क्या ओएनडीसी से जुड़े 1.16 लाख से अधिक खुदरा विक्रेता हैं?
सारांश
Key Takeaways
- ओएनडीसी ने 1.16 लाख खुदरा विक्रेताओं को जोड़ा है।
- यह छोटे व्यवसायों को डिजिटल कॉमर्स में प्रवेश करने का अवसर प्रदान करता है।
- खरीदारों को अधिक विकल्प और कीमतों में पारदर्शिता मिलती है।
- ओएनडीसी सभी विक्रेताओं के लिए खुले नियमों पर आधारित है।
- सरकार छोटे विक्रेताओं को डिजिटल शिक्षा प्रदान कर रही है।
नई दिल्ली, 16 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। देश के छोटे और स्थानीय दुकानदार तेजी से सरकारी डिजिटल प्लेटफॉर्म ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) से जुड़ रहे हैं। अब तक (9 दिसंबर) देशभर के 630 से अधिक शहरों और कस्बों में 1.16 लाख से ज्यादा खुदरा विक्रेता इस प्लेटफॉर्म के साथ जुड़ चुके हैं। सरकार ने मंगलवार को यह जानकारी साझा की।
ओएनडीसी छोटे और सूक्ष्म व्यवसायों के लिए डिजिटल कारोबार में प्रवेश को सरल बनाता है। यह विभिन्न खरीदार और विक्रेता ऐप्स को आपस में जोड़ता है, जिससे छोटे दुकानदारों को भी बड़े प्लेटफॉर्म्स के साथ प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिलता है। इससे डिजिटल कॉमर्स में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलता है।
वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने लोकसभा में बताया कि जब एक ही तरह के प्रोडक्ट कई प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध होते हैं, तो इससे कीमतों में पारदर्शिता आती है। अलग-अलग स्थानों और आकार के विक्रेताओं के एक ही नेटवर्क पर होने से ग्राहकों को अधिक विकल्प मिलते हैं, जिससे वे बेहतर निर्णय ले सकते हैं।
ओएनडीसी पारंपरिक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स से भिन्न है क्योंकि यह खुले नेटवर्क पर कार्य करता है। इसमें विक्रेता किसी एक प्लेटफॉर्म की शर्तों के अधीन नहीं रहते और वे कई प्लेटफॉर्म्स के ग्राहकों तक एक साथ पहुँच सकते हैं।
सरकार के अनुसार, ओएनडीसी यह सुनिश्चित करता है कि छोटे व्यापारी, स्थानीय दुकानदार और एमएसएमई डिजिटल दुनिया से बाहर न रहें। खुले तकनीकी नियमों के माध्यम से सभी विक्रेताओं को समान रूप से दिखाई देने का अवसर मिलता है, चाहे उनका आकार या तकनीकी जानकारी कुछ भी हो।
ओएनडीसी पर विक्रेता ऐप्स अपने पूरे प्रोडक्ट कैटलॉग को सभी खरीदार ऐप्स के लिए उपलब्ध कराते हैं। वहीं खरीदार ऐप्स यह निर्धारित करते हैं कि खोज परिणाम कैसे प्रदर्शित होते हैं। इससे विक्रेताओं को अपनी रैंकिंग को समझने और सुधारने में मदद मिलती है और पक्षपात वाली लिस्टिंग से बचाव होता है।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई मंत्रालय) की व्यापार सक्षमता और विपणन (टीईएएम) योजना के तहत छोटे विक्रेताओं को ओएनडीसी से जोड़ने के लिए सहायता प्रदान की जा रही है। इसमें स्वयं सहायता समूह (एसएचजी), किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ), कारीगर, ग्रामीण उद्यमी और स्थानीय दुकानदार शामिल हैं।
मंत्री ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत विक्रेताओं को डिजिटल शिक्षा, जागरूकता, प्रोडक्ट लिस्टिंग और प्लेटफॉर्म से जोड़ने में सहायता दी जाती है।