क्या भारत में वर्ष 2024-25 में 5.5 लाख से ज्यादा ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन हुआ?

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क्या भारत में वर्ष 2024-25 में 5.5 लाख से ज्यादा ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन हुआ?

सारांश

भारत में वर्ष 2024-25 के दौरान 5.5 लाख से अधिक ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन का रिकॉर्ड बना है, जो देश के आर्थिक विकास को दर्शाता है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इस उपलब्धि पर प्रकाश डाला है, जिसमें नए विचारों और रचनाकारों के हितों की सुरक्षा का भी महत्व है।

Key Takeaways

  • 5.5 लाख ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन का रिकॉर्ड।
  • केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का योगदान।
  • ट्रेडमार्क कानून की महत्वता।
  • आर्थिक विकास में नवाचार की भूमिका।
  • वैश्विक बौद्धिक संपदा में भारत की पहचान।

नई दिल्ली, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। वर्ष 2024-25 के दौरान भारत में 5.5 लाख से ज्यादा घरेलू ट्रेडमार्क आवेदन दर्ज किए गए, जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। यह आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाने और नए विचार लाने वाले लोगों के साथ ही रचनाकारों के हितों की रक्षा करने में देश की संस्थाओं की मजबूती को दर्शाता है। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को यह जानकारी साझा की।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे 'आईडिएट इन इंडिया, इनोवेट इन इंडिया, मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वर्ल्ड' का जिक्र करते हुए कहा कि ट्रेडमार्क अधिनियम, 1999 पिछले 26 वर्षों से नवाचार करने वालों की सुरक्षा का मजबूत आधार बना हुआ है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के लगातार प्रयासों से भारत का इनोवेशन सिस्टम मजबूत हुआ है। इससे भारत की पहचान वैश्विक बौद्धिक संपदा यानी ग्लोबल इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी (आईपी) क्षेत्र में और बेहतर हुई है और इससे भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को फायदा मिल रहा है।

पीयूष गोयल ने बताया कि सबसे ज्यादा ट्रेडमार्क दवाइयों, पशु चिकित्सा और स्वच्छता से जुड़े उत्पादों में दर्ज किए गए।

उन्होंने यह भी कहा कि नीतिगत सुधार, डिजिटलीकरण और नए कदमों की वजह से भारत की स्थिति वैश्विक आईपी प्रणाली में लगातार मजबूत हो रही है।

ट्रेडमार्क अधिनियम ऐसा कानून है, जो कंपनियों और व्यापारियों की ब्रांड पहचान को चोरी या नकल से बचाता है। इससे बाजार में न्यायपूर्ण प्रतिस्पर्धा को भी बढ़ावा मिलता है। इस कानून में समय-समय पर बदलाव किए गए हैं, ताकि यह बदलते वैश्विक व्यापार और आधुनिक जरूरतों के अनुसार बना रहे।

जब कंपनियां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करती हैं, तब ट्रेडमार्क की सुरक्षा और ज्यादा जरूरी हो जाती है। ऐसे में यह कानून इस बात का भी ध्यान रखता है, ताकि कंपनियों को सही सुरक्षा मिल सके।

एक बार ट्रेडमार्क 10 साल के लिए पंजीकृत होता है और इसके बाद इसे हर 10 साल में नवीनीकृत किया जा सकता है। अगर कोई ट्रेडमार्क बहुत सामान्य हो, गलत जानकारी देता हो या पहले से मौजूद ट्रेडमार्क से बहुत मिलता-जुलता हो, तो उसे मंजूरी नहीं मिलती।

इस कानून के तहत ट्रेडमार्क को किसी और को बेचा या लाइसेंस पर दिया भी जा सकता है। अगर कोई ट्रेडमार्क की नकल करता है, तो उसके खिलाफ जुर्माना, नुकसान की भरपाई और कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

Point of View

बल्कि यह रचनात्मकता और नए विचारों को भी प्रोत्साहित करता है। पीयूष गोयल के अनुसार, यह उपलब्धि हमारे देश की वैश्विक पहचान को मजबूत करती है।
NationPress
30/12/2025

Frequently Asked Questions

भारत में ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन का क्या महत्व है?
यह व्यापारियों और कंपनियों को उनकी ब्रांड पहचान को सुरक्षा प्रदान करता है और बाजार में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देता है।
ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया क्या है?
ट्रेडमार्क को 10 साल के लिए पंजीकृत किया जाता है और इसे हर 10 साल में नवीनीकृत किया जा सकता है।
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