क्या भारत–ओमान के बीच नई आर्थिक साझेदारी से कुशल पेशेवरों को फायदा होगा?
सारांश
Key Takeaways
- भारत और ओमान के बीच सीईपीए से नए व्यापारिक अवसर खुलेंगे।
- कुशल पेशेवरों को ओमान में काम करने का मौका मिलेगा।
- सामान्य व्यापार में ड्यूटी में छूट मिलेगी।
- ओमान की भौगोलिक स्थिति भारतीय व्यापार के लिए फायदेमंद है।
- दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने में भारतीय प्रवासियों की भूमिका महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और ओमान के बीच कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (सीईपीए) से दोनों देशों के पेशेवरों और कंपनियों के लिए नई संभावनाएं खुलेंगी। इस समझौते से व्यापार, निवेश और कार्य करने के लिए रास्ते और भी सरल हो जाएंगे।
गुरुवार को मस्कट में भारत–ओमान बिजनेस फोरम को संबोधित करते हुए वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सीईपीए के तहत भारतीय कुशल पेशेवरों को ओमान में काम करने के लिए एक स्पष्ट और विश्वसनीय वीजा व्यवस्था प्राप्त होगी, इसके साथ ही ओमान के रोजगार नियमों का पूर्ण सम्मान किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह समझौता भारत और ओमान के बीच व्यापार, निवेश, पर्यटन, तकनीकी और नवाचार के क्षेत्रों में एक मजबूत साझेदारी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। उन्होंने दोनों देशों के व्यापारियों और निवेशकों से इस अवसर का लाभ उठाने की अपील की।
पीयूष गोयल ने कहा, "भारत और ओमान के बीच व्यापार अब 10 अरब डॉलर से अधिक हो चुका है, लेकिन यह तो सिर्फ शुरुआत है। हमें अभी लंबा सफर तय करना है और कई बड़ी उपलब्धियों को हासिल करना है।"
गोयल ने बताया कि इस समझौते के माध्यम से कई सामानों पर ड्यूटी (टैक्स) में छूट मिलेगी, व्यापार में आने वाली बाधाएं कम होंगी और नियम सरल होंगे। इससे दोनों देशों के उत्पाद एक-दूसरे के बाजारों में सस्ते और प्रतिस्पर्धात्मक बन सकेंगे।
मंत्री ने ओमान की कंपनियों को भारत के बड़े घरेलू बाजार का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया और कहा कि ओमान, भारतीय कंपनियों के लिए खाड़ी देशों, अफ्रीका और पश्चिम एशिया तक पहुंचने का एक महत्वपूर्ण मार्ग बन सकता है।
सीईपीए के जरिए कपड़ा, खाद्य प्रसंस्करण, ऑटोमोबाइल, रत्न और आभूषण, कृषि रसायन, नवीकरणीय ऊर्जा और ऑटो पार्ट्स जैसे क्षेत्रों में नए अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि ओमान की भौगोलिक स्थिति भारतीय व्यापारियों के लिए अत्यंत लाभकारी है।
उन्होंने ओमान में रहने वाले लगभग 7 लाख भारतीय प्रवासियों की भूमिका की सराहना की और कहा कि यह समुदाय दोनों देशों के संबंधों को मजबूत बनाने में एक महत्वपूर्ण कड़ी है।
ओमान के वाणिज्य मंत्री कैस मोहम्मद अल यूसुफ ने कहा कि भारत अब ओमान का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया है। उन्होंने बताया कि ओमान में भारतीय निवेश लगातार बढ़ रहा है।