क्या देश की जीडीपी चालू वित्त वर्ष में 6.8 प्रतिशत से अधिक बढ़ेगी? : सीईए वी अनंत नागेश्वरन
सारांश
Key Takeaways
- जीडीपी में वृद्धि की संभावना 6.8 प्रतिशत से अधिक है।
- जीएसटी और आय कर में कटौती का उपभोग पर सकारात्मक प्रभाव।
- विदेशी निवेश में वृद्धि का संकेत।
- प्राइवेट कैपिटल एक्सपेंडीचर में मजबूती।
- घरेलू मैन्युफैक्चरिंग पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता।
मुंबई, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने शुक्रवार को विश्वास व्यक्त किया कि जीएसटी रेट में कटौती और आय कर में राहत के फलस्वरूप उपभोग में वृद्धि के चलते देश की जीडीपी चालू वित्त वर्ष में 6.8 प्रतिशत से अधिक बढ़ने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान वैश्विक अनिश्चितताओं के मध्य भी देश का प्राइवेट कैपिटल एक्सपेंडीचर मजबूत बना हुआ है।
मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान नागेश्वरन ने विदेशी निवेश में वृद्धि के आलोक में दूसरी तिमाही के आंकड़ों को देखते हुए देश के आर्थिक विकास में तेजी आने का संकेत दिया।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष के पहले पांच महीनों में शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में काफी उछाल देखा गया है, जो कि पिछले दो वर्षों की तुलना में अधिक है। उन्होंने यह भी कहा कि वित्त वर्ष 2025 में प्राइवेट कैपेक्स के लिए संभावनाएं बहुत अच्छी रही हैं।
नागेश्वरन ने प्राइवेट कैपेक्स पर जोर देते हुए कहा कि यह वित्त वर्ष 2024 में काफी नीचे आ गया था, लेकिन वित्त वर्ष 2025 में मजबूती से बढ़ा है, जो दर्शाता है कि निवेश की गति धीरे-धीरे बढ़ रही है।
उन्होंने मजबूत नियामकीय और कानूनी फ्रेमवर्क की आवश्यकता पर बल दिया ताकि इंवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर्स के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में सफलता सुनिश्चित की जा सके।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत की रणनीति घरेलू मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं को बढ़ाने पर केंद्रित होनी चाहिए। नागेश्वरन ने कहा कि देश को ग्लोबल सप्लाई चेन के साथ जुड़ने के उपायों पर विचार करना चाहिए।
उन्होंने अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ डील के बारे में कहा कि यह डील जल्द ही संपन्न हो सकती है। उनका कहना था कि भारत में हाल ही में हुई उपभोग वृद्धि सप्लाई-साइड विस्तार का परिणाम थी, जिसे मजबूत निवेश गति ने प्रेरित किया।
उन्होंने बताया कि कंपनियों ने इस वर्ष प्राइमरी मार्केट से 2 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं, जो निवेशकों के मजबूत विश्वास का संकेत है।