क्या टाटा ग्रुप ने रतन टाटा की 88वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी?

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क्या टाटा ग्रुप ने रतन टाटा की 88वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी?

सारांश

टाटा ग्रुप ने रतन टाटा की 88वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की, जिसमें उनके योगदानों को याद किया गया। जानिए इस अवसर पर क्या कहा गया और रतन टाटा के कार्यों का महत्व क्या है।

Key Takeaways

  • रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था।
  • उन्होंने 1991 से 2012 तक टाटा ग्रुप का नेतृत्व किया।
  • रतन टाटा ने जगुआर लैंड रोवर और कोरस जैसी कंपनियों का अधिग्रहण किया।
  • उनकी समाज सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
  • कई नेता उनके योगदान की सराहना कर चुके हैं।

नई दिल्ली, 28 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। टाटा ग्रुप ने रविवार को अपने पूर्व चेयरमैन रतन टाटा की 88वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर भारतीय उद्योग, समाज सेवा और देश के लिए उनके योगदान को याद किया गया।

टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने लिंक्डइन पर एक भावनात्मक संदेश साझा करते हुए लिखा, ''जन्मदिन की शुभकामनाएं, मिस्टर टाटा। आप हमें बहुत याद आते हैं। आज भी और हमेशा।''

उन्होंने जुलाई 2024 में हुए एक पुरस्कार समारोह की अपनी और रतन टाटा की एक साथ ली गई तस्वीर भी साझा की। टाटा ग्रुप ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया और कहा कि वे रतन टाटा की जयंती पर उन्हें याद कर रहे हैं।

रतन टाटा ने 1991 से 2012 तक टाटा ग्रुप का नेतृत्व किया। इसके बाद 2016-17 में उन्होंने कुछ समय के लिए अंतरिम चेयरमैन के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं।

उन्हें टाटा ग्रुप को एक सौ साल पुरानी भारतीय कंपनी से एक अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने का श्रेय दिया जाता है। उनके नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने जगुआर लैंड रोवर, कोरस और टेटली जैसी बड़ी विदेशी कंपनियों का अधिग्रहण किया, जिससे दुनिया भर में टाटा की मौजूदगी बढ़ी।

व्यापार के साथ-साथ रतन टाटा अपने ईमानदार सिद्धांतों, देश निर्माण और समाज सेवा के लिए भी जाने जाते थे। टाटा ट्रस्ट्स के जरिए उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और वैज्ञानिक शोध को मजबूत सहयोग दिया।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उनके कार्यकाल के दौरान टाटा संस से मिलने वाला बड़ा हिस्सा समाज सेवा के कार्यों में लगाया जाता रहा, जो ग्रुप की सामाजिक जिम्मेदारी को दर्शाता है।

सक्रिय रूप से प्रबंधन से हटने के बाद भी रतन टाटा भारत के स्टार्टअप जगत से जुड़े रहे। उन्होंने कई नए स्टार्टअप्स में निवेश किया और उनका मार्गदर्शन किया, जिससे नई कंपनियों को शुरुआती दौर में भरोसा और सहयोग मिला।

देशभर से उन्हें श्रद्धांजलि दी गई, जिनमें कई राजनीतिक नेता भी शामिल रहे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि रतन टाटा ने ईमानदारी और करुणा के साथ भारतीय उद्योग को नई दिशा दी और उनका जीवन सिखाता है कि सच्ची सफलता देश की सेवा में है।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने उन्हें दूरदर्शी उद्योगपति और दयालु नेता बताया। उन्होंने कहा कि रतन टाटा की सादगी और मूल्य आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देते रहेंगे।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि रतन टाटा ने नवाचार को करुणा से जोड़ा और देश के विकास में भारतीय कंपनियों की भूमिका को फिर से परिभाषित करने में मदद की।

Point of View

बल्कि एक प्रेरणास्त्रोत भी। उनका योगदान न केवल टाटा ग्रुप के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए अमूल्य है।
NationPress
28/12/2025

Frequently Asked Questions

रतन टाटा कब जन्मे?
रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था।
रतन टाटा ने कब टाटा ग्रुप का नेतृत्व किया?
रतन टाटा ने 1991 से 2012 तक टाटा ग्रुप का नेतृत्व किया।
रतन टाटा के योगदान क्या हैं?
रतन टाटा ने टाटा ग्रुप को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई और कई बड़ी कंपनियों का अधिग्रहण किया।
रतन टाटा की समाज सेवा में क्या भूमिका रही है?
रतन टाटा ने शिक्षा, स्वास्थ्य और समाज सेवा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं।
कौन-कौन से नेता रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी?
कई राजनीतिक नेताओं ने रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी, जिनमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शामिल हैं।
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