क्या बेटे तारिक रहमान ने खालिदा जिया को श्रद्धांजलि दी? उन्होंने कहा, 'वो थीं प्यार करने वाली मां, जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी बांग्लादेश को समर्पित किया'

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क्या बेटे तारिक रहमान ने खालिदा जिया को श्रद्धांजलि दी? उन्होंने कहा, 'वो थीं प्यार करने वाली मां, जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी बांग्लादेश को समर्पित किया'

सारांश

तारिक रहमान ने अपनी मां खालिदा जिया को भावुक श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने बताया कि खालिदा जिया एक प्यार करने वाली मां थीं, जिन्होंने हमेशा बांग्लादेश के लिए अपने जीवन को समर्पित किया। उनकी विरासत बांग्लादेश के लोकतांत्रिक संघर्ष में हमेशा जीवित रहेगी।

Key Takeaways

  • खालिदा जिया का निधन बांग्लादेश के लिए एक बड़ा नुकसान है।
  • तारिक रहमान ने उनकी मां के प्रति अपनी भावनाओं को साझा किया।
  • खालिदा जिया की विरासत देश के लोकतांत्रिक संघर्ष में जीवित रहेगी।
  • उनका अंतिम संस्कार ढाका में होगा।
  • बीएनपी ने उनके निधन पर तीन दिन का शोक घोषित किया है।

ढाका, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान ने मंगलवार को अपनी मां, बीएनपी अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को एक भावुक श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने उन्हें एक प्यार करने वाली मां के रूप में स्मरण किया, जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी देश और इसके लोगों के प्रति समर्पित की।

बीएनपी द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, खालिदा जिया का निधन मंगलवार सुबह लगभग 6 बजे ढाका के एवरकेयर अस्पताल में हुआ। वह लंबे समय से बीमार थीं और पिछले एक महीने से अस्पताल में भर्ती थीं। उनकी उम्र 80 वर्ष थी।

पार्टी ने कहा कि वे उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं और देशवासियों से भी दुआ करने की अपील की।

तारिक रहमान ने एक्स पर लिखा, "मेरी मां, बीएनपी अध्यक्ष बेगम खालिदा जिया, अल्लाह की बुलावे पर आज हमें छोड़कर चली गईं। कई लोगों के लिए, वह देश की नेता थीं, एक बेखौफ लीडर! डेमोक्रेसी की मां, बांग्लादेश की मां। आज, देश एक ऐसी गाइड के जाने का दुख मना रहा है जिसने उसकी लोकतांत्रिक उम्मीदों को आकार दिया।"

तारिक ने मां के साथ अपने रिश्ते की बारीकियों पर बात की। उन्होंने कहा, "मेरे लिए, खालिदा जिया एक कोमल और प्यार करने वाली मां थीं जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी देश और उसके लोगों के नाम की। अपनी पूरी जिंदगी, वह तानाशाही, फासीवाद और दबदबे के खिलाफ मजबूती से खड़ी रहीं, आजादी, संप्रभुता और लोकतंत्र की बहाली के लिए संघर्ष करती रहीं।"

रहमान ने राजनीतिक मुश्किलों के बावजूद उनकी ताकत को याद किया।

उन्होंने कहा, "हालांकि उनकी जिंदगी त्याग और संघर्ष से रोशन थी, लेकिन घर पर वह हमारी सबसे सच्ची अभिभावक थीं, एक ऐसी मां जिनके बेइंतहा प्यार ने हमें हमारे सबसे बुरे पलों में हिम्मत दी। वह बार-बार हिरासत में ली गईं, चिकित्सीय सुविधा से महरूम रहीं और लगातार ज़ुल्म सहे। फिर भी, दर्द, कैद और अनिश्चितता में भी, उन्होंने हिम्मत और दया भाव के साथ अपने परिवार को पनाह देना कभी नहीं छोड़ा। उनके इरादे अटूट थे, मजबूत थे जिनमें दिखावा नहीं था।"

देश के लिए उनके निजी त्याग के बारे में भी रहमान ने जज्बात जाहिर किए। उन्होंने कहा, "देश के लिए, उन्होंने अपने पति को खो दिया; उन्होंने अपने बच्चे को खो दिया। उस निजी नुकसान के दौर में, यह देश और इसके लोग उनका परिवार, उनका मकसद, उनकी आत्मा बन गए। वह देशभक्ति, त्याग और विरोध की एक कभी न भूलने वाली विरासत छोड़ गई हैं, एक ऐसी विरासत जो बांग्लादेश की लोकतांत्रिक सोच में जिंदा रहेगी।"

उन्होंने दुआओं की अपील और शुक्रिया अदा करते हुए अपनी बात पर विराम लगाया।

रहमान ने कहा, "मैं आप सभी से मेरी मां के लिए दुआ करने के लिए कहता हूं। इस देश और दुनिया के लोगों ने जो गहरी भावना, प्यार और सम्मान दिखाया है, उसके लिए मैं और मेरा परिवार हमेशा आभारी रहेंगे।"

बताया गया है कि खालिदा जिया को 23 नवंबर को दिल और फेफड़ों से जुड़ी गंभीर समस्याओं के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अंतिम दिनों में वह निमोनिया से भी जूझ रही थीं और लगातार 36 दिनों तक मेडिकल निगरानी में रहीं।

उनके इलाज के लिए बांग्लादेश के साथ-साथ ब्रिटेन, अमेरिका, चीन और ऑस्ट्रेलिया के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम लगी हुई थी।

पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान की पत्नी खालिदा जिया ने बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने का गौरव हासिल किया था। उन्होंने तीन बार प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा की और बांग्लादेश की राजनीति में एक मजबूत और प्रभावशाली नेतृत्व के रूप में अपनी पहचान बनाई।

इस बीच, खालिदा जिया की मौत के बाद पार्टी का आगे का प्लान तय करने के लिए बीएनपी स्टैंडिंग कमेटी ने मंगलवार को एक आपातकालीन बैठक आयोजित की।

यह बैठक उनके बेटे और बीएनपी के कार्यवाहक प्रमुख तारिक रहमान की अध्यक्षता में मंगलवार दोपहर को ढाका में गुलशन ऑफिस में शुरू हुई।

बांग्लादेश के जाने-माने अखबार ढाका ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीएनपी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर और स्टैंडिंग कमेटी के मेंबर खंडाकर मोशर्रफ हुसैन, मिर्जा अब्बास, गायेश्वर चंद्र रॉय, अब्दुल मोईन खान और नजरुल इस्लाम खान समेत कई वरिष्ठ नेता इसमें शामिल हुए।

खालिदा जिया का अंतिम संस्कार बुधवार को ढाका में होगा।

अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री की मौत पर तीन दिन के राजकीय शोक के साथ-साथ आम छुट्टी की भी घोषणा की है。

Point of View

बल्कि देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनके संघर्ष और समर्पण को हमेशा याद किया जाएगा।
NationPress
30/12/2025

Frequently Asked Questions

खालिदा जिया का निधन कब हुआ?
खालिदा जिया का निधन 30 दिसंबर को हुआ।
तारिक रहमान ने अपनी मां को कैसे याद किया?
तारिक रहमान ने अपनी मां को एक प्यार करने वाली मां के रूप में याद किया जो अपने जीवन को बांग्लादेश के लिए समर्पित किया।
खालिदा जिया का राजनीतिक योगदान क्या था?
खालिदा जिया ने बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में सेवा की और देश की राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
उनका अंतिम संस्कार कब होगा?
खालिदा जिया का अंतिम संस्कार बुधवार को ढाका में होगा।
बीएनपी ने उनके निधन पर क्या प्रतिक्रिया दी?
बीएनपी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
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