क्या भारत में यूपीआई लेनदेन 2025 की पहली छमाही में 35 प्रतिशत बढ़ा?
सारांश
Key Takeaways
- यूपीआई लेनदेन में 35 प्रतिशत की वृद्धि।
- लेनदेन की कुल वैल्यू 143.34 लाख करोड़ रुपए।
- पी2एम लेनदेन में 37 प्रतिशत की वृद्धि।
- क्यूआर-आधारित भुगतान में 111 प्रतिशत की वृद्धि।
- क्रेडिट कार्डों की संख्या में 23 प्रतिशत की वृद्धि।
नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के डिजिटल पेमेंट क्षेत्र में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) का उपयोग लगातार बढ़ रहा है। इसी कारण 2025 की पहली छमाही में यूपीआई लेनदेन की संख्या सालाना आधार पर 35 प्रतिशत बढ़कर 106.36 अरब हो गई है। यह जानकारी बुधवार को जारी रिपोर्ट में दी गई।
वर्ल्डलाइन इंडिया की डिजिटल पेमेंट्स रिपोर्ट में कहा गया कि इन लेनदेन की कुल वैल्यू 143.34 लाख करोड़ रुपए रही है, जो दर्शाता है कि यूपीआई ने आम लोगों के भुगतान के तरीके में गहराई से स्थान बना लिया है।
रिपोर्ट में बताया गया कि औसत यूपीआई लेनदेन का आकार 2014 की पहली छमाही में 1,478 रुपए से घटकर 2025 की पहली छमाही में 1,348 रुपए हो गया है।
यह गिरावट से यह स्पष्ट होता है कि यूपीआई का उपयोग दैनिक लेनदेन से लेकर बड़े शॉपिंग में भी किया जा रहा है।
एक और महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि पर्सन-टू-मर्चेंट (पी2एम) लेनदेन की संख्या 37 प्रतिशत बढ़कर 67.01 अरब हो गई है, जिसे वर्ल्डलाइन ने 'किराना इफैक्ट' का नाम दिया है, जहां छोटे और सूक्ष्म व्यवसाय डिजिटल अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन जाते हैं।
भारत के क्यूआर-आधारित भुगतान नेटवर्क में भी जबरदस्त वृद्धि देखी गई है, जो जून 2025 तक दोगुने से भी अधिक बढ़कर 67.8 करोड़ लेनदेन तक पहुंच गया है, जो जनवरी 2024 की तुलना में 111 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।
पॉइंट-ऑफ-सेल (पीओएस) टर्मिनलों की संख्या 29 प्रतिशत बढ़कर 1.12 करोड़ हो गई है, जबकि भारत में क्यूआर की संख्या बढ़कर 67.2 लाख तक पहुंच गई है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि क्रेडिट कार्ड प्रीमियम खर्च करने वाले समाधान के रूप में विकसित हो रहे हैं।
जनवरी 2024 और जून 2025 के बीच सक्रिय क्रेडिट कार्डों की संख्या में 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि मासिक खर्च 2.2 ट्रिलियन रुपए को पार कर गया है।
हालांकि, औसत लेनदेन आकार में 6 प्रतिशत की गिरावट आई है, लेकिन यह दर्शाता है कि रोज़मर्रा की खरीदारी के लिए क्रेडिट कार्ड का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। इसके विपरीत, छोटे भुगतानों के यूपीआई में स्थानांतरित होने के कारण पीओएस पर डेबिट कार्ड का उपयोग लगभग 8 प्रतिशत कम हो गया है।