क्या नोएडा में इंस्टीट्यूशनल ग्रेड ए प्लस ऑफिस सप्लाई बढ़ेगी?
सारांश
Key Takeaways
- नोएडा में ऑफिस सप्लाई में बदलाव आ रहा है।
- इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स विकास को गति देंगे।
- 2028 तक इंस्टीट्यूशनल ग्रेड ए प्लस प्रोजेक्ट्स की संख्या बढ़ेगी।
- नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट महत्वपूर्ण है।
- स्थानीय अर्थव्यवस्था को फायदा होगा।
नई दिल्ली, 27 नवंबर (राष्ट्रीय प्रेस)। नोएडा 2028 तक अपने कमर्शियल रियल एस्टेट मार्केट में एक महत्वपूर्ण संरचनात्मक परिवर्तन की ओर अग्रसर है। हाल के एक अध्ययन के अनुसार, इंस्टीट्यूशनल या डेवलपर ओन्ड-ग्रेड ए प्लस प्रोजेक्ट की आपूर्ति फ्रेगमेंटेड स्ट्रेटा ऑफिस की आपूर्ति को पछाड़ने की संभावना है।
कुशमैन एंड वेकफील्ड की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि शहर में ऑफिस एसेट्स की लीजिंग गतिविधि जनवरी से सितंबर तक की अवधि में 3.3 मिलियन स्कायर फुट के साथ मजबूत बनी हुई है। इस वर्ष के अंत तक इसके 4.7 मिलियन स्कायर फुट को पार करने का अनुमान है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि 2026 में 2.5 मिलियन स्कायर फुट के स्ट्रेटा-लेड ऑफिस बनाए जाएंगे। यह प्रवृत्ति 2028 तक बदल जाएगी जब इंस्टीट्यूशनल या डेवलपर ओन्ड-ग्रेड ए प्लस प्रोजेक्ट्स 2.9 मिलियन स्कायर फुट तक पहुंच जाएंगे, जबकि स्ट्रेटा फॉर्मेट लगभग 0.28 मिलियन स्कायर फुट तक घट जाएगा।
कंसल्टेंसी ने कहा कि स्ट्रेटेजिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स, मजबूत नीति पहल और प्रतिस्पर्धात्मक एसटीईएम टैलेंट के कारण नोएडा आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण इंजन बन गया है।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का पहला चरण लगभग 95 प्रतिशत पूरा हो चुका है, और इसके 2025 के दिसंबर में संचालन शुरू होने के साथ कई बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड के माध्यम से नोएडा को उच्च-ग्लोबल कनेक्टिविटी प्राप्त होगी।
2025 की तीसरी तिमाही में नोएडा का कुल ऑफिस स्टॉक 43.4 मिलियन स्कायर फुट होगा, जिसमें 26.6 मिलियन स्कायर फुट ग्रेड ए प्लस स्पेस शामिल है। पिछले पाँच वर्षों में इन्वेस्टमेंट-ग्रेड ऑफिस एसेट्स में 40 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।
पिछले 9 महीनों में जीसीसी ने 1 मिलियन स्कायर फुट का योगदान दर्ज किया है और दिसंबर 2025 तक 1.28 मिलियन स्कायर फुट पर बंद होने का अनुमान है।
कुशमैन एंड वेकफील्ड की नॉर्थ मैनेजिंग डायरेक्टर सुप्रिया चटर्जी ने कहा, "इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड्स दीर्घकालिक विस्तार के लिए एक मजबूत आधार तैयार कर रहे हैं, जिसमें नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, बेहतर मेट्रो और एक्सप्रेसवे कनेक्टिविटी, मजबूत नीति समर्थन और एसटीईएम टैलेंट बेस शामिल है।"