क्या 20 वरिष्ठ वकीलों ने बी. सुदर्शन रेड्डी की लालू प्रसाद से मुलाकात पर नाराजगी जताई?

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क्या 20 वरिष्ठ वकीलों ने बी. सुदर्शन रेड्डी की लालू प्रसाद से मुलाकात पर नाराजगी जताई?

सारांश

20 वरिष्ठ वकीलों ने बी. सुदर्शन रेड्डी और लालू प्रसाद यादव की मुलाकात पर नाराजगी जताई है। यह मुलाकात संवैधानिक मूल्यों को चुनौती देती है। क्या इससे राजनीति में नया विवाद खड़ा हो सकता है? जानें इस मुद्दे की गहराई।

Key Takeaways

  • 20 वरिष्ठ वकीलों का बयान बी. सुदर्शन रेड्डी की मुलाकात पर है।
  • लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले में दोषी हैं।
  • यह मुलाकात संवैधानिक नैतिकता पर सवाल उठाती है।
  • उपराष्ट्रपति पद के लिए नैतिकता का पालन आवश्यक है।
  • राजनीतिक बहस का मुद्दा बन सकता है।

नई दिल्ली, 8 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के 20 प्रमुख वरिष्ठ वकीलों ने एक संयुक्त बयान जारी करके इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी की चारा घोटाले में दोषी लालू प्रसाद यादव से मुलाकात पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है।

वकीलों ने कहा कि यह मुलाकात संवैधानिक पद के उम्मीदवार के निर्णय पर प्रश्नचिह्न लगाती है और न्यायिक नैतिकता को क्षति पहुँचाती है।

वे यह भी कहते हैं कि लालू प्रसाद यादव पहले ही चारा घोटाले में दोषी साबित हो चुके हैं। ऐसे में रेड्डी का उनसे मिलना एक गंभीर चूक है। यह न केवल उनके निर्णय पर सवाल उठाता है, बल्कि संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा को भी नुकसान पहुँचाता है।

इन वकीलों ने कहा है कि जो लोग स्वयं को संवैधानिक मूल्यों का रक्षक मानते हैं, वे इस तरह के हस्तक्षेप में पक्षपात करते हैं। साथ ही, उन्होंने जनता से इस मुद्दे पर गौर करने की अपील की है।

वकीलों ने जोर देकर कहा कि उपराष्ट्रपति जैसे महत्वपूर्ण पद के लिए उम्मीदवार को ऐसी गलतियों से बचना चाहिए। यह घटना न्यायपालिका की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करती है।

इस संयुक्त बयान में शामिल वकीलों में हरियाणा के पूर्व महाधिवक्ता बलदेव महाजन, अनिल सोनी, परवेज नाजमी, अरुण भारद्वाज, अजय बुस्सा, अशोक सिंह, सोनिया माथुर, रवि प्रकाश, कीर्ति उप्पल, संजय पोद्दार, सुनील दलाल, बेनी चटर्जी, संजीव देशपांडे, राम आप्टे, अभय खंडेपारकर, संजीव गोवर्धनकर, चेतन मित्तल, जमशेद मिस्त्री जैसे वरिष्ठ वकील शामिल हैं।

इसके अलावा, महाराष्ट्र और गोवा बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष एवं सदस्य मोतिसिंग मोहता, मिलिंद पाटिल, पारिजात पांडे और सुभाष घाटगे ने भी इस पर हस्ताक्षर किए हैं। ये सभी उच्च न्यायालयों और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकील हैं।

जानकारी के अनुसार, वकीलों की इस प्रतिक्रिया के बाद यह मुद्दा राजनीतिक बहस का कारण बन सकता है। उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले यह विषय विपक्ष के उम्मीदवार की छवि पर असर डाल सकता है। वकीलों ने कहा है कि संवैधानिक पदों के लिए उम्मीदवारों को नैतिकता का पालन करना चाहिए, ताकि जनता का भरोसा बना रहे।

Point of View

NationPress
08/09/2025

Frequently Asked Questions

बी. सुदर्शन रेड्डी कौन हैं?
बी. सुदर्शन रेड्डी इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं।
लालू प्रसाद यादव का चारा घोटाले में क्या रोल है?
लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले में दोषी साबित हो चुके हैं।
20 वरिष्ठ वकीलों का बयान क्यों महत्वपूर्ण है?
यह बयान संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है।
इस मुलाकात का राजनीतिक प्रभाव क्या हो सकता है?
यह मुलाकात विपक्ष के उम्मीदवार की छवि पर नकारात्मक असर डाल सकती है।
क्या नैतिकता का पालन करना आवश्यक है?
हाँ, संवैधानिक पदों के लिए उम्मीदवारों को नैतिकता का पालन करना चाहिए।