क्या भारत के आरईआईटी मार्केट का आकार 2029 तक 10.8 लाख करोड़ रुपए होगा?
सारांश
Key Takeaways
- भारत का आरईआईटी मार्केट 2029 तक 10.8 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है।
- ऑफिस मार्केट की हिस्सेदारी 65.3 प्रतिशत रहने की संभावना है।
- आरईआईटी में निवेशकों का विश्वास बढ़ रहा है।
- देश में लिस्टेड आरईआईटी की संख्या बढ़कर पांच हो गई है।
- मार्केट धीरे-धीरे परिपक्व हो रहा है।
नई दिल्ली, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आरईआईटी) मार्केट का आकार 2029 तक 10.8 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है। इसमें ऑफिस मार्केट की हिस्सेदारी 65.3 प्रतिशत रहने की संभावना है। यह जानकारी एक हालिया रिपोर्ट में प्रदान की गई है।
रियल एस्टेट कंसल्टेंसी फर्म जेएलएल द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का आरईआईटी मार्केट वित्त वर्ष 25 में एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का बाजार पूंजीकरण प्राप्त करके एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल कर चुका है।
रिपोर्ट के अनुसार, आरईआईटी मार्केट का पूंजीकरण वित्त वर्ष 20 में 264 अरब रुपए से बढ़कर 30 सितंबर 2025 तक 1.6 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।
जेएलएल ने यह भी बताया कि भारत के आरईआईटी मार्केट में तेजी से परिवर्तन हुए हैं। 2019 में 33 मिलियन स्क्वायर फीट के साथ केवल एक आरईआईटी थी, जबकि अब देश में कुल पांच लिस्टेड आरईआईटी हैं, जो कि 174 मिलियन स्क्वायर फीट का प्रबंधन कर रही हैं।
भारत में जेएलएल की वरिष्ठ प्रबंध निदेशक एवं पूंजी बाजार प्रमुख लता पिल्लई ने कहा, "भारत का आरईआईटी क्षेत्र एक उभरती हुई अवधारणा से एक आकर्षक निवेश माध्यम के रूप में विकसित हो चुका है। 6 वर्षों में 40 प्रतिशत की मजबूत सीएजीआर वृद्धि वाणिज्यिक अचल संपत्ति में निवेशकों के बढ़ते विश्वास को दर्शाती है।"
यूनिट होल्डिंग पैटर्न में म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस कंपनियों, पेंशन फंड्स, सॉवरेन वेल्थ फंड और एनबीएफसी की आरईआईटी में बढ़ती रुचि स्पष्ट है। यह संकेत करता है कि मार्केट धीरे-धीरे परिपक्व हो रहा है।
देश के शीर्ष सात शहरों में ग्रेड ए के ऑफिस में आरईआईटी की हिस्सेदारी जून 2025 तक 15 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना है, जबकि 2019 में यह 4.2 प्रतिशत थी।
आरईआईटी का आधार भी मजबूत है, क्योंकि चार ऑफिस आरईआईटी द्वारा संचालित ऑफिस में ऑक्यूपेंसी रेट 91 प्रतिशत है।
पिछले हफ्ते, सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने कहा था कि बाजार नियामक रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आरईआईटी) और इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट्स) को बड़े बाजार सूचकांकों में शामिल कर सकता है।
उन्होंने बताया कि यह कदम पूरी योजना के साथ चरणबद्ध तरीके से उठाया जाएगा। इससे आरईआईटी और इनविट्स में लिक्विडिटी बढ़ेगी और निवेशकों की रुचि में इजाफा होगा।