क्या भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 1.7 बिलियन डॉलर बढ़ा और गोल्ड रिजर्व में इजाफा हुआ?

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क्या भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 1.7 बिलियन डॉलर बढ़ा और गोल्ड रिजर्व में इजाफा हुआ?

सारांश

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 1.689 बिलियन डॉलर बढ़कर 688.949 बिलियन डॉलर के नए स्तर पर पहुंच गया है। इस बढ़ोतरी के साथ, भारत के गोल्ड रिजर्व और अन्य वित्तीय आंकड़े भी सकारात्मक दिशा में बढ़ रहे हैं। जानें इस वित्तीय स्थिति के पीछे की कहानी और इसके संभावित प्रभाव।

Key Takeaways

  • भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 688.949 बिलियन डॉलर तक पहुंचा।
  • गोल्ड रिजर्व में 758 मिलियन डॉलर की वृद्धि हुई।
  • आरबीआई ने डॉलर का उपयोग करके रुपये को मजबूत किया।
  • एफडीआई में 16 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।
  • यह स्थिति देश की आर्थिक स्थिरता को दर्शाती है।

मुंबई, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 12 दिसंबर को समाप्त हुए हफ्ते में 1.689 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी के साथ 688.949 बिलियन डॉलर हो गया है। यह जानकारी आरबीआई द्वारा शुक्रवार को दी गई।

पिछले हफ्ते देश का विदेशी मुद्रा भंडार 687.26 बिलियन डॉलर था और इस दौरान, इसमें करीब 1.03 बिलियन डॉलर का इजाफा हुआ था।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया कि 12 दिसंबर को समाप्त हुए हफ्ते में गोल्ड रिजर्व की वैल्यू 758 मिलियन डॉलर बढ़कर 107.741 बिलियन डॉलर हो गई है।

वहीं, स्पेशल ड्राइंग राइट्स (एसडीआर) की वैल्यू 14 मिलियन डॉलर बढ़कर 18.735 बिलियन डॉलर हो गई है। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में भारत की रिजर्व पॉजिशन की वैल्यू 11 मिलियन डॉलर बढ़कर 4.686 बिलियन डॉलर हो गई है।

इसके अलावा, विदेशी मुद्रा भंडार के सबसे बड़े हिस्से फॉरेन करेंसी एसेट्स की वैल्यू 906 मिलियन डॉलर बढ़कर 557.787 बिलियन डॉलर हो गई है।

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में यह बढ़ोतरी तब देखने को मिली है जब डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर बना हुआ है और आरबीआई लगातार रुपयों को संभालने के लिए डॉलर का उपयोग कर रहा है। यह इस बात का संकेत है कि देश में डॉलर की आवक मजबूत है।

इस वर्ष भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में तेज वृद्धि देखी गई है। केंद्र द्वारा संसद को इस महीने की शुरुआत में दी गई जानकारी के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में कुल एफडीआई प्रवाह (50.36 बिलियन डॉलर) पिछले वर्ष की इसी अवधि (43.37 बिलियन डॉलर) की तुलना में 16 प्रतिशत अधिक रहा है, जो किसी भी वित्तीय वर्ष की पहली छमाही के लिए अब तक का उच्चतम स्तर है।

विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी देश के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय साधन होता है। यह देश की वित्तीय स्थिरता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब भी रुपया कमजोर होता है, तब आरबीआई डॉलर खर्च करके रुपयों को मजबूत करने की कोशिश करता है, जिससे वित्तीय प्रणाली स्थिर रहती है और देश को विदेशों में व्यापार करने में आसानी होती है।

Point of View

यह कहना उचित है कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार न केवल देश की आर्थिक स्थिरता का प्रतीक है, बल्कि यह हमारे व्यापारिक समृद्धि का भी संकेत है। आरबीआई द्वारा की गई यह बढ़ोतरी दर्शाती है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती से आगे बढ़ रही है।
NationPress
19/12/2025

Frequently Asked Questions

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार कितना बढ़ा?
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 1.689 बिलियन डॉलर बढ़कर 688.949 बिलियन डॉलर हो गया है।
गोल्ड रिजर्व में कितना इजाफा हुआ?
गोल्ड रिजर्व की वैल्यू 758 मिलियन डॉलर बढ़कर 107.741 बिलियन डॉलर हो गई है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने कब जानकारी दी?
आरबीआई ने यह जानकारी 19 दिसंबर को दी।
क्या यह वृद्धि भारत की आर्थिक स्थिति को दर्शाती है?
हाँ, यह वृद्धि भारत की आर्थिक स्थिरता और व्यापारिक सफलता का संकेत है।
क्या भारत में एफडीआई बढ़ रहा है?
हाँ, इस वर्ष एफडीआई में तेज वृद्धि देखी गई है।
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