क्या भारत का घरेलू एयर ट्रैफिक नवंबर में 7 प्रतिशत बढ़ा और इंडिगो का मार्केट शेयर गिर गया?
सारांश
Key Takeaways
- भारत का घरेलू एयर ट्रैफिक नवंबर में 7% बढ़ा।
- इंडिगो का मार्केट शेयर गिरकर 63.6% हो गया।
- स्पाइसजेट और एयर इंडिया का मार्केट शेयर बढ़ा।
- कैंसलेशन रेट में इंडिगो की स्थिति सबसे खराब रही।
- पीएलएफ में सुधार देखा गया, एयर इंडिया ग्रुप सबसे आगे रहा।
नई दिल्ली, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत का घरेलू एयर ट्रैफिक नवंबर 2025 में सालाना आधार पर 7 प्रतिशत बढ़कर 15.2 मिलियन तक पहुंच गया है। इस वृद्धि का मुख्य कारण फेस्टिव सीजन की मांग है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में साझा की गई है।
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि इंडिगो की उड़ानों में आई समस्याओं के बाद दिसंबर 2025 के मध्य में कार्य संचालन सामान्य हो गए थे। हालांकि, मौसमी कारणों ने ऑन-टाइम परफॉरमेंस (ओटीपी) और कैंसिलेशन पर दबाव बनाया है।
हालांकि, दिसंबर 2025 तक के दैनिक ट्रेंड से पता चलता है कि साल-दर-साल आधार पर वृद्धि दर सपाट रही है, इसकी मुख्य वजह महीने के पहले 15 दिन में इंडिगो के संचालन में लगातार परेशानियों का रहना है।
रिपोर्ट में बताया गया कि इंडिगो को मौसम, सॉफ्टवेयर की समस्याओं और फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) नियमों के लागू होने के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ा, जिससे नवंबर-25 में उसका मार्केट शेयर महीने-दर-महीने आधार पर 200 आधार अंक गिरकर 63.6 प्रतिशत हो गया।
इस दौरान स्पाइसजेट का मार्केट शेयर 110 आधार अंक बढ़कर 3.7 प्रतिशत हो गया है। इसकी वजह है अतिरिक्त स्लॉट, फ्लीट का विस्तार और विंटर शेड्यूल में अधिक सीट किलोमीटर का उपलब्ध होना।
एयर इंडिया का भी मार्केट शेयर 100 आधार अंक बढ़कर 26.7 प्रतिशत हो गया है।
नवंबर-25 में प्रमुख एयरलाइंस में पैसेंजर लोड फैक्टर (पीएलएफ) में सुधार देखा गया, जिसमें एयर इंडिया ग्रुप 10.2 प्रतिशत की सबसे अधिक मासिक बढ़ोतरी के साथ आगे रहा।
इंडिगो और स्पाइसजेट का पीएलएफ क्रमशः 88.7 प्रतिशत और 87.7 प्रतिशत रहा और अकासा ने 93.8 प्रतिशत का पीएलएफ दर्ज किया।
महीने के दौरान कैंसलेशन में मिला-जुला ट्रेंड दिखा, जिसमें इंडिगो ने 1.57 प्रतिशत (पिछले महीने के 0.48 प्रतिशत से अधिक) के साथ सबसे अधिक कैंसलेशन रेट दर्ज किया।
मौसम की गड़बड़ी के कारण ऑन-टाइम परफॉर्मेंस (ओटीपी) कमजोर हुआ, इंडिगो का ओटीपी 84.1 प्रतिशत से घटकर 69 प्रतिशत हो गया, एयर इंडिया ग्रुप का 79.3 प्रतिशत से घटकर 69.1 प्रतिशत हो गया, जबकि स्पाइसजेट का सबसे कम 48.4 प्रतिशत रहा।