क्या भारत के कंज्यूमर और रिटेल सेक्टर में 2025 की तीसरी तिमाही में 3.4 अरब डॉलर के 132 लेनदेन हुए?

सारांश
Key Takeaways
- 2025 की तीसरी तिमाही में 132 लेनदेन हुए।
- कुल डील वैल्यू 3.4 अरब डॉलर है।
- विलय और अधिग्रहण में 168 प्रतिशत की वृद्धि।
- पब्लिक मार्केट गतिविधियों में सुधार।
- उपभोक्ता व्यवसायों में निवेशकों का विश्वास मजबूत।
नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के कंज्यूमर और रिटेल सेक्टर में 2025 की तीसरी तिमाही में डील की संख्या में एक अद्भुत वृद्धि देखी गई। इस समयावधि में कुल 132 लेनदेन हुए, जिनकी कुल मूल्य 3.4 अरब डॉलर थी। यह आंकड़ा 2024 की तीसरी तिमाही की तुलना में वॉल्यूम के मामले में 6 प्रतिशत और वैल्यू के मामले में 9 प्रतिशत अधिक है। इसमें सार्वजनिक बाजार की गतिविधियाँ भी शामिल हैं। यह जानकारी गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में उल्लेखित की गई।
ग्रांट थॉर्नटन के कंज्यूमर एंड रिटेल डीलट्रैकर के अनुसार, सार्वजनिक बाजार के सौदों को छोड़कर, विलय और अधिग्रहण तथा निजी इक्विटी (पीई) सौदों की संख्या 2.3 अरब डॉलर के 121 डील के बराबर रही, जिससे वैल्यू के आधार पर 168 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि यह उछाल 10 करोड़ डॉलर से अधिक की पांच उच्च-मूल्य वाली डील और 1 करोड़ डॉलर से अधिक की 26 डील के कारण आया, जिनका कुल योगदान 2 अरब डॉलर और कुल डील वैल्यू का 89 प्रतिशत था। यह पैमाने, ब्रांड की मजबूती और विकासोन्मुखी उपभोक्ता व्यवसायों में निवेशकों के मजबूत विश्वास को प्रदर्शित करता है।
ग्रांट थॉर्नटन भारत के पार्टनर और कंज्यूमर इंडस्ट्री लीडर, नवीन मालपानी ने कहा, "तीसरी तिमाही भारत के कंज्यूमर और रिटेल सेक्टर के लिए एक निर्णायक उछाल लेकर आई, जिसमें डील की संख्या 132 हो गई और मूल्य 3.4 अरब डॉलर को पार कर गया, जो पिछली तिमाही की तुलना में लगभग चार गुना अधिक है। यह सुधार कपड़ा, परिधान और सहायक उपकरण पर निवेशकों के नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने और फूड प्रोसेसिंग एवं ई-कॉमर्स में निरंतर गतिविधि के कारण हुआ।"
मालपानी ने आगे कहा कि इस तिमाही में आउटबाउंड विलय और अधिग्रहण में भी तेजी देखी गई, जिसमें भारतीय कंज्यूमर प्लेयर्स प्रोडक्ट पोर्टफोलियो का विस्तार करने और वैश्विक उपस्थिति को मजबूत करने के लिए सीमा पार अधिग्रहण कर रहे हैं।
कपड़ा, परिधान और सहायक उपकरण प्रमुख फोकस बने रहे, जिससे महत्वपूर्ण विलय एवं अधिग्रहण (एमएंडए) और निजी इक्विटी प्रवाह आकर्षित हुआ, जबकि फूड प्रोसेसिंग और ई-कॉमर्स क्षेत्रों को त्योहारी सीजन की गति का लाभ मिला। ऑनलाइन बिक्री में उछाल और क्विक कॉमर्स ने उपभोक्ताओं का बढ़ता ध्यान आकर्षित किया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरी तिमाही में औसत डील साइज 7.2 मिलियन डॉलर से बढ़कर 18.8 मिलियन डॉलर हो गया, जो वैल्यू-ड्रिवन लेनदेन की ओर बदलाव को दर्शाता है।
2025 की तीसरी तिमाही में सार्वजनिक बाजार गतिविधियों में मजबूत सुधार देखा गया, जिसमें छह आईपीओ और पांच क्यूआईपी ने 1.1 बिलियन डॉलर से अधिक जुटाए, जो वॉल्यूम के मामले में 5.5 गुना वृद्धि और 2025 की दूसरी तिमाही के 36 मिलियन डॉलर से मूल्य में शानदार उछाल को दर्शाता है।