क्या केंद्रीय मंत्री सिंधिया के मुरीद हुए बाबा बागेश्वर?
सारांश
Key Takeaways
- केंद्रीय मंत्री का स्थानीय जनता के प्रति सेवा भाव।
- बाबा बागेश्वर द्वारा १०८ फुट की शिव मूर्ति की स्थापना का सुझाव।
- आध्यात्मिक कार्यक्रम में हजारों की उपस्थिति।
- भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का महत्व।
- सिद्धांतों के माध्यम से समाज में समरसता को बढ़ावा।
ग्वालियर, २७ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री तथा गुना के सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को शिवपुरी में आयोजित बाबा बागेश्वर धाम सरकार, धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के आध्यात्मिक कार्यक्रम में भाग लिया।
इस मौके पर धीरेंद्र शास्त्री ने केंद्रीय मंत्री के द्वारा स्थानीय जनता की सेवा की जोरदार तारीफ की। उन्होंने सिंधिया से यह भी अनुरोध किया कि शिवपुरी में भगवान शिव की १०८ फुट की मूर्ति स्थापित की जाए, जिस पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वे जल्द ही प्रतिमा स्थापित कराने का प्रयास करेंगे। इस कार्यक्रम में हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति और वातावरण में फैली आध्यात्मिक ऊर्जा ने इसे क्षेत्र का एक मुख्य आयोजन बना दिया।
कार्यक्रम स्थल पर पहुँचकर उन्होंने संत–समाज, श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों का अभिवादन किया। इस अवसर पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति की मूल शक्ति हमारे संत, ऋषि–महापुरुष और आध्यात्मिक परंपराएं हैं, जो समाज को सतत प्रेरणा और नैतिक मार्गदर्शन प्रदान करती हैं।
कार्यक्रम के दौरान बाबा बागेश्वर ने केंद्रीय मंत्री से कहा कि शिवपुरी में महादेव की १०८ फुट की प्रतिमा की स्थापना होनी चाहिए, जिससे इस क्षेत्र को एक अनूठी पहचान मिलेगी। केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया कि वे जल्दी ही भगवान शिव की भव्य मूर्ति स्थापित करेंगे, जिससे शिवपुरी को भारत के मानचित्र पर एक नई पहचान मिलेगी।
गौरतलब है कि बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने केंद्रीय मंत्री सिंधिया की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि क्षेत्र से जब भी कोई नागरिक इलाज या सरकारी कार्य से उम्मीद लेकर सिंधिया के पास जाता है, तो केंद्रीय मंत्री हर संभव मदद सुनिश्चित करते हैं। यह कार्यशैली और जनसेवा का भाव सिंधिया के पूरे क्षेत्र के अपनापन के भाव से आता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बाबा बागेश्वर धाम सरकार, धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री द्वारा राष्ट्र, समाज और युवा पीढ़ी में आध्यात्मिक जागृति, अध्यात्म के माध्यम से सकारात्मक सोच और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे कार्य अत्यंत सराहनीय हैं। सिंधिया ने इसे “समाज को जोड़ने वाला, प्रेरणा देने वाला और भारतीय आध्यात्मिक धरोहर की संवाहक परंपरा को आगे बढ़ाने वाला” कार्यक्रम बताया।