क्या संवत 2081 में कंपनियों ने 2.9 लाख करोड़ रुपए की रिकॉर्ड फंडिंग जुटाई?

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क्या संवत 2081 में कंपनियों ने 2.9 लाख करोड़ रुपए की रिकॉर्ड फंडिंग जुटाई?

सारांश

भारतीय इक्विटी बाजार में 433 कंपनियों ने संवत 2081 में रिकॉर्ड 2.9 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं। जानें कैसे बाजार की परिस्थितियों ने निवेशकों के विश्वास को प्रभावित किया।

Key Takeaways

  • संवत 2081 में 433 कंपनियों ने 2.9 लाख करोड़ रुपए जुटाए।
  • आईपीओ और क्यूआईपी का योगदान महत्वपूर्ण रहा।
  • सेकेंडरी मार्केट में गतिविधियां कमजोर हैं।
  • निवेशकों का विश्वास मजबूत हो रहा है।
  • भविष्य में लिस्टिंग के प्रदर्शन में सुधार की उम्मीद है।

मुंबई, 20 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय इक्विटी बाजार में 433 कंपनियों ने पिछले दीपावली से लेकर इस दीपावली तक, यानि संवत 2081 में, इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) और क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) के माध्यम से 2.9 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं।

संवत 2080 में यह आंकड़ा 429 कंपनियों के साथ 2.53 लाख करोड़ रुपए पर था।

इससे पहले, संवत 2079 में 251 कंपनियों ने 79,900 करोड़ रुपए और संवत 2078 में 165 कंपनियों ने 1.07 लाख करोड़ रुपए की धनराशि जुटाई थी।

यह रिकॉर्ड उस समय में बना है जब सेकेंडरी मार्केट में गतिविधियां कमजोर हैं और आईपीओ लाने वाली कंपनियों की लिस्टिंग भी कमजोर हो रही है। यह ट्रेंड लंबी अवधि के निवेशकों का बाजार पर विश्वास दिखाता है।

इस संवत में कुल 111 कंपनियों ने मेनबोर्ड आईपीओ के जरिए 1.8 लाख करोड़ रुपए जुटाए, जबकि 275 कंपनियों ने स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएमई) आईपीओ के माध्यम से 11,860 करोड़ रुपए जुटाने में सफलता पाई।

अन्य 47 कंपनियों ने 98,993 करोड़ रुपए क्यूआईपी के जरिए जुटाए।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस वृद्धि की वजह मजबूत आर्थिक वृद्धि दर, निवेशकों का बढ़ता विश्वास और अच्छी बाजार परिस्थितियां हैं।

उन्होंने कहा कि सेकेंडरी मार्केट में अधिक वैल्यूएशन के कारण निवेशक प्राइमरी बाजार में निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं।

2025 में ज्यादातर कंपनियों की लिस्टिंग अपेक्षा से कमजोर रही है। इस साल अब तक सूचीबद्ध 85 मेनबोर्ड आईपीओ में से 29 अपने इश्यू प्राइस से नीचे खुले, जबकि 27 में 1-10 प्रतिशत का मामूली लिस्टिंग मुनाफा देखा गया।

12 आईपीओ ने 11-20 प्रतिशत के बीच लाभ दिया, 13 आईपीओ 25-50 प्रतिशत तक बढ़े, और केवल तीन शेयर ही शुरुआत में 50 प्रतिशत से अधिक का लाभ देने में सफल रहे।

इसके विपरीत, 2024 में लिस्टिंग के समय कंपनियों का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा। उस वर्ष, 93 मेनबोर्ड आईपीओ में से, पांच शेयर लिस्टिंग पर निवेशकों का पैसा दोगुना कर दिया था, 12 ने 50-99 प्रतिशत तक लाभ दिया, 25 ने 25-50 प्रतिशत तक लाभ दिया, और 30 ने 1-25 प्रतिशत के बीच मामूली लाभ निवेशकों को दिया।

एसएमई सेगमेंट में भी यही पैटर्न देखा गया। 2025 में, 218 एसएमई आईपीओ बाजार में आए, जिनमें से 76 आईपीओ इश्यू प्राइस से नीचे सूचीबद्ध हुए, जबकि 27 ने 50-100 प्रतिशत का लाभ दिया।

हालांकि, 2024 में, 247 एसएमई आईपीओ बाजार में आए, और उनमें से 100 से अधिक ने लिस्टिंग के समय 50-400 प्रतिशत के बीच रिटर्न दिया।

Point of View

यह आंकड़ा भारतीय बाजार के लिए एक सकारात्मक संकेत है। कंपनियों की फंडिंग में वृद्धि दर्शाती है कि निवेशक दीर्घकालिक दृष्टिकोण से बाजार पर विश्वास कर रहे हैं, जो अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत है।
NationPress
20/10/2025

Frequently Asked Questions

संवत 2081 में कंपनियों ने कितनी फंडिंग जुटाई?
संवत 2081 में कंपनियों ने 2.9 लाख करोड़ रुपए की फंडिंग जुटाई।
कितनी कंपनियों ने इस साल आईपीओ किया?
इस साल 433 कंपनियों ने आईपीओ और क्यूआईपी के जरिए धन जुटाया।
क्या बाजार में गतिविधियां कमजोर हैं?
हां, सेकेंडरी मार्केट में गतिविधियां कमजोर बनी हुई हैं।
आईपीओ से निवेशकों को क्या लाभ मिला?
कई आईपीओ ने लिस्टिंग पर लाभ दिया, लेकिन कुछ कमजोर प्रदर्शन भी रहे।
क्या भविष्य में कंपनियों की लिस्टिंग बेहतर होगी?
विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में लिस्टिंग में सुधार की संभावनाएं हैं।