क्या मध्यपूर्व में तनाव बढ़ने से सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट आई?

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क्या मध्यपूर्व में तनाव बढ़ने से सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट आई?

सारांश

मध्य पूर्व के बढ़ते तनाव ने भारतीय शेयर बाजार को प्रभावित किया है। अमेरिका द्वारा ईरान की परमाणु साइट्स पर बमबारी के चलते निवेशकों में चिंता बढ़ी है, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट हुई है। जानिए इस स्थिति का बाजार पर क्या असर पड़ा?

Key Takeaways

  • भारतीय शेयर बाजार ने मध्य पूर्व की घटनाओं के कारण गिरावट देखी।
  • सेंसेक्स और निफ्टी दोनों लाल निशान में बंद हुए।
  • बाजार में अस्थिरता के संकेत मिलने लगे हैं।
  • कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि हो रही है।
  • निवेशकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

मुंबई, 23 जून (राष्ट्र प्रेस)। मध्य पूर्व में तनाव की वृद्धि के चलते भारतीय शेयर बाजार ने इस सप्ताह की शुरुआत में कमजोरी दर्ज की। अमेरिका द्वारा ईरान की तीन परमाणु साइट्स पर बमबारी के कारण वैश्विक स्तर पर निवेशकों में सतर्कता आई, जिससे सोमवार को बेंचमार्क सूचकांकों में गिरावट देखने को मिली।

सेंसेक्स 511.38 अंक या 0.62 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81,896.79 पर बंद हुआ। इंट्रा-डे के दौरान, यह इंडेक्स 82,169.67 के उच्चतम और 81,476.76 के न्यूनतम स्तर के बीच घूमता रहा।

निफ्टी भी नकारात्मक संकेत पर बंद हुआ, जिसमें 140.50 अंक या 0.56 प्रतिशत की गिरावट आई, और यह 24,971.90 पर समाप्त हुआ। सत्र के दौरान, निफ्टी ने 25,057 का इंट्रा-उच्च और 24,824.85 का निम्न स्तर छुआ।

हालांकि, व्यापक बाजार ने फ्रंटलाइन इंडेक्स की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 0.36 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ, जबकि स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में 0.70 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

सेंसेक्स में शामिल 30 शेयरों में एचसीएल टेक, इंफोसिस, लार्सन एंड टुब्रो, महिंद्रा एंड महिंद्रा, हिंदुस्तान यूनिलीवर और आईटीसी सबसे बड़े नुकसान में रहे, जिनमें 2.29 प्रतिशत से 1.21 प्रतिशत की गिरावट आई।

वहीं, ट्रेंट, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, बजाज फाइनेंस, कोटक महिंद्रा बैंक और बजाज फिनसर्व ने 3.61 प्रतिशत से 0.58 प्रतिशत के बीच बढ़त दर्ज की।

सेक्टोरल इंडेक्स का प्रदर्शन मिला-जुला रहा, जहाँ बैंक निफ्टी, ऑटो, एफएमसीजी, और रियलिटी लाल निशान पर बंद हुए, जबकि मेटल, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, फार्मा, और मीडिया सेक्टर में बढ़त देखी गई।

निफ्टी आईटी इंडेक्स को सबसे अधिक नुकसान हुआ, जिसमें 1.48 प्रतिशत की गिरावट आई। कोफोर्ज और पर्सिस्टेंट सिस्टम्स जैसे शेयरों ने इस सेक्टर को नीचे की ओर खींचा।

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के विनोद नायर ने कहा, "पिछले शुक्रवार को मध्य पूर्व में तनाव कम होने की आशा के चलते बाजार में तेजी आई थी। अमेरिका ने इजरायल-ईरान संघर्ष में अपनी भागीदारी पर विचार करने के लिए दो सप्ताह की अवधि की घोषणा की थी।"

उन्होंने आगे कहा, "हालांकि, रविवार को ईरान की परमाणु सुविधाओं पर अमेरिकी हवाई हमले ने उन उम्मीदों को तोड़ दिया, जिससे कच्चे तेल की कीमतों में तेज उछाल आया।"

बाजार का डर मापने वाला सूचकांक इंडिया विक्स, जो अस्थिरता को दर्शाता है, 2.74 प्रतिशत बढ़कर 14.05 अंक पर पहुंच गया।

कमजोर भू-राजनीतिक माहौल के बीच गैप-डाउन ओपनिंग के बाद निफ्टी में सुधार हुआ। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से भारतीय बाजार को सुबह के नुकसान को कम करने में मदद मिली, हालांकि यह अभी भी नकारात्मक नोट पर बंद हुआ।

इस बीच, डॉलर इंडेक्स के 99 अंक की ओर बढ़ने के कारण रुपया 0.11 की कमजोरी के साथ 86.75 पर कारोबार कर रहा था।

एलकेपी सिक्योरिटीज के जतिन त्रिवेदी ने कहा, "तकनीकी रूप से, रुपया 86 से नीचे कमजोर बना हुआ है और अगला समर्थन 87 के करीब देखा जा रहा है।"

Point of View

NationPress
23/06/2025

Frequently Asked Questions

मध्य पूर्व में तनाव का भारतीय बाजार पर क्या असर है?
मध्य पूर्व में तनाव से निवेशकों में चिंता बढ़ी है, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट आई है।
क्या यह गिरावट अस्थायी है?
बाजार की स्थिति के अनुसार यह गिरावट अस्थायी हो सकती है, लेकिन वैश्विक घटनाक्रमों पर नजर रखना जरूरी है।
कच्चे तेल की कीमतों का क्या प्रभाव है?
कच्चे तेल की कीमतों में उछाल से घरेलू बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
रुपये की स्थिति क्या है?
रुपया वर्तमान में 86.75 पर कारोबार कर रहा है और तकनीकी रूप से कमजोर बना हुआ है।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और बाजार की गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए।