क्या 36 प्रतिशत भारतीय घर खरीदारों के बीच 90 लाख से 1.5 करोड़ रुपए का सेगमेंट सबसे पसंदीदा बन गया है? : रिपोर्ट

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क्या 36 प्रतिशत भारतीय घर खरीदारों के बीच 90 लाख से 1.5 करोड़ रुपए का सेगमेंट सबसे पसंदीदा बन गया है? : रिपोर्ट

सारांश

क्या भारतीय घर खरीदारों के बीच 90 लाख से 1.5 करोड़ रुपए का सेगमेंट सबसे पसंदीदा बन रहा है? जानिए एनारॉक की नई रिपोर्ट में क्या कहा गया है।

Key Takeaways

  • 36% भारतीय घर खरीदार 90 लाख से 1.5 करोड़ रुपए के घरों को पसंद कर रहे हैं।
  • 25% लोग 45 लाख से 90 लाख रुपए के घरों को चुनते हैं।
  • 65% संभावित खरीदार एंड-यूजर्स हैं।
  • 63% खरीदार रियल एस्टेट को पसंदीदा निवेश मानते हैं।
  • 81% संपत्ति चाहने वालों के लिए कीमतें चिंता का विषय हैं।

नई दिल्ली, 8 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत में 36 प्रतिशत से अधिक संभावित घर खरीदारों ने 2025 की पहली छमाही में 90 लाख रुपए से 1.5 करोड़ रुपए तक के घर को अपना सबसे पसंदीदा विकल्प चुना है, जो प्रीमियम और लग्जरी रियल एस्टेट की ओर बढ़ते रुझान का संकेत देता है। यह जानकारी सोमवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।

इसके अलावा, एनारॉक ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 25 प्रतिशत लोग 45 लाख रुपए से 90 लाख रुपए के बीच की कीमत वाले घरों को पसंद करते हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, 65 प्रतिशत से अधिक संभावित खरीदार एंड-यूजर्स के रूप में मार्केट में प्रवेश कर रहे हैं और निवेशक इस पर थोड़ा विचार कर रहे हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है, "सभी शहरों में, बेंगलुरु में विशेष रूप से निवेश के लिए संपत्ति की तलाश करने वाले खरीदारों की 43 प्रतिशत सबसे बड़ी हिस्सेदारी है; शेष 57 प्रतिशत एंड-यूजर्स हैं।"

दिल्ली-एनसीआर में निवेशकों की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत सबसे कम है, जबकि 74 प्रतिशत लोग एंड-यूजर के रूप में खरीदारी करना चाहते हैं।

लगभग 63 प्रतिशत खरीदार रियल एस्टेट को 'सबसे पसंदीदा' निवेश परिसंपत्ति वर्ग मानते हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 4 प्रतिशत की वृद्धि है।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि किफायती आवास के 62 प्रतिशत इच्छुक खरीदार बाजार में उपलब्ध मौजूदा विकल्पों से असंतुष्ट हैं, जिनमें से 92 प्रतिशत परियोजना के स्थान से नाखुश हैं।

रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि 90 प्रतिशत खरीदारों ने कहा कि इन परियोजनाओं का निर्माण निम्न गुणवत्ता का है और इनका डिज़ाइन 'खराब' है, जबकि 77 प्रतिशत प्रतिभागियों को यूनिट्स का आकार उपयोगिता और रुचि के लिहाज से बहुत छोटा लगता है।

एनारोक समूह के अध्यक्ष अनुज पुरी ने कहा, "ये निष्कर्ष किफायती आवास, या 45 लाख रुपए या उससे कम कीमत वाले घरों की मांग में आई कमी के साथ चिंताजनक रूप से मेल खाते हैं।"

रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत भर में 81 प्रतिशत से अधिक संपत्ति चाहने वालों के लिए घरों की बढ़ती कीमतें एक बड़ी चिंता का विषय हैं।

शीर्ष सात शहरों में पिछले दो वर्षों में औसत आवासीय कीमतें 2023 की दूसरी तिमाही में 6,001 रुपए प्रति वर्ग फुट से बढ़कर 2025 की दूसरी तिमाही तक 8,990 रुपए प्रति वर्ग फुट दर्ज की गई हैं, जो कि 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि है।

Point of View

यह रिपोर्ट भारतीय रियल एस्टेट बाजार में एक महत्वपूर्ण मोड़ का संकेत देती है। घरों की बढ़ती कीमतें और निवेशकों की घटती रुचि, दोनों ही संकेत देते हैं कि बाजार में सुधार की आवश्यकता है।
NationPress
08/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या 2025 में रियल एस्टेट की मांग बढ़ने की उम्मीद है?
हाँ, रियल एस्टेट की मांग में वृद्धि की उम्मीद है, विशेष रूप से प्रीमियम और लग्जरी सेगमेंट में।
बेंगलुरु में निवेशक कितने प्रतिशत हैं?
बेंगलुरु में संपत्ति की तलाश करने वाले खरीदारों की 43 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
दिल्ली-एनसीआर में एंड-यूजर्स की हिस्सेदारी कितनी है?
दिल्ली-एनसीआर में 74 प्रतिशत लोग एंड-यूजर के रूप में खरीदारी करना चाहते हैं।
क्या किफायती आवास में कमी महसूस की जा रही है?
हाँ, 62 प्रतिशत इच्छुक खरीदार मौजूदा विकल्पों से असंतुष्ट हैं।
क्या घरों की कीमतें बढ़ रही हैं?
जी हाँ, पिछले दो वर्षों में औसत आवासीय कीमतों में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।