क्या बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट ने पाकिस्तान के 10 सैनिकों को मारा?
सारांश
Key Takeaways
- बीएलएफ ने 10 पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने का दावा किया।
- हमले झाओ, बरखान, टंप और तुर्बत में किए गए थे।
- बीएलएफ का लक्ष्य "आजाद बलूचिस्तान" है।
- सुरक्षा स्थिति चिंताजनक है।
- पाकिस्तानी सेना पर हमलों की आशंका बनी हुई है।
क्वेटा, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ) ने यह दावा किया है कि उसने पाकिस्तान के 10 सैनिकों को खत्म कर दिया है। स्थानीय मीडिया के अनुसार, मंगलवार को बताया गया कि झाओ, बरखान, टंप और तुर्बत में पाकिस्तानी सेना को लक्षित कर हमला किया गया।
बीएलएफ और अन्य बलूच समूहों ने सोमवार को यह भी दावा किया था कि उन्होंने पंद्रह पाकिस्तानी सैनिकों को मारा था। इस दावे के केवल 24 घंटे बाद 10 सैनिकों के मारे जाने की बात कही गई है।
बीएलएफ प्रवक्ता मेजर ग्वाहरम बलूच ने एक बयान में कहा कि उनके लड़ाकों ने 28 दिसंबर को अवारन जिले के झाओ इलाके में एक पाकिस्तानी सैन्य काफिले पर घात लगाकर हमला किया।
द बलूचिस्तान पोस्ट के अनुसार, आर्मी के पैदल सैनिक, एक बम-डिस्पोजल टीम और एक पिकअप गाड़ी को निशाना बनाया गया।
बयान के मुताबिक, दुश्मन के आठ लोग मौके पर ही मारे गए और तीन गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
समूह के मुताबिक, काफिले की सुरक्षा के लिए तैनात एक सैन्य वाहन को वहां से भगा दिया गया। यह तब हुआ जब "घात लगाकर किए गए हमले के दौरान लाशें और घायल सड़क पर पड़े थे।" बीएलएफ का कहना है कि वह जल्द ही हमले का वीडियो फुटेज जारी करेगा।
पहले हमले के कुछ घंटों बाद, रात में दूसरा हमला किया गया, जिसमें बरखान जिले में राखनी के पास सरती-टिक इलाके में एक सैन्य कैंप को लक्षित किया गया।
बयान में आगे कहा गया कि लड़ाकों ने रॉकेट से चलने वाले ग्रेनेड समेत भारी हथियारों का इस्तेमाल किया, जिससे दो पाकिस्तानी जवान मारे गए और एक घायल हो गया।
बीएलएफ ने कहा कि उसके लड़ाकों ने 28 दिसंबर को बलूचिस्तान के टंप के गोमाजी इलाके में तीसरा हमला किया। उन्होंने एक फोर्स चेकपॉइंट पर भारी गोले दागे, जिससे वहां तैनात पाकिस्तानी सैनिकों को "काफी नुकसान" हुआ।
ग्रुप ने कहा कि उसने 27 दिसंबर को बलूचिस्तान के सेंट्रल तुर्बत में एक नौसेना कैंप के मेन गेट पर पाकिस्तानी नौसेना के जवानों को निशाना बनाकर हैंड ग्रेनेड फेंका, जिससे वहां तैनात पाकिस्तानी सैनिक हताहत हुए और इलाके में पाकिस्तानी सेना की गश्त बढ़ गई।
बीएलएफ ने यह दोहराया है कि वह "आजाद बलूचिस्तान" के गठन तक पाकिस्तानी सेना पर अपने हमले जारी रखेगा।