेषण और निदान, एकीकृत वस्त्र सांख्यिकी प्रणाली, क्षमता विकास और ज्ञान इको-सिस्टम, स्टार्ट-अप और इनोवेशन सहायता।
केंद्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह ने योजना की घोषणा करते हुए कहा, "टेक्स-रैम्प्स योजना देश के वस्त्र क्षेत्र को सशक्त बनाने एवं राष्ट्र को स्थिर, प्रौद्योगिकी और प्रतिस्पर्धात्मकता में विश्व गुरु के रूप में स्थापित करने के लिए रिसर्च, डेटा और इनोवेशन को एक साथ लाती है।"
भारत के वस्त्र और परिधान (टी एंड ए) इको-सिस्टम को भविष्य के लिए सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से, टेक्स-रैम्प्स को रिसर्च, डेटा प्रणालियों, इनोवेशन सपोर्ट और क्षमता विकास में आवश्यक गैप को भरने के लिए डिजाइन किया गया है।
टेक्स-रैम्प्स योजना का लक्ष्य वैश्विक बाजारों में भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना, रिसर्च और इनोवेशन इको-सिस्टम को मजबूत करना, डेटा-संचालित नीति-निर्माण में सुधार, रोजगार के अवसर पैदा करना और राज्यों, उद्योग, शिक्षा क्षेत्र तथा सरकारी संस्थानों के बीच गहन सहयोग को बढ़ावा देना है।
सरकार ने बताया कि टेक्स-रैम्प्स योजना भारत के लिए एक लचीले, भविष्य के लिए तैयार और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी वस्त्र इको-सिस्टम के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस महीने की शुरुआत में, वस्त्र मंत्रालय ने कहा था कि भारत के हस्तशिल्प निर्यात सहित वस्त्र एवं परिधान ने वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में मजबूत प्रदर्शन दर्ज किया है।