क्या जीएसटी दरों में सुधार से राज्यों के रेवेन्यू में 5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है?
सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी दरों में सुधार से 5 प्रतिशत राजस्व वृद्धि हुई है।
- यह वृद्धि 2025-26 के वित्तीय वर्ष के दौरान देखी गई।
- राज्यों को अब 2,59,202 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है।
- जीएसटी दरें जीएसटी काउंसिल की सिफारिशों पर तय होती हैं।
- कुछ वस्तुओं पर जीएसटी दर को शून्य कर दिया गया है।
नई दिल्ली, 16 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सरकार के आर्थिक सुधारों के अंतर्गत 22 सितंबर से लागू किए गए जीएसटी दर संशोधन के परिणामस्वरूप राज्यों के राजस्व में 5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह बढ़ोतरी चालू वित्त वर्ष 2025-26 के सितंबर से नवंबर की अवधि में देखी गई, जब राज्यों को मिलने वाली एसजीएसटी और आईजीएसटी में वृद्धि हुई।
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में जानकारी दी कि इस अवधि में राज्यों को कुल 2,59,202 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 2,46,197 करोड़ रुपए था।
उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटी दरें जीएसटी काउंसिल की सिफारिशों पर निर्धारित की जाती हैं, जो कि एक संवैधानिक संस्था है। इसमें राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्र सरकार के सदस्य शामिल होते हैं। 3 सितंबर 2025 को आयोजित जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में जीएसटी दरों के संशोधन और कर संरचना को सरल बनाने की सिफारिश की गई थी, जिसे केंद्रीय सरकार ने 22 सितंबर 2025 से लागू किया।
पंकज चौधरी ने बताया कि जीएसटी दरों में हाल ही में किया गया परिवर्तन और व्यापार में आसानी पर सरकार का निरंतर जोर आर्थिक खपत को बढ़ावा देने की सरकार की बहुआयामी रणनीति का हिस्सा है। खपत की मांग में मजबूती से जीएसटी राजस्व पर सकारात्मक असर पड़ने की उम्मीद है।
22 सितंबर 2025 से लागू हुई नई जीएसटी दरों का असर अक्टूबर और नवंबर 2025 में देखने को मिला, जब कुल जीएसटी संग्रह में पिछले वर्ष की तुलना में 4.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
उपकर और अधिभार से प्राप्त राजस्व भारत के समेकित निधि (कंसोलिडेटेड फंड) का हिस्सा है, जिसका उपयोग विभिन्न केंद्रीय सरकारी योजनाओं और पहलों के माध्यम से राज्यों में विकास और कल्याणकारी पहलों को आर्थिक मदद देने के लिए किया जाता है।
मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि कुछ वस्तुओं जैसे पेंसिल, पेंसिल शार्पनर, रबर, अभ्यास किताबें, ग्राफ किताबें, प्रयोगशाला नोटबुक्स और सामान्य नोटबुक्स पर अब जीएसटी दर को शून्य कर दिया गया है।